डायबिटीज (Diabetes), स्ट्रोक (Stroke), हार्ट अटैक (Heart attack) यह सब बीमारियां मानो इस खराब लाइफस्टाइल का नतीजा हैं और ये सभी तेजी से हमारे आसपास के लोगों और हमारी जिंदगी में देखने को मिलने लगे हैं। इनमें अब एक नई बीमारी जुड़ गई है, जिसका नाम है नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर डिज़ीज (Non Alcoholic Fatty Liver Disease)।
पहले लोगों को यह गलत फहमी रहती थी कि यह बीमारी केवल उन लोगों को होती है, जो शराब पीते हैं, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। अगर आप शराब नहीं भी पीती, तो भी आपको बहुत से अन्य कारणों से यह बीमारी हो सकती है।
इस स्थिति में फैट आपके एक ऑर्गन (Organ) में जमा हो जाता है। हालांकि थोड़े बहुत फैट से दिक्कत नहीं होती, लेकिन जब यह फैट आपके लीवर के वजन से 10 गुणा अधिक बढ़ जाता है तो यह एक समस्या बन जाता है।
अगर आपको नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर डिज़ीज (Non Alcoholic Fatty Liver Disease) बीमारी होती है तो आपके पूरे शरीर में अधिक खुजली होने लगती है और यह पित्त के घटने या बढ़ने के कारण होता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक आपको अधिक खुजली हथेली में, हाथ और पैरों में अधिक होती है, लेकिन हर व्यक्ति के लिए यह अलग-अलग हो सकता है।
अगर आपको नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर डिज़ीज (Non Alcoholic Fatty Liver Disease) बीमारी होती है तो आपके एब्डोमिनल भाग में एक फ्लूइड इक्कठा हो जाता है जिस कारण आपके पेट के आस पास सूजन आ जाती है।
चक्कर आना और बात करने में दिक्कत होना।
आपका लीवर पित्त (बाइल जूस) सीक्रेट करता है जो आपकी भूख को कंट्रोल करती है। अगर इसमें बदलाव होंगे तो आपकी भूख में भी बदलाव हो सकता है।
अगर आपको अचानक से थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है तो यह केवल आपकी मानसिक समस्या ही नहीं बल्कि नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज भी हो सकती है।
अगर आप अपनी स्किन के लिए हर चीज कर रहे हैं लेकिन फिर भी वह पीली दिख रही है तो हो सकता है इसका कारण आपका लीवर हो इसलिए इसे चेक जरूर कराएं।
गर्म पानी की बजाए ठंडे पानी में नहाएं।
माइल्ड साबुन या शैंपू का ही प्रयोग करे ।
ठंडी जगह में रहें और ज्यादा धूप में बाहर न निकलें।
हल्के रंग के कपड़े पहने।
इसके साथ ही आपको एक हेल्दी और बैलेंस डाइट खानी होगी, जिसमें नमक और शुगर कम होगी।
रोजना आधे से एक घंटे तक एक्सरसाइज करें।
अगर आप मोटी हैं, तो नियमित रूप से अपना चेकअप करवाती रहें।
रिफाइंड कार्ब्स को जितना हो सके उतना अवॉयड करें।
जो लोग ओबीस होते हैं, उन्हें इस बीमारी का रिस्क सबसे अधिक होता है। इसलिए अब अपने वजन को गंभीरता से लें और इसके लिए एक्शन लेना शुरू कर दें।
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