हम ज्यादातर समय अपने कानों में ईयरफोन रखते हैं, चाहे वह जूम मीटिंग के लिए हो, हमारे पसंदीदा ट्रैक सुनने के लिए हो, गेम खेलने के लिए हो या सिर्फ बाहर के शोर से राहत पाने के लिए हो। असल में इयरफोन का हमारे जीवन का अटूट हिस्सा बनते जाना चिंता का कारण है। आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि ऐसा क्यों है? यदि आपके इयरलोब में लंबे समय तक ईयरफोन प्लग रहते हैं, या बहुत अधिक समय तक आप उन्हें अपने कानों में पहने रखती हैं, तो यह एक अच्छा संकेत नहीं है।
समस्या यह है कि उन इयरफोन से आने वाली आवाज सीधा आपके ईयरड्रम नजदीक से स्पर्श करती है, जो कि गंभीर स्थितियों में, इयरड्रम को स्थायी नुकसान भी पहुंचा सकती है।
ग्लोबल हॉस्पिटल मुंबई की कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉ. मंजूषा अग्रवाल ने ईयरफोन पहनने से जुड़ी कई और स्वास्थ्य समस्याओं पर प्रकाश डाला। आइए इन पर एक नज़र डालते हैं।
क्या आप ईयरफोन के माध्यम से संगीत सुनती हैं या बात करती हैं? फिर, आपको इसके उपयोग को सीमित करना चाहिए, क्योंकि तेज आवाज के कारण ईयर केनाल (ear canal) में दबाव बढ़ सकता है। जो बदले में, आपको चक्कर महसूस कराएगा।
अपने ईयरफोन को कानों में अधिक समय तक प्लग रहने देने से, आप खुद को नुकसान पहुंचाएंगी। आप यह जानकर चौंक जाएंगी कि इयरफोन के माध्यम से असुरक्षित सुनने की आदतों से स्थायी या अस्थायी हीयरिंग लॉस (Hearing loss) हो सकता है। बाल कोशिकाएं कंपन के कारण अपनी संवेदनशीलता खो देती हैं और वे बहुत नीचे झुक जाती हैं। यह अस्थायी या स्थायी सुनवाई हानि का कारण बनता है।
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इयरफोन को सीधा ईयर केनाल (ear canal) में प्लग किया जाता है, जो कि वायु मार्ग को ब्लॉक करते हैं। इससे कान के संक्रमण को आमंत्रित किया जा सकता है। ईयरफोन का उपयोग करने से बैक्टीरिया का विकास होता है, जो कि ईयरफोन पर रहता है। इसके अलावा, यदि इनका उपयोग बढ़ता है तो यह कान को संक्रमित कर सकता है।
इसलिए, इयरफोन को साझा करने से बचें क्योंकि जिस व्यक्ति के साथ आप ईयरफोन शेयर करते हैं उसके कान में आपके कान के बैक्टीरिया को स्थानांतरित किया जाएगा। जिससे वह व्यक्ति गंभीर रुप से कान संक्रमण से पीड़ित हो सकता है।
क्या आपको यात्रा करते समय या काम करते समय ईयरफोन का उपयोग करने की आदत है? फिर, सावधान रहें। डॉ. अग्रवाल कहती हैं कि लंबी अवधि के लिए ईयरफोन का उपयोग करने से ईयर वैक्स का विकास होगा जो कान के संक्रमण, सुनने की समस्या या टिनिटस के जोखिम को बढ़ाता है।
अगर आप कान में ठीक से फिट नहीं होने वाले ईयरफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको कान में दर्द की समस्या देखने को मिल सकती है। या आप लंबे समय तक इयरफोन का उपयोग करती हैं? तो आप गलत कर रही हैं, क्योंकि ऐसा करने से आपके कान में दर्द और व्यथा पैदा हो सकती है।
बहुत अधिक शोर आपकी मन की शांति को चुरा सकता है। NIHL न केवल तेज शोर के कारण हो सकता है, बल्कि लंबे समय तक ईयरफोन का उपयोग करने के कारण भी हो सकता है।
तेज शोर आपके कोक्लीय (cochlea) में बालों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है जिससे कान या सिर में गर्जने या बजने का शोर पैदा हो सकता है। इस शोर को टिनिटस कहा जाता है।
जो लोग टिनिटस से पीड़ित होते हैं वे सामान्य पर्यावरणीय ध्वनियों के लिए भी उच्च संवेदनशीलता विकसित करने के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं और इसे हाइपराक्यूसिस कहा जाता है।
डॉ. अग्रवाल सुझाव देती हैं कि, ईयरफोन का उपयोग प्रति दिन एक घंटे से अधिक नहीं करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप अपने उपयोग को सीमित करते हैं और कान में दर्द को दूर रख सकते हैं या हियरिंग लॉस से बचाव कर सकती हैं।
तो लेडीज, अपने इयरफोन से ब्रेक लेना न भूलें।
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