कब्ज (Constipation) हर किसी पर अलग-अलग तरह से असर कर सकती है। कुछ लोगों के लिए इसके कारण वजन कम करना कठिन हो सकता है, तो कुछ को सिरदर्द से परेशानी हो सकती है। कई बार कब्ज़ मुंहासे के रूप में भी प्रकट हो सकती है। यदि आप भी इस तरह के लक्षण देख रही हैं, तो हो सकता है इसका कारण कब्ज़ हो। इस समस्या को लो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या के तौर पर जाना जाता है। अगर आप भी इससे लगातार परेशान हैं, तो यहां कुछ आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic remedies for constipation) दिए गए हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं।
हर दिन संतोषजनक शौच होना अच्छे पाचन, त्वचा, बाल और समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है।
कब्ज़ एक ऐसी स्थिति है जब मल त्याग असहज या कम होता है। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ रेखा राधामणि का कहना है कि कब्ज कई बीमारियों की वजह होने के साथ-साथ का कई बीमारियों की दस्तक भी हो सकती है।
आंत के स्वास्थ्य के लिए एक दिन भी बिना मल त्याग के चलना उचित नहीं है। हमारे मल में हमारे भोजन से निकलने वाले कचरे के अलावा शारीरिक प्रक्रियाओं जैसे स्टर्कोबिलिन, बैक्टीरिया, मृत कोशिकाओं आदि के अपशिष्ट भी होते हैं। यदि आप प्रतिदिन शौच नहीं करते हैं, तो इनमें से एक भाग पुनः अवशोषित हो जाता है, जिससे विष जमा हो जाता है।
पूरे दिन में एक बार भी मल त्याग नहीं करते हैं
मल कठोर है
मल त्याग करने के लिए तनाव की आवश्यकता है
पूरी तरह फ्रेश फील न करना
सुबह 5 से 6 प्रून्स भिगोकर खाएं। जिस पानी में आपने प्रून्स यानी सूखे प्लम्स भिगोए हैं उसे भी पी लें। कई अध्ययनों के अनुसार, प्लम्स जिसे आलूबुखारा भी कहते हैं ताजे या सूखे किसी भी फॉर्म में, मलत्याग करना आसान बनाते हैं।
अपने आप को अच्छी तरह से हाइड्रेट करें क्योंकि पानी का कोई विकल्प नहीं है। विशेषज्ञ आमतौर पर रोजाना 7-8 गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं। यह इसलिए भी है क्योंकि कम तरल पदार्थ का सेवन करने से भी कब्ज हो सकती है जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंनियमित व्यायाम आपके पेट के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। व्यायाम व्यक्ति को सक्रिय रखता है, और इसलिए जीवन के किसी भी उम्र में इनएक्टिव लाइफस्टाइल से बचना बेहद ज़रूरी है। आप आंत के स्वास्थ्य के लिए योग आसन भी आजमा सकती हैं ।
अपने आहार में घी जैसे हेल्दी फैट शामिल करें। विशेषज्ञ का सुझाव है कि आधा चम्मच अरंडी का तेल या घी के साथ गर्म दूध पीने की कोशिश करें। घी एक प्राकृतिक स्नेहक (natural lubricant) है और आंतों को साफ करने में मदद करता है।
डॉ राधामणि कहती हैं कि सोंठ पेट साफ करने में बहुत फायदेमंद है, उनकी सलाह है कि सुबह सोंठ का गर्म पानी पिएं।
इन सुझावों के अलावा, यह भी याद रखें कि आपके आहार का आपके पेट के स्वास्थ्य पर बड़ा असर पड़ता है। सुनिश्चित करें कि आपकी डाइट में फाइबर और नेचुरल स्टूल सॉफ्टनर हैं। यदि आपकी कब्ज की समस्या पुरानी हो तो किसी विशेषज्ञ से परामर्श लना अच्छा रहेगा।
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