कोरोना वायरस मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही अब इससे ठीक होने वालों की दर में भी इजाफा हुआ है। पर जैसे-जैसे समय बीत रहा है, यह वायरस और भी ज्यादा खतरनाक होता जा रहा है। इसकी गंभीरता को समझते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम क्वारंटीन के दिशा निर्देशों में जरूरी बदलाव किए हैं।
अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है, घर में कोई बीमार है या कोई गंभीर रोग का शिकार है तो आपको ये नए नियम जरूर पढ़ने चाहिए।
अनलॉक 2.0 की प्रक्रिया में अब हम ज्यादा लापरवाही से बाहर निकलने लगे हैं। पर हमें यह याद रखना चाहिए कि अब भी कोरोना वायरस पर हम पूरी तरह काबू नहीं पा पाए हैं। ताजा अध्ययनों पर भरोसा करें तो यह और भी ज्यादा खतरनाक हुआ है।
वैज्ञानिकों के अनुसार संक्रमण का यह नया रूप डी614जी कोविड-19 के मरीजों की ऊपरी श्वास नली में अधिक संक्रमण से जुड़ा है। जिसका मतलब है कि इस विषाणु की लोगों को संक्रमित करने की क्षमता बढ़ सकती है।
पर अच्छी बात ये है कि कोविड-19 संक्रमित लोगों की रिकवरी रेट बढ़ कर 60% तक पहुंच गई है। यानी कोरोनावायरस से संक्रमित 60 फीसदी लोगों ने इस खतरनाक वायरस से पूरी हिम्मत के साथ मुकाबला किया।
निश्चित रूप से इसमें स्वास्थ्य कर्मियों के योगदान से इन्कार नहीं किया जा सकता। लोगों को इस खतरनाक वायरस से बचाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है। जिसके मद्देनजर होम क्वारंटीन के नियमों में ताजा बदलाव किए गए हैं।
आइए जानते हैं होम आइसोलेशन के नए नियम
नए दिशानिर्देशों के अनुसार जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें अब होम क्वारंटीन की इजाजत नहीं होगी। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने किसी अंग का प्रत्यारोपण करवाया है। इसके साथ ही एचआईवी (HIV) और कैंसर (Cancer) का उपचार करवा रहे लोगों को भी कोरोना वायरस के लक्षण महसूस होने पर हॉस्पिटल में दाखिल होना होगा।
उपरोक्त के अलावा 60 साल से अधिक उम्र के लोग होम आइसोलेशन में रह सकते हैं, पर इसके लिए उन्हें डॉक्टर के परामर्श की आवश्यकता अनिवार्य है। साथ ही जिन लोगों को डायबिटीज, हृदय संबंधी समस्याएं, किडनी, फेफड़े आदि की कोई पुरानी बीमारी है, तो उन्हें भी डॉक्टर की सलाह पर ही होम आइसोलेशन की इजाजत मिल पाएगी।
अगर आप में कोरोना के हल्के या मध्यम लक्षण उभरे हैं, तो आपको होम क्वारंटीन रहने की सलाह दी जाती है। पर अब इस अवधि में कमी कर दी गई है। पहले जहां होम क्वारंटीन की अवधि 14 दिन थीं, वहीं अब इसे घटाकर 10 दिन कर दिया गया है। इसके अलावा अगर आप होम आइसोलेशन पर हैं और आप में बुखार नहीं है, तो आपको सिर्फ 3 दिन ही क्वारंटीन रहना पर्याप्त होगा।
अगर आप में कोरोना वायरस के हल्के या मध्यम स्तर के लक्षण हैं तो आप होम आइसोलेशन में रह सकते हैं। पर इसके लिए यह जरूरी है कि आपके घर में वे सभी सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए, जो कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जरूरी हैं। इसमें अलग कमरे के साथ ही, अलग बाथरूम की सुविधा होना भी जरूरी है।
जब कोई व्यक्ति होम आइसोलेशन पर हो तो परिवार के अन्य सदस्यों के लिए जरूरी है कि वे उससे दूरी बना कर रखें। संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन, इस्तेमाल का तौलिया आदि परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रखें।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले व्यक्ति के लिए मास्क और ग्लव्स पहनना जरूरी है। अपना और अपने अपनों का ख्याल रख कर ही आप संक्रमण की चैन को तोड़ सकते हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)