scorecardresearch

विटामिन डी की कमी भी हो सकती है टाइप 2 डायबिटीज के लिए जिम्‍मेदार, रहें सावधान

बहुत कम लोग जानते हैं कि विटामिन डी की कमी भी टाइप 2 डायबिटीज को जन्‍म दे सकती है। इस बारे में एक्‍सपर्ट बता रहे हैं विस्‍तार से।
Written by: Dr. S.S. Moudgil
Updated On: 10 Dec 2020, 12:44 pm IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
विटामिन डी की कमी डायबिटीज का जोखिम बढ़ा सकती है। चित्र: शटरस्‍टाॅॅॅक
विटामिन डी की कमी डायबिटीज का जोखिम बढ़ा सकती है। चित्र: शटरस्‍टाॅॅॅक

डायबिटीज एक चयापचय (मेटाबोलिक) रोग है, जो रक्त में उच्च शर्करा स्‍तर का कारण बनता है। इसके लिए कई कारण जिम्‍मेदार हो सकते हैं। पर इस संदर्भ में हुए कुछ शोध में यह भी सामने आया है कि विटामिन डी की कमी भी टाइप 2 डायबिटीज के लिए जिम्‍मेदार हो सकती है। डायबिटीज होने पर शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता।

टाइप 2 डायबिटीज के कारण

फैमिली हिस्ट्री, मोटापा, धूम्रपान, अस्वास्थ्यकर आहार, व्यायाम की कमी, कुछ दवाओं के उपयोग, जिसमें मिर्गी की दवाएं और एचआईवी के लिए कुछ दवाएं शामिल हैं, कुछ जातीय समूहों के लोग टाइप 2 डायबिटीज विकसित करने की अधिक संभावना रखते हैं।

सीडीसी के अनुसार, इनमें काले और हिस्पैनिक लोग, मूल अमेरिकी भारतीय और मूल निवासी अलास्का, प्रशांत द्वीप समूह और एशियाई मूल के कुछ लोग शामिल हैं।

क्‍या हैं टाइप 2 डायबिटीज के शुरुआती लक्षण

प्यास और पेशाब में वृद्धि, भूख बढ़ना, धुंधली नजऱ, थकान और हाथ और पैरों में सुन्नता या झुनझुनी, घाव जो ठीक होने में लंबा समय लेते हैं, कई वर्षों में अकारण वजन घटना।

टाइप 2 डायबिटीज के दुष्‍प्रभाव

मधुमेह वाला व्यक्ति रक्त शर्करा के अपर्याप्त स्तर के कारण लक्षणों और जटिलताओं का अनुभव कर सकता है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम के अन्य पहलू भी टाइप 2 मधुमेह के साथ होते हैं, जिनमें मोटापा, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग शामिल हैं। सूजन एक भूमिका निभाती है।

लो-शुगर, हाई फाइबर सब्जियां डायबिटीज को कंट्रोल करती है। चित्र: शटरस्‍टाॅक

गंभीर भी हो सकते हैं टाइप 2 डायबिटीज के प्रभाव

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

हृदय रोग, जिसमें दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा भी शामिल है। गुर्दे की बीमारी और गुर्दे की विफलता,आंखों की समस्याएं और दृष्टि हानि हो सकती है। रक्त वाहिकाओं व नर्वज की क्षति, कीटोएसिडोसिस का जोखिम, घाव भरने के साथ अन्‍य समस्याएं, गैंग्रीन इसके अतिरिक्त लक्षणों में शामिल हैं, सांस लेने मे तकलीफ, सांस में एक अलग तरह की गंध आना, मतली और उल्टी, शुष्क मुंह रहना या गहरी बेहोशी भी हो सकती है।

क्‍या है विटामिन डी और टाइप 2 डायबिटीज का लिंक

विटामिन डी-अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि विटामिन डी टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह दोनों को रोकने में मदद कर सकता है। तथा कुछ अध्ययनों के अनुसार, विटामिन डी का निम्न स्तर टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह दोनों के विकास में भूमिका निभा सकता है।

2017 में प्रकाशित एक समीक्षा से पता चलता है कि जब किसी व्यक्ति में विटामिन डी की कमी होती है, तो शरीर में कुछ प्रक्रियाएं, जैसे कि प्रतिरक्षा और इंसुलिन संवेदनशीलता, के रूप में अच्छी तरह से काम नहीं कर पाता। वैज्ञानिकों के अनुसार, इससे व्यक्ति को मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।

धूप में रहना आपको डायबिटीज से भी बचा सकता है। चित्र: शटरस्‍टाॅॅॅक

क्‍या हो सकता है बचाव

टाइप 2 डायबिटीज से बचने के लिए अपने लाइफ स्‍टाइल को दुरुस्‍त रखना सबसे जरूरी है। पर इसके साथ यह भी जरूरी है कि आप सुबह जल्‍दी उठने की आदत डालें। यह आपको व्‍यायाम और संतुलित भोजन दोनों के लिए प्रेरित करेगा।

इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि आप सुबह का 15 से 20 मिनट का समय ताजी धूप में बिताएं। विटामिन डी का प्राथमिक स्रोत धूप के संपर्क में आना है। इसलिए इस तरह आप प्राकृतिक रूप से विटामिन डी ले सकते हैं।

विटामिन डी कुछ खास खाद्य पदार्थों में भी मौजूद होता है। इन खाद्य स्रोतों में तैलीय मछली और डेयरी उत्पाद शामिल हैं। इन्‍हें उचित मात्रा में अपने आहार में शामिल करें।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
संबंधित विषय:
लेखक के बारे में
Dr. S.S. Moudgil
Dr. S.S. Moudgil

Dr. S.S. Moudgil is senior physician M.B;B.S. FCGP. DTD. Former president Indian Medical Association Haryana State.

अगला लेख