शरीर को एक हेल्दी और पौष्टिक डाइट की ज़रूरत होती है। जो शरीर को एक्टिव रखने के साथ बीमारियों से भी बचाए। आजकल चलन में जंक फूड का सेवन अधिक हो गया है। नेशनल फूड एंड टेस्टिंग एजेंसी के अनुसार 2019 में फास्टफूड (junk food) का सेवन करने वालों का आकड़ा जहां 25 प्रतिशत था, वो 2022 में 40 प्रतिशत के पार पहुंच गया है। भारतीय चिकित्सा अनुंसधान परिषद यानि आईसीएमआर के अनुसार जंक फूड सेहत को नुकसान पहुंचान वाला खाद्य पदार्थ है।
जंक फूड में चीनी, नमक और फैट अधिक मात्रा में होता है। हाई कैलोरी वाले ये सभी फूड पोषण के स्तर पर शून्य हैं। जो दिखने में लुभावने लगते हैं, जिसे देखते ही खाने का मन तो करता है। यही वजह है कि इनकी मांग अधिक हुई है। इसका सेवन हमारी लाइफ की गुणवत्ता कैसे बिगाड़ रहा है(junk food) । आज इस समस्या से बचाव के लिए हेल्थ शॉट्स के साथ चर्चा करेंगें कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के लेबोरेटरी विभाग प्रोफेसर डॉ विकास मिश्रा।
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सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की टेस्टिंग लैब में किए गए रिसर्च में पाया गया है कि भारत में एफएसएसएआई के मानकों की तुलना में पैकेज्ड फूड आइटम में फैट, तेल और नमक की मात्रा अधिक है। रिसर्च में चिप्स, नमकीन, बर्गर, स्प्रिंग रोल, पिज्जा सहित कुल 33 जंक फूड को शामिल किया गया जिसे लोग अधिक पसंद करते हैं। फास्ट फूड(junk food) के सेवन से प्रतिवर्ष 8 प्रतिशत लोगों में बीमारी बढ़ रही हैं।
रेगुलर जंक फूड का सेवन करने के कारण आप हाई ब्लड प्रेशर, दांत की समस्या, कब्ज, हार्ट से संबंधित परेशानी, स्किन की समस्या, लेटने और बैठने में घबराहट की समस्या महसूस करने लगते हैं।
डॉ विकास मिश्रा बताते हैं जो भी आप जंक फूड (junk food) का सेवन करते हैं। वह सभी फूड कार्बोहाइड्रेट से भरे होते हैं। इसके अलावा इसमें फाइबर की मात्रा न के बराबर होती है। जब डाइजेस्टिव सिस्टम इन खाद्य पदार्थ को शरीर को लाभ पहुंचाने के लिए तोड़ता है तो कार्बोहाइड्रेट रक्तप्रवाह में ग्लूकोज के रूप में निलक जाते हैं। जिससे ब्लड में शुगर बढ़ जाता है, इसी वजह से इंसुलिन भी बढ़ता है। दिल की समस्या होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
अधिकतर जंक फूड (junk food) में शुगर या फैट की मात्रा अधिक होती है। अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन प्रत्येक पुरूष को शुगर की कैलोरी या 6 चम्मच व महिला में 150 कैलोरी या 9 चम्मच का सेवन प्रतिदिन करने की सलाह देता है। ऐसे में केवल कोल्ड ड्रिंक में ही 9 चम्मच से अधिक चीनी होती है। साथ 140 कैलोरी, 39 ग्राम चीनी और पोषक तत्व कोई नहीं। वहीं (junk food) पिज्जा के आटे, कुकीज़ में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है। जिससे अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है।
जंक फूड (junk food) में मौजूद अतिरिक्त कैलोरी वजन बढ़ाने का प्रमुख कारण हो सकती है। साथ मोटापा बढ़ने का भी यह प्रमुख कारण है। और मोटापा शरीर में बढ़ते ही सांस की समस्या और अस्थमा को बढ़ाने में कारगर साबित हो सकता है। जिसका परिणाम आपको सीढ़ियों के चढ़ने, वर्कआउट करने, वॉक करने पर नज़र आने लगेगा।
डॉ विकास बताते हैं कि जंक फूड न केवल आपको बीमार बना रहा है, बल्कि आपकी स्किन, हेयर और उम्र को भी प्रभावित कर रहे हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इन्हें अपनी रेगुलर डाइट से बाहर करें।
ऑफिस में काम करने के दौरान या घर से बाहर आपको जंक फूड (junk food) की क्रेविंग होती है, तो बेहतर है कि आप एक कप काॅफी पिएं। इसमें मौजूद कैफीन भूख को शांत करता है। इसके साथ डार्क चॉकलेट का सेवन करना चाहिए, इसमें कैलोरी कम होती है और इम्युनिटी बढ़ती है। हल्की भूख के लिए सब्जियों का सलाद और फलों को अपने आहार में शामिल करें।
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