कोविड-19 कोरोना वायरस के कारण पिछले ढाई महीने से बंद रहने के बाद आखिरकार सोमवार से मंदिर खुल ही गए। ऐसे समय में जब इस महामारी ने लोगों को भावनात्मक रूप से भी चोट पहुंचाई है, लोग मंदिरों के खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। अगर आप भी अनलॉक 1.0 में मंदिर जाने का प्लान कर रहीं हैं, तो आपको ये जरूरी नियम पता होने चाहिए। जिससे आप और आपका परिवार सुरक्षित रह सके।
पिछले लगभग 70 दिन कई पूरे देश के लिए काफी तनावपूर्ण रहे। सभी अपने-अपने घरों में कैद थे। सार्वजनिक स्थलों पर जाना पूरी तरह प्रतिबंधित हो गया था। इनमें मंदिर भी शामिल हैं। एक ऐसी बीमारी जिसका अभी तक कोई उपचार नहीं बन पाया है, उसके कारण मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए गए।
अनलॉक 1.0 के दौरान अब मॉल, रेस्तरां और ऑफिसों के साथ ही मंदिरों के कपाट भी भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। निश्चित रूप से मंदिर जाकर लोग एक खास पॉजीटिव एनर्जी महसूस करते हैं। पर नि:संदेह अब भी आपको संक्रमण से बचे रहने की जरूरत है।
तो अगर आप इन दिनों में मंदिर जाने का प्लान कर रहीं हैं, तो आपको उन जरूरी नियमों के बारे में पता होना चाहिए, जो आपको अपनी और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए फॉलो करने हैं।
यह बहुत अच्छा है कि आप और आपका परिवार अभी तक इस खतरनाक संक्रमण से बचा हुआ है। पर तब भी आपको सतर्क रहने की जरूरत है। इसलिए बाहर निकलने से पहले यह जरूरी है कि आप अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप (Aarogya setu app) डाउनलोड करें। यह आपको अपने आसपास किसी संक्रमण वाले व्यक्ति के होने की सूचना देगा, जिससे आप सतर्क हो सकेंगी।
किसी भी अन्य सार्वजनिक स्थल पर जाने की ही तरह आपको यहां भी मास्क पहनना जरूरी है। यह निमयावली में भी शामिल हैं और इससे आप संक्रमण से बची रह सकती हैं। तो अगर आप ध्यान और प्रार्थना के लिए मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या किसी भी अन्य धार्मिक स्थल पर जा रहीं हैं तो मास्क जरूर पहनें।
ईश्वर के सामने जाने के लिए आपको किसी भी तरह की सामग्री की जरूरत नहीं होती। आपको केवल श्रद्धा भाव से उनके दर्शन के लिए जाना है। इसलिए पूजन सामग्री जैसे धूप, जल, फूल, प्रसाद आदि कुछ भी अपने साथ न लें। अगर आप साथ लेंगी भी तो हो सकता है कि ये चीजें आपसे बाहर ही रखवा दी जाएं।
जूते और चप्पल सिर्फ वायरस ही नहीं, कई तरह के बैक्टीरियाज का भी स्थान हो सकते हैं। जब आप सार्वजनिक स्थानों पर अपने शूज रिमूव करती हैं, तो वे अन्य शूज के संपर्क में आते हैं। इससे वायरस के संपर्क में आने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए मंदिर के भीतर प्रवेश करने से पहले ही अपने चप्पल-जूते गाड़ी में ही उतार दें।
कुछ पूजा स्थलों में विशेष नियम बनाए गए हैं, जैसे छतरपुर मंदिर (Chhatarpur Temple) में सेनीटाइजेशन सुरंग बनाई गए है। आपको इससे होकर गुजरना होगा। वहीं अगर आप गुरुद्वारे (Gurudwara) जा रहीं हैं, तो अपने सिर को ढकने के लिए कपड़ा साथ लेकर जाएं। अब वहां पर ये चीजें आपको नहीं मिलेंगी। इसके साथ ही अनावश्यक रूप से नल, रेलिंग या फर्श को छूने से बचें। इस तरह की सतहें कोरोना वायरस का स्थान हो सकती हैं।
आप स्वस्थ हैं और चाहती हैं कि सभी को इस खतरनाक वायरस से जल्दी से जल्दी मुक्ति मिले। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही उन चीजों से भी बचें, जो वायरस को फैलाने में मददगार साबित होती हैं। इसमें टीका लगवाना, प्रसाद लेना, घंटा बजाना आदि शामिल हैं। इन सभी चीजों से परहेज करें।
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कस्टमाइज़ करेंपूजा स्थलों को जो नई गाडइलाइंस जारी की गईं हैं, उनमें थर्मल स्क्रीनिंग करना अनिवार्य है। इसलिए अगर आप अस्वस्थ हैं या बुखार है तो बेहतर है कि आप घर पर ही ध्यान एवं पूजा करें। वरना थर्मल टेस्टिंग के दौरान हो सकता है कि आपको पूजा स्थल में प्रवेश ही न करने दिया जाए। इसलिए इसका ध्यान रखें।
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हम जानते हैं कि अपनी मम्मी, पापा या दादी को इसके लिए रोक पाना काफी मुश्किल हो सकता है। पर नया नियम यही है। इसका आपको पालन करना होगा। जिसमें 10 साल से छोटे बच्चे और 60 साल से बड़ी उम्र के लोगों को धार्मिक स्थल पर आने से मना किया गया है। क्योंकि इन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। जिससे इनके संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है।
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तो अगर आप अनलॉक 1.0 के दौरान मंदिर जाने का प्लान कर रहीं हैं, तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें। यूं भी आस्था और विश्वास किसी आडंबर के मोहताज नहीं होते। आप जहां चाहें सच्चे मन से ध्यान लगा सकती हैं।