इन दिनों पूरी दुनिया में आर्थराइटिस के मामले बहुत बढ़ गए हैं। ग्लोबल रयूमेटॉयड अर्थराइटिस नेटवर्क 2021 के अनुसार, पूरी दुनिया में 35 करोड़ से अधिक लोग अर्थराइटिस से पीड़ित हैं। खासकर रयूमेटॉयड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) के मामले इन दिनों बहुत बढ़ गए हैं। रयूमेटॉयड अर्थराइटिस ऑटोइम्यून बीमारी है, जो आमतौर पर जोड़ों में दर्द, सूजन और अंततः स्थायी रूप से ज्वाइंट डैमेज का कारण बनती है। हालिया शोध बताते हैं कि रयूमेटॉयड अर्थराइटिस में वीगन डाइट कारगर हैं। वीगन डाइट से इस डिजीज का स्कोर घट जाता है (vegan diet for rheumatoid arthritis)। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
इन दिनों पूरी दुनिया में वीगनिज़्म (Veganism) का बोलबाला है। पशुओं के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित करने, पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग बढ़ाने और लैक्टोज इनटॉलरेंस के कारण लोग इन दिनों पशुओं से प्राप्त आहार को लेना नहीं चाहते हैं। इसके बदले में वे पेड़-पौधों से प्राप्त आहार लेते हैं।
ऐसे आहार, जिनके लिए निर्भरता सिर्फ पेड़-पौधों पर हो। पेड़-पौधों से प्राप्त आहार को ही वीगन डाइट (Vegan diet) कहा जाता है। एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाला यह डाइट कई स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम से भी बचाव करता है।
अमेरिका के फिजिशियन कमेटी फॉर रिस्पॉन्सिबल मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने अप्रैल 2022 में एक स्टडी की। इसमें रयूमेटॉयड आर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) से पीड़ित लोगों को लो फैट वीगन डाइट दी गई। इस दौरान उनके कैलोरी इनटेक को भी प्रतिबंधित नहीं किया गया।
स्टडी में पाया गया कि न सिर्फ प्रतिभागियों के जोड़ाें के दर्द में सुधार हुआ, बल्कि उनका वजन भी घट गया और कोलेस्ट्रॉल लेवल में भी सुधार हुआ। इस स्टडी को अमेरिकन जर्नल ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन में भी प्रकाशित किया गया।
इस अध्ययन के दौरान रयूमेटॉयड अर्थराइटिस से पीड़ित 44 वयस्कों को 16 सप्ताह के लिए दो समूहों में बांटा गया। पहले समूह ने 4 सप्ताह के लिए वीगन डाइट का पालन किया। इस दौरान कोई भी अतिरिक्त खाद्य पदार्थ नहीं दिया गया।
चौथे सप्ताह बाद वीगन फूड के अलावा, कुछ एडिशनल फूड दिए गए। कुछ दिनों बाद दोबारा से उन्हें सिर्फ वीगन डाइट पर रखा गया। नौवें सप्ताह से दोबारा थोड़ी मात्रा में एडिशनल खाद्य पदार्थ दिए जाने लगे। इस दौरान प्रतिभागियों ने अपना भोजन भी खुद तैयार किया था। दूसरे समूह ने हर तरह के आहार का सेवन किया, लेकिन उन्हें रोज प्लेसिबो कैप्सूल (Placebo Capsule) लेने के लिए कहा गया।
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कस्टमाइज़ करेंअध्ययन के दौरान यह पाया गया कि वीगन डाइट लेने के दौरान, डीएस 28 में औसतन 2 अंक की कमी आई, जो जोड़ों के दर्द में अधिक कमी का संकेत देती है। जबकि प्लेसबो चरण में 0.3 अंक की कमी आई है। वीगन डाइट चरण में सूजन वाले जोड़ों की औसत संख्या 7.0 से घटकर 3.3 हो गई, जबकि प्लेसीबो चरण में यह संख्या वास्तव में 4.7 से बढ़कर 5 हो गई।
डीएस (Disease Activity Score) के माध्यम से रयूमेटॉयड आर्थराइटिस में डिजीज एक्टिविटी मापा जाता है। यहां 28 कहने का मतलब है कि परीक्षण के दौरान 28 ज्वाइंट को जांचा गया। प्लेसिबो कैप्श्यूल डमी ट्रीटमेंट को कहा जाता है। यह एक ऐसा ट्रीटमेंट है, जिसमें मरीज को ठीक करने के लिए दवाइयां तो दी जाती हैं, लेकिन वास्तव में वे नकली दवाइयां होती हैं, मतलब उन्हें दवा नहीं दी जाती है।
वीगन डाइट लेने वाले अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों में दर्द और सूजन में कमी के अलावा, शरीर के वजन में औसतन लगभग 14 पाउंड की कमी भी देखी गई। उनका बैड कॉलेस्ट्रॉल भी घटा हुआ पाया गया।
चीन के झेजियांग यूनिवर्सिटी में हुई एक स्टडी के अनुसार, वीगन डाइट इनफ्लेमेशन के कारण होने वाले रोगों जैसे कि गठिया से बचाव करता है। साथ ही नॉन वेज खाने वालों की तुलना में वीगन डाइट लेने वाले लोगों में अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना कम होती है। उनका ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम होता है।
वर्ष 2014 में अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, वीगन डाइट लेने वाले लोगों में विटामिन बी-12, विटामिन डी, कैल्शियम और एसेंशियल फैटी एसिड का ब्लड लेवल कम हो सकता है।
ये विटामिन और मिनरल्स बोंस हेल्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लो फैटी एसिड लेवल कई कार्डियोवस्कुलर जोखिम कारकों से भी जुड़े होते हैं। वीगन डाइट लेने वाले लोगों में होमोसिस्टीन का लेवल हाई भी हो सकता है। यह एक एमिनो एसिड हैं, जो हृदय रोग से जुड़ा है।
अध्ययनकर्ता चेताते हैं कि यदि अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति वीगन डाइट लेना शुरू करते हैं, तो पहले अपने डॉक्टर की सलाह ले लें।
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