सर्द हवाओं में जैसे जैसे ठिठुरन बढ़ने लगती है, उसी तरह से पानी की प्यास कम होने लगती है। ऐसे में अधिकतर लोग निर्जलीकरण का शिकार हो जाते है। इसके चलते अधिकतर लोग थकान, मांसपेशियों में ऐंठन, कमज़ोरी महसूस करने लगते है और पाचन संबधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। कुछ लोग इसे शारीरिक कमज़ोरी और बढ़ती उम्र के लक्षण मानने लगते हैं। मगर असल पानी की कमी इन समस्याओं को बढ़ा देती है। जानते हैं सर्दियों में निर्जलीकरण के कारण शरीर में दिखने वाले लक्षण और इससे राहत पाने के उपाय भी।
हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार सर्दियों में महिलाओं को 11.5 कप पानी की आवश्यकता होती है। वहीं पुरूषों को 15.5 कप पानी पीना चाहिए। ऐसे में शरीर में पानी का उचित स्तर बनाए रखने के लिए हर थेड़ी देर में पानी अवश्य पीएं।
इस बारे में फिज़िशियन डॉ करन रंजन बताते हैं कि डिहाइड्रेशन होने पर शरीर में थकान महसूस होने लगती है। इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, शुगर क्रेविंग बढ़ना और आंखों में ड्राईनेस महसूस होती है। सर्दी के मौसम में देर तक पानी न पीने से डिहाइड्रेशन का सामना करना पड़ता है। एक्सपर्ट के अनुसार डिहाइड्रेशन से छुटकारा पाने के लिए हर थोड़ी देर में तरल पदार्थों का सेवन करें। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बना रहता है।
शरीर में पानी की कमी थकान का कारण बनने लगती है। इससे व्यक्ति किसी भी कार्य को पूरी एनर्जी के साथ नहीं कर पाता है और वर्क प्रोडक्टिविटी भी प्रभावित होने लगती है। इसके अलावा शरीर में कमज़ोरी महसूस होने लगती है और चक्कर आना व मतली का भी जोखिम बढ़ जाता है।
मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्टस एंड एक्सरसाइज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार शरीर में पानी की कमी कॉग्नीटिव कार्यों में बाधा बनने लगती है। इससे किसी भी कार्य में एकाग्रता की कमी बढ़ने लगती है और चीजों को भूलने का भी खतरा बढ़ जाता है।
शरीर में पानी की कमी मांसपेशियों में ऐंठन को बढ़ा देता है और चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल, पानी की मात्रा बनी रहने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन उचित बना रहता है, जिससे मसल्स में लचीलापन बना रहता है।
शरीर में पानी की भरपूर मात्रा न होने से कमज़ोरी महसूस होने लगती है। ऐसे में व्यक्ति का मन मीठा खाने के लिए ललचाने लगता है। दरअसल, शुगर से शरीर को इंस्टेंट एनर्जी की प्राप्ति होती है। वे लोग जो निर्जलीकरण से ग्रस्त हों, उनमें मीठे के लिए क्रेविंग बढ़ जाती है।
पानी की कमी के चलते मुंह में स्लाइवा का प्रोडक्शन कम होने लगता है। ऐसे में मुंह में बैक्टीरिया का प्रभाव बढ़ जाता है, जो दुर्गंध का कारण बनने लगता है। ओरल हाइजीन का बनाएरखनेके लिए हर थोड़ी देर में घूंट घूंट कर पानी अवश्य पीएं।
आहार में संतरा, किन्नू, कीवी और खीरा समेत उन खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जिनमें पानी की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर में एनर्जी का उचित स्तर बना रहता है और शरीर भी एक्टिव रहता है। इससे शरीर को विटामिन और मिनरल की भी प्राप्ति होती है।
कैफीन युक्त पेय पदार्थों को हेल्दी हॉट ड्रिंक्ससे रिप्लेस कर दें। इससे शरीर में पानी का स्तर उचित बना रहता है। दरअसल, कैफीन के सेवन से बार बार यूरिन पास करने की समस्या बनी रहती है, जिससे शरीर में निर्जलीकरण की समस्या बनने लगती है।
सादे पानी में मिंट लीव्स, खीरा, संतरा और बीटरूट को एड करके शरीर को पानी और पोषण दोनों की प्राप्ति होती है। दरअसल, एसिडिक और शुगरी पेय पदार्थ शरीर में निर्जलीकरण का कारण बनने लगते है। इससे बचने के लिए प्लेन पानी की जगह फ्लेवर्ड वॉटर पीएं।
इसके अनुसार सुबह चाय के मग के साथ एक मग पानी का पीएं। दोपहर में खाने से पहले पानी पीएं। शाम की चाय से पहले भी इस रूल को फॉलो करें। इसी तरह दिनभर कोई भी मील लेने से पहले इस रूल को फॉलो करना न भूलें।