शाम हाेते ही बढ़ने लगती है एसिडिटी, तो ये 4 हर्ब्स ट्राई करके देखें

आयुर्वेद में हमेशा से सूरज डूबने से पहले रात का खाना खाने की सलाह दी गई है। पर देर तक व्यस्त रहने के कारण बहुत सारे लोग ऐसा नहीं कर पाते। जिससे शाम होते उन्हें एसिडिटी और पेट फूलने की समस्या होने लगती है।
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जंक फूड्स एसिडिटी का कारण बन सकते हैं। चित्र शटरस्टॉक
निशा कपूर Published: 31 Oct 2022, 21:30 pm IST
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फेस्टिवल सीजन में ज्यादा मिठाई, तला और मसालेदार खाना खाने से अक्सर लोगों को पेट और गले में जलन की परेशानी होती है। इस शिकायत को एसिडिटी (Acidity) कहा जाता है। इसमें गले और पेट में जलन के साथ-साथ पेट में दर्द की भी समस्या होती है। खाना पचाने के लिए पेट की गैस्ट्रिक ग्रंथियां एसिड का स्राव करती हैं। लेकिन जब ये स्राव अधिक होने लगता है तो एसिडिटी की परेशानी होती है। वैसे तो यह आम परेशानी है। लेकिन यदि इसका वक़्त रहते इलाज न किया जाए तो परेशानी काफी बढ़ जाती है।

एसिडिटी क्यों होती है

मेडिकल भाषा में एसिडिटी को गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज कहा जाता है। वर्ष 2005 में किए गए एक शोध के मुताबिक, एसिडिटी की समस्या एशियाई देशों में करीब 5 और पश्चिमी देशों में 10-20 प्रतिशत तक हो सकती है। यह परेशानी तब होती है, जब लोअर एसोफैगल स्फिंक्टर (गले और पेट को जोड़ने वाली नली) कमजोर हो जाती है और इससे पेट में मौजूद एसिड ऊपर की तरफ आ जाता है। इससे एसिडिटी की परेशानी होती है।

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एसिडिटी कैंसर का कारण बन सकती है । चित्र : शटरस्टॉक

सूरज ढलने के बाद जब विटामिन डी की मात्रा कम हाेने लगती है, तो इसका असर आपके पाचन पर भी पड़ता है। जिससे कुछ लोगों को शाम के समय एसिडिटी और पेट फूलने की परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी गैस, एसिडिटी और पेट फूलने के कारण डिनर से परहेज कर रहीं हैं, तो पहले ये 4 हर्ब्स ट्राई करके देखें।

यहां हैं कुछ घरेलू उपाय जो आपको बेवक्त की एसिडिटी से राहत दिलाएंगे

1. मुलेठी की जड़-

मुलेठी का इस्तेमाल एसिडिटी से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक दवा की तरह किया जाता है। क्योंकि यह कई परेशानियों से राहत दिलाने में मदद करता है, जिसमें एसिडिटी की समस्या भी मौजूद है। गैस्ट्रिक सूजन के लिए मुलेठी की जड़ का उपयोग करना फायदेमंद होता है।

कैसे करें इस्तेमाल-

1 कप पानी में 2-3 मुलेठी के छोटे टुकड़े डालें और इसे आधा होने तक उबाले और हल्का गुनगुने काढ़े का सेवन करें। जिन लोगों को अक्सर गैस की समस्या रहती है वो लोग रोजाना इसका सेवन कर सकते हैं।

2. एलोवेरा-

एलोवेरा का इस्तेमाल वर्षों से औषधि के रूप में किया जाता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) ने रिसर्च पेपर के मुताबिक, इसमें गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं। इस वजह से एलोवेरा जेल का यह गुण एसिटिक एसिड और गैस्ट्रिक अल्सर की परेशानी को कुछ कम करने में सहायता कर सकता है।

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कैसे करें इस्तेमाल-

एलोवेरा का एक टुकड़ा लें उसका गूदा निकाल लें। अब इसमें 1 ग्लास पानी के साथ ग्राइंड करके जूस बना लें और सेवन करें। एसिडिटी की समस्या से निजात पाने के लिए रोजाना 1 कप एलोवेरा जूस का सेवन करें।

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अदरक पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए अच्छी होती है। चित्र : शटरस्टॉक

3. अदरक-

एसिडिटी में अदरक का इस्तेमाल काफी लाभकारी है। कर्नाटक के फादर मुलर मेडिकल कॉलेज ने इसी संबंध में अदरक पर रिसर्च किया है। एनसीबीआई की साइट पर पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक, अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव जैसे औषधीय गुण पाए जाते हैं। ये औषधीय गुण पेट फूलना, गैस्ट्रिक अल्सर, कब्ज, अपच, मतली और उल्टी जैसी परेशानियों को दूर कर सकता है।

कैसे करें इस्तेमाल-

1 इंच अदरक के टुकड़े को 2 कप पानी में मीडियम फ्लेम पर 5 से 10 मिनट के लिए उबालें। और फिर इसे चाय की तरह पीएं। जिन लोगों को अक्सर गैस की समस्या रहती है वो लोग रोजाना इसका सेवन कर सकते हैं।

4. कैरावे सीड्स-

कैरावे को मेरिडियन सौंफ और फारसी जीरा के नाम से भी जाना जाता है। पेट से संबंधित कई तरह की परेशानियों को दूर करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। एनसीबीआई की साइट पर पब्लिश के रिसर्च के मुताबिक, अपच के इलाज के लिए कैरावे सीड्स का इस्तेमाल किया जाता है। इन बीजों में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण शामिल होते हैं जो पेट में बनने वाले अतिरिक्त गैस्ट्रिक एसिड को रोक सकते हैं।

कैसे करें इस्तेमाल-

1 छोटा चम्मच कैरावे सीड्स को 1 कप पानी में करीब 5 मिनट तक उबाले और फिर इस काढ़े को सिप करके इसका सेवन करें। इस उपाय को आप सप्ताह में दो बार आजमा सकते हैं।

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