इन दिनों मेट्रो सिटीज में सिर्फ ए क्यू आई की ही चर्चा होती है। ए क्यू आई मतलब air quality index। यह एयर पोलुशन के कारण होता है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक खराब हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, जिस हवा में हम सांस ले रहे हैं, वह जहरीली गैसों और खतरनाक पार्टिकल्स से भरी होती है।
वायु प्रदूषण पर लगातार रिसर्च और अद्ध्ययन हो रहे हैं। कुछ स्टडी के अनुसार, एनसीआर की वायु गुणवत्ता एक दिन में 40 सिगरेट पीने जितनी खराब हो चुकी है। वायु प्रदूषण सबसे अधिक कृषि कचरे (पराली जलाना) को जलाने के कारण हो रहा है। गाड़ियों से निकलने वाली गैस और इंडस्ट्रियल वेस्टेज में भी खतरनाक रसायन शामिल होते हैं। इसके कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इनमें सबसे प्रमुख है आंखों में होने वाली समस्या। ए क्यू आई से आंखों को होने वाली समस्या और इनसे बचाव और देखभाल के बारे में ऑर्बिस संस्था के कंट्री डायरेक्टर-इंडिया, डॉ. ऋषि राज बोरा ने विस्तारपूर्वक बताया।
डॉ. ऋषि बताते हैं, ‘ जब वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर होता है, तो हवा की एक मोटी परत स्मॉग जमीन के करीब विकसित हो जाती है। यह आंखों को नुकसान पहुंचाता है और आंखों की एलर्जी ट्रिगर करता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के अनुसार, हवा की खराब गुणवत्ता अस्वास्थ्यकर, बहुत अधिक अन्हेल्दी से लेकर खतरनाक श्रेणियों में में बांटी जाती है।
ये तीनों श्रेणी आंखों को नुकसान पहुंचाती है। इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसें और टॉक्सिक पार्टिकल्स होती हैं। इनके कारण आंखें लाल हो जाती हैं, आंखों में खुजली, आंखों से पानी आना शुरू हो जाता है। साथ ही कई दुसरे तरह की आंखों में एलर्जी होने लगती है।
आंखों में पानी आना
जलन या दर्द का एहसास होना
आंखों में दर्द
रेडनेस
सूजन
आंखों में चुभन महसूस होना, सूखापन
खुजली, डिस्चार्ज, सूजी हुई पलकें, धुंधली दृष्टि और इन्फेक्शन भी ओकुलर एलर्जी के लक्षण हैं।
डॉ. ऋषि बताते हैं, ‘ जब प्रदूषण के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य अलर्ट होता है, तो उन दिनों घर के अंदर रहें या बचने की कोशिश करें। खासकर सुबह के समय जब प्रदूषण का स्तर अपने उच्चतम स्तर पर होता है।’
अपने हाथों को बार-बार धोएं। अपनी आंखों को छूने से बचें। आंखों को रगड़ने से बचें। बाहर जाते समय धूप का चश्मा पहनें।
अपनी आंखों को लुब्रिकेट करने के लिए आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें। कोई भी आई ड्रॉप लेने से पहले, आंखों की जांच करवाना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर की सलाह पर ही ऑई ड्राप लें। कंप्यूटर और मोबाइल फोन जैसे स्क्रीन-आधारित उपकरणों के उपयोग को सीमित करें।
खुद को हाइड्रेटेड रखें। बार बार पानी पीती रहें। तरल पदार्थ लेती रहें। संतुलित आहार लें, जिसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड अधिक हो।
यह आंखों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है। आहार में पर्याप्त मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, पालक, बादाम, अखरोट, जामुन और मछली शामिल करें।
यह भी पढ़ें :- World Vegan Day: ओबेसिटी, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को भी कंट्राेल कर सकती है वीगन डाइट