पिछले महीने में कोविड-19 के संक्रमण के मामलों में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है। मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ के अनुसार 20 जुलाई तक भारत का कोरोना काउंट दस लाख पार कर चुका है, लेकिन इसमें 7.25 लाख मरीज़ रिकवर हो चुके हैं। इस डेटा को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि कोविड-19 का रिकवरी रेट बेहतर है।
कोविड-19 से रिकवर हुए लोग अब अपना अनुभव साझा कर रहे हैं, क्या सिम्पटम्स थे, क्वारन्टीन सेंटर्स, हेल्थ वर्कर इत्यादि को धन्यवाद देते हुए वीडियोज बना रहे हैं। इसी के साथ कोविड-19 का एक और पहलू सामने आया है। वह यह कि कोविड-19 आपके मन पर भी दुष्प्रभाव डाल रहा है।
मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल की इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ मंजूषा अग्रवाल बताती हैं, “कोविड-19 हमारे शरीर को तो नुकसान पहुंचाता ही रहा है, हमारे आत्मविश्वास पर भी चोट करता है।”
रिकवरी का समय पूरी तरह से केस की गम्भीरता पर निर्भर करता है। डॉ अग्रवाल बताती हैं कि डिसचार्ज किये जाने के बाद भी 15 दिन बाद फ़ॉलो अप किया जाता है। डॉ. अग्रवाल बताती हैं, “लगभग 80% केस गम्भीर नहीं होते, और मरीज़ कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं। गम्भीर मामलों में एक महीना तक लग जाता है।”
किसी भी पेशेंट को 90 प्रतिशत स्वस्थ होने के बाद ही घर भेजा जाता है। उसके बाद उन्हें 7 से 10 दिन के लिए घर पर ही आइसोलेट रखा जाता है।
वे आगे बताती हैं, “रिकवरी के दौरान मरीज़ कमजोरी, सांस फूलना, भूख न लगना और तनाव जैसी समस्याओं से गुजरते हैं। कई मरीजों को नींद नहीं आती, उलझन होती है। कोविड-19 से जुड़ा स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। लोगों में डर है कि ठीक होने के बाद वो दोबारा संक्रमित तो नहीं हो जाएंगे। रिकवरी के बाद भी कहीं वह कोविड-19 स्प्रेड तो नहीं कर रहे, यह भी मरीज़ों की बड़ी चिंता है। कोविड-19 एक तरह से हमारे मन की शांति छीन लेता है।”
1. प्रोटीन युक्त भोजन लें
2. जंक फूड और मिर्च मसाले से दूर रहें
3. स्पाईरोमीटर की मदद से घर पर श्वास की एक्सरसाइज करें
4. प्राणायाम करें
5. घर पर ही वॉकिंग और अन्य हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।
डॉ अग्रवाल बताती हैं,”रिकवरी में आपके शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ ऐंटीबॉडी बन चुकी हैं, इसलिए आपको दोबारा संक्रमण होने की सम्भावना न के बराबर है।”
जितना कम स्ट्रेस लेंगे उतना बेहतर है, क्योंकि कोविड-19 से रिकवरी ही काफी नहीं है, उसके डर को भी आपको दिमाग से निकालना होगा। अपना ध्यान रखें, इस बीमारी या इससे जुड़े अनुभवों को खुद को डराने न दें। भरपूर आराम करें।