नाभि में ऑयलिंग (navel oiling) के कई फायदे हैं। पुराने समय में लोग रोजाना अपने नाभि में तेल डाल करते थे, जिससे उनकी सेहत और त्वचा दोनों बरकरार रहती थी। यह एक आयुर्वेदिक तरीका है, जिसे लोग लंबे समय से आजमाते आ रहे हैं, परंतु आजकल इसका प्रचलन कम हो गया है। ऐसे में लोगों के बीच नाभि में तेल डालने के फायदों से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे इस आसान सी गतिविधि का अधिकतम लाभ उठा सकें। डाइटिशियन मनप्रीत कालरा ने नाभि में अलग-अलग तरह के तेल डालकर मसाज करने के कई स्वास्थ्य लाभ बताए हैं (navel oiling)। तो चलिए जानते हैं, कौन सा तेल कब और किस तरह की समस्या में अधिक प्रभावी रूप से कार्य करता है।
कोकोनट ऑयल त्वचा पर अपनी मॉइश्चराइजिंग और सूदिंग प्रभाव के लिए जाना जाता है। इस तेल से नाभि में मसाज करने से आपको कई लाभ प्राप्त होते हैं। विशेष रूप से इसमें मौजूद मीडियम चैन फैटी एसिड स्किन को बाहर एवं अंदर से हाइड्रेट रखती है, साथ ही साथ यह डाइजेस्टिव हेल्थ को संतुलित रहने में मदद करता है। इसके अलावा नारियल के तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुणवत्ताएं पाई जाती हैं, जो बॉडी इन्फ्लेमेशन को कम करने में और समग्र सेहत को बनाए रखने के लिए एक अच्छा विकल्प बनाती हैं।
बादाम के तेल विटामिन ए जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व से युक्त होते हैं, जो त्वचा में सेल्स रिजनरेशन को प्रमोट करता है। बादाम के तेल से नाभि में मसाज करना स्किन इलास्टिसिटी को बढ़ा देता है, साथ ही साथ ड्राइनेस की स्थिति में भी कारगर होता है। वहीं इसका बेहद हल्का और खास सुगंध आपके शरीर को शांत रखते हुए आपको आराम प्रदान करता है। जिससे रात को बेहतर नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है (navel oiling)।
नाभि को मसाज करने के लिए कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल करना पाचन संबंधी समस्याओं में बेहद कारगर होता है विशेष रूप से यह ब्लोटिंग कब्ज और पेट दर्द से राहत प्राप्त करने में आपकी सहायता कर सकता है। इस तेल का गाढ़ा टेक्सचर पेट की त्वचा के अंदर तक जाकर पाचन संबंधी समस्याओं पर नियंत्रण पाने में सहायता करता है। कैस्टर ऑयल से नाभि को मसाज देना, गट हेल्थ को पूरी तरह से सपोर्ट देता है।
टी ट्री ऑयल की एंटीमाइक्रोबॉयल प्रॉपर्टी सूजन कम करने में और इंप्योरिटीज को बाहर निकलने में मदद करती हैं। आप किसी भी कैरियर ऑयल के साथ टी ट्री ऑयल की कुछ बंदे ऐड करके अपने नाभि को मसाज दे सकती हैं। यह इंटरनल क्लींजिंग प्रोसेस को बढ़ावा देता है, साथ ही साथ इम्यूनिटी बूस्ट करने में भी मदद करता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है, जिनकी त्वचा अधिक ऑयली है और उन्हें बार-बार एक्ने निकल आता है।
नाभि पर टी ट्री ऑयल अप्लाई करने से पहले इसे कोकोनट या आलमंड ऑयल जैसे किसी भी कैरियर ऑयल के साथ मिला लें, अन्यथा यह सेंसेटिव स्किन के लिए अधिक हार्ड हो सकते हैं।
तिल के तेल को आयुर्वेद में तमाम तरह के फायदों के लिए इस्तेमाल किया जाता आ रहा है। इसकी मदद से नाभि को मसाज देने से मांसपेशियों की टेंशन रिलीज होती है, साथ ही साथ जोड़ों के दर्द से भी राहत प्राप्त करने में मदद मिलती है। यह विटामिन एवं मिनरल से भरपूर होते हैं, जो शरीर को पोषित करने में भी मदद करते हैं। इसके अलावा इनमें एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता पाई जाती है, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने में आपकी सहायता कर सकती है। तिल के तेल से नाभि को अच्छी तरह से मसाज दें, इससे सर्कुलेशन बढ़ जाता है और समग्र शरीर में ऊर्जा शक्ति का संचार बूस्ट हो जाता है।
नीम के तेल से नाभि को मसाज देने से इम्यून रिस्पांस बढ़ जाता है और बॉडी टॉक्सिंस को बाहर निकलने में मदद मिलती है। जो उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद है, जो त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे एक्ने और एक्जिमा से जूझ रहे हैं। नीम की एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज एक्ने और एक्जिमा को ट्रीट करने में प्रभावी साबित हो सकती हैं। नाभि कुमार शास्त्री निकले नीम तेल को डायरेक्ट अपने नाभि में अप्लाई न करें, इन्हें पहले किसी कैरियर ऑयल जैसे कि कोकोनट ऑयल के साथ मिलाएं।
यह भी पढ़ें : किशमिश वाला दूध दूर कर सकता है कब्ज की समस्या, जानिए इसके और भी फायदे
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।