कई अध्ययनों में पाया गया है कि रात की अच्छी नींद लेने से आपका शरीर तरोताजा रहता है। जिससे आप में एनर्जी बनी रहती है। अब जर्मनी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि एक पर्याप्त नींद लेने से हमारे शरीर में मौजूद टी सेल्स (कोशिका), जो हमारे शरीर में इम्यून सेल्स की तरह ही काम करते हैं, उनकी संख्या में विस्तार होता है। टी सेल्स हमें अनेक बीमारियों से बचाते हैं, जैसे बुखार, कैंसर, हरपीज और एचआईवी आदि।
अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग रात में पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं, वो लोग वायरस के संपर्क जल्दी आते हैं। जिससे उनके बीमार होने की संभावना अधिक होती है। वहीं अगर आप पूरी नींद लेते है तो आप बीमारी में तेजी से ठीक हो जाते हैं।
सोते समय आपका इम्यून सिस्टम साइटोकिन्स नामक प्रोटीन छोड़ता है। ये प्रोटीन आपकी नींद को बढ़ाने में मदद करते है। इसके साथ ही ये संक्रमण, सूजन और तनाव में राहत दिलाता है। इसलिए आपको साइटोकिन्स को बढ़ाने की आवश्यकता होती है। जबकि नींद की कमी से साइटोकिन्स के उत्पादन में कमी होती है।
ʹन्यूकेसल विश्वविद्यालयʹ के शोधकर्ताओं की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हमने 20 से 24 वर्ष के आयु वर्ग के पुरुषों पर एक अध्ययन किया। निष्कर्ष में सामने आया कि पूरी रात जागकर काम करना, देर रात तक काम करना या फिर नींद को पूरा न होने देना पेट में अल्सर के खतरे को बढ़ाता सकता है।
ब्रिटेन में 38 साल से लेकर 73 साल के 4 लाख 30 हजार लोगों पर की गई एक रिसर्च में भी यही बात सामने आई है। इंग्लैंड की सर्री (surrey) यूनिवर्सिटी के रिसर्चर और इस रिपोर्ट के सह-लेखक मैल्कम वैन शेंटज कहते हैं कि देर रात तक जागना, लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा मसला है। इसे अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
शिकागो की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिसर्चर और रिपोर्ट के सह-लेखक क्रिस्टन कनटसन कहते हैं, ‘रात में जागने वालों में शारीरिक समस्याएं भी अधिक होती हैं।’
शोधकर्ताओं ने देखा कि जो लोग रात को जागते हैं, उनमें मृत्यु की आशंका, रात को जल्दी सोने वालों की अपेक्षा 10 प्रतिशत अधिक होती है। देर रात तक जागने वाले समूह के लोग डायबिटीज, पेट और सांस की तकलीफ, हृदय की समस्या, मनोवैज्ञानिक विकार, कम नींद की समस्या से भी ग्रस्त होते हैं।
रात में जागने के कारण इनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन, बेचैनी, एकाग्रता की कमी, बदन व सिर में दर्द, भूख कम लगना, थकान, आँखें भारी होना, खून की खराबी, अजीर्ण, त्वचा पर झुर्रियां पड़ना, माइग्रेन, कार्यक्षमता घटना आदि परेशानियां दिखाई देती है।
इसके अलावा, संक्रमण से लड़ने वाले एंटीबॉडी और सेल्स (कोशिका) पीरियड्स के दौरान कम हो जाती हैं जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते है इसलिए रात को जल्दी नींद लें और सुबह जल्दी उठें।
शोध के मुताबिक रात को देर से सोने वाले लोगों में मौत का जोखिम इसलिए भी अधिक होता है क्योंकि वे देर से सोकर उठते हैं। जिस वजह से इनकी बायोलॉजिकल क्लॉक अपने आसपास के वातावरण से मेल नहीं खाती। शोधकर्ताओं की टीम ये दावा करती है कि गलत समय पर खाना, शारीरिक गतिविधियां कम करना, अच्छे से न सोना, शारीरिक व्यायाम न करने से लोगों को मानसिक तनाव हो सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंइन सब के अलावा रात को देर से सोने वाले लोगों में ये लक्षण भी मिलते हैं, जैसे बालों का तेजी से सफेद होना, आपके नाखून का खराब होना, आपके चेहरे पर डार्क सर्कल और मुंहासे आना और आपको बाल झड़ने जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है इसलिए पूरी नींद लें और स्वस्थ जीवन बिताएं।
डियर गर्ल्स, हम नहीं चाहते कि आपको बेवजह इतनी सारी समस्याओं का सामना करना पड़े। इसलिए आज ही से अपने सोने का समय निश्चित करें। इसमें रात 10 बजे के बाद वाली कोई वेब सिरीज या टीवी शो शामिल नहीं होगा, है न!
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