इस समय बेहतर प्रतिरक्षा हम सभी के लिए एक अपरिहार्य आवश्यकता है। उम्र, जाति, धर्म, लिंग, जातीयता, आदि भी इसे प्रभावित नहीं कर सकती। मौजूदा अभूतपूर्व समय में, हमारी प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को सुधारने और उन्हें संतुलन करने का जरूरी समय है।
यह कुछ लोगों को आश्चर्यचकित कर सकता है, लेकिन इसका समाधान हमारे गट हेल्थ (Gut health) यानी पेट के स्वास्थ्य को सुधारना ही है। हमारी आंत सूक्ष्मजीवों के एक विशाल और जटिल समुदाय का घर है। इनका साथ रहना हमारे समग्र स्वास्थ्य, और विशेष रूप से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में असर करता है। वास्तव में, आंत को “दूसरा मस्तिष्क” भी कहा जाता है। इस तरह, आंत में मौजूद सूक्ष्मजीवियों का संतुलन हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने में मददगार होता है।
आंत प्रतिरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होस्ट करता है और मामूली गड़बड़ी हमारे शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित कर उसे नुकसान पहुंचाती है। इसलिए, सही जीवनशैली बनाए रखना आंत एवं पेट के स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारे संपूर्ण शरीर के लिए बहुत जरूरी है।
हमारी गट हेल्थ और इम्यूनिटी को उन कारकों के कारण समझौता करना पड़ता है, जो हम जाने-अनजाने खुद ही करते हैं। जैसे उम्र का बढ़ना, धूम्रपान, शराब, फास्ट फूड, और अपनी समझ से एंटीबायोटिक्स या अन्य दवाओं का सेवन करना।
अगर हम चाहते हैं कि हमारे पेट में पर्याप्त मात्रा में गुड बैक्टीरियाज बनते रहें तो हमें इन सब चीजों पर यथासंभव रोक लगानी चाहिए।
आंत में मौजूद माइक्रोबायोइज्म को विनियमित करने के लिए यह जरूरी है कि वहां गुड बैक्टीरियाज की उपलब्धता रहे। जिन्हें हम प्रोबायोटिक्स कहते हैं। यह इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार होते हैं।
चिकित्सकीय रूप से कहें तो अब इसके बारे में लोगों की समझ बढ़ने लगी है। और अब वे अपनी वेलनेस के लिए इस पर समुचित ध्यान दे रहे हैं। प्रोबायोटिक्स को दही जैसे खाद्य पदार्थों के माध्यम से या हमारे दैनिक आहार में कुछ खास फूड्स को शामिल करके लिया जा सकता है। प्रोबायोटिक्स या गुड बैक्टीरियाज वास्तव में हमारी इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार होते हैं। यह दूध एवं दूध से बने अन्य आहार जैसे दही और फर्मेंटेड खाद्य पदार्थों के माध्यम से प्राप्त किए जा सकते हैं।
बेहतर प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए एक और वैकल्पिक तरीका यह है कि हम शरीर में उन अवययों को पहुंचाएं जो गुड बैक्टीरियाज को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। और इस तरह की सामग्री को प्रीबायोटिक्स कहा जाता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
प्रीबायोटिक्स का सबसे अच्छा स्रोत फल और सब्जियां हैं। इसलिए, एक स्वस्थ आहार को बनाए रखना जिसमें बहुत सारे फल और सब्जियां शामिल हैं, एक मजबूत आंत और बेहतर प्रतिरक्षा को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
एक हेल्दी डाइट के अलावा आप पूरक आहार की मदद से भी प्री बायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स को बढ़ाकर अपनी इम्यूनिटी मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।
सामान्य तरीके से आगे बढ़ना ज्यादा आसान होता है। पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि समझदारी से उठाया हमारा हर कदम हमें बेहतर स्वास्थ्य प्रदान कर सकता है। चूंकि उपचार से परहेज हमेशा बेहतर होता है। तो इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए जरूरी है कि शुरूआत अपनी गट हेल्थ से की जाए।