नाक बहना एक ऐसा लक्षण है जो हर किसी को कभी न कभी तो जरुर देखने को मिलता है। लेकिन यह स्थिति हर किसी में अलग-अलग हो सकती है। जैसे कुछ महिलाओं में यह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है, तो कुछ की हमेशा ही नाक बहती रहती है। नाक के डिस्चार्ज का रंग भी हर किसी में अलग-अलग हो सकता है। कुछ केसों में आपकी नाक से केवल एक क्लीयर फ्लूइड निकलता है।
कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, के जनरल फिजिशियन डॉक्टर विनय भट्ट बताते हैं कि कई लोगों को यह भी मालूम नहीं होता कि उन्हें किसी प्रकार की कोई एलर्जी है। वे बार-बार छींक आना, नाक बहना, हर समय नाक में खुजली रहना अथवा आंखों से पानी बहते रहना जैसे लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं।
ये अधिकांश एलर्जी के लक्षण हैं, पर सभी लक्षणों की कोई एक वजह नहीं है। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं। जैसे कि किसी पशु के बालों से एलर्जी या धूल और प्रदूषण या फिर किसी खास प्रकार की खुशबू या खाद्य पदार्थ से एलर्जी।
एलर्जी बहते हुए नाक का सबसे बड़ा कारण होती है। जब एलर्जी की वजह से आपकी नाक बहती है, तो इस स्थिति को एलर्जिक राइनीटिस कहा जाता है। जब आप कुछ बासी या सड़ा हुआ खा लेती हैं और इस चीज को लेकर आपका इम्यून सिस्टम रिस्पॉन्स करता है, तो आपकी नाक बहना शुरू हो जाती है।
इससे आपकी नाक में इंफ्लेमेशन हो जाती है और म्यूकस इक्कठा होना शुरू हो जाता है। इसमें आपको छींकें आ सकती हैं, नाक के साथ आंख और मुंह में भी खुजली हो सकती है।
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यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें आपकी नाक के बहने का कारण एलर्जी नहीं होती है। यह बिना किसी एलर्जी या इन्फेक्शन के हो जाता है। इसके कुछ कारण निम्न हैं :
कई बार खाने के कारण भी आपकी नाक बहने लग जाती है। ऐसा अधिकतर जब होता है जब आप अधिक तीखा या गर्म खा लेते हैं।
अगर आप कॉन्ट्रेसप्टिव या बीटा ब्लॉकर अधिक खाती हैं, तो भी आपकी नाक बहने की समस्या अधिक बढ़ सकती है या कुछ समय के लिए आ सकती है।
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कस्टमाइज़ करेंअगर आप सिगरेट पीती हैं या धूम्रपान करती हैं, धूल मिट्टी में या प्रदूषण में अधिक रहती हैं, परफ्यूम आदि का प्रयोग करती हैं, तो भी आपका नाक बह सकती है।
अगर तापमान या नमी में थोड़ा बहुत बदलाव होता है, तो भी आपको यह एलर्जी अधिक बढ़ सकती है और आपका नाक बहना शुरू हो सकता है।
अगर आप अधिक स्ट्रेस लेती हैं या आपके हार्मोन्स बदलते हैं, तो भी आपकी नाक बहना शुरू हो सकती है।
अगर आपको बुखार, जुखाम या वायरल इंफेक्शन हो जाता है, तो भी आपके नाक में अधिक म्यूकस इकट्ठा हो सकता है। इससे आपके नाक से एक क्लीयर फ्लूइड निकल सकता है। इसके साथ ही आपको खांसी, छींक, बुखार और थकान जैसी दिक्कत भी हो सकती है।
कुछ गर्भवती महिलाओं में भी नाक बहने की समस्या आम होती है। अगर आपको पहले भी इंफेक्शन या एलर्जी रह चुकी हो, तो आपके यह लक्षण और अधिक बढ़ जाते हैं। इस कारण हार्मोन्स में भी बदलाव आ सकता है।
यह बच्चों से ज्यादा बड़ों में अधिक कॉमन है। यह तब होती है जब आपके नाक में कुछ ऐसी चीज अटक जाती है, जो वहां नहीं अटकनी चाहिए। बच्चों में ऐसा रबर या बीड्स आदि के फंसने के कारण हो जाता है।
अगर आप को यह सब तरकीब अपनाने के बाद भी इस स्थिति से आराम नहीं मिल रहा है और आपकी बहती नाक को 10 दिन से अधिक समय हो चुका है। तो आपको अब डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए। वह आपको कुछ स्प्रे या ओटीसी दवाइयां सुझा देंगे। जिनका प्रयोग आप को कुछ दिनों तक करना होगा और आप जल्द ही ठीक हो जाएंगी।