आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जो 40 की उम्र के बाद पुरुष व महिलाओं दोनों को प्रभावित करती है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या में पिछले एक दशक में काफी तेजी से वृद्धि हुई है। हाई ब्लड प्रेशर के साथ समस्या यह है कि इसके लक्षण लंबे समय तक अनियंत्रित रहते हैं। जिससे स्ट्रोक और किडनी फेल जैसी समस्याओं का जोखिम अधिक बढ़ जाता है।
लेकिन अच्छी खबर यह है कि एक स्वस्थ जीवनशैली की आदतों, दवाओं और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को फॉलो करके इस समस्या को आसानी से मैनेज किया जा सकता है। इसलिए हमने 5 ऐसी आयुर्वेदिक हर्ब्स की एक लिस्ट तैयार की है, जो आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में काफी मददगार साबित हो सकती हैं।
तनाव हाई ब्लड प्रेशर का एक मुख्य कारण हैं। ऐसे में आपके दिमाग को शांत करने के लिए अश्वगंधा से बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता है। यह लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी बूटी एडाप्टोजेन्स (adaptogens) का एक समृद्ध स्रोत है, जिसका दिमाग पर शांत प्रभाव पड़ता है। इससे चिंता और तनाव से निपटने में मदद मिलती है। 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर को एक गिलास गर्म पानी में मिलाएं और इसे नियमित रूप से सुबह खाली पेट अपने पेरेंट्स को पीने के लिए दें। इससे उन्हें ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
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पवित्र तुलसी का आयुर्वेदिक और धार्मिक दोनों में बहुत महत्व है। हल्के स्वाद वाली इन हरी पत्तियों में बहुत शक्तिशाली यौगिक होते हैं, जो ब्लड प्रेशर, सर्दी, फ्लू, गठिया और अन्य कई स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के इलाज में प्रभावी माने जाते हैं। तुलसी के पत्तों में यूजेनॉल होता है, जो प्राकृतिक कैल्शियम चैनल अवरोधक (natural calcium channel blocker) के रूप में कार्य करके हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है।
कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स दिल और धमनी कोशिकाओं में कैल्शियम के प्रवाह में बाधा डालते हैं, जो रक्त वाहिकाओं को आराम देते हैं। तुलसी की चाय और काढ़ा पीना आपके पेरेंट्स के लिए मददगार साबित हो सकता है।
आंवला को सर्दियों का सुपरफूड कहा जाता है। इस शीतकालीन फल में मौजूद यौगिक वासोडिलेटर के रूप में कार्य करके, या रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करके हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। बेहतर परिणामों के लिए सुबह खाली पेट 1 कच्चा आंवला खाने की सलाह दी जाती है। अगर फल उप्लब्ध न हों तो गर्म पानी के साथ आंवले के रस का सेवन करना भी उतना ही लाभकारी है।
त्रिफला अत्यधिक प्रभावकारी पॉलीहर्बल आयुर्वेदिक हर्ब है। यह व्यापक रूप से जठरांत्र (gastrointestinal) और कायाकल्प उपचार (rejuvenating treatments) के लिए उपयोग किया जाता है। यह तीन सूखी जड़ी-बूटियों का एक पारंपरिक आयुर्वेदिक मिश्रण है।
इनमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुण रक्त वाहिकाओं पर खिंचाव को कम करता है, साथ ही ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। दो चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल के रोगियों के लिए बहुत अच्छा है।
अर्जून के पेड़ की छाल में एंटी-हाइपरटेंसिव गुण होते हैं। यह जड़ी बूटी हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और रक्त वाहिकाओं में प्लाक के संचय को कम करने के लिए जानी जाती है। इसके अलावा, इस जड़ी बूटी में इनोट्रोपिक, एंटी-इस्केमिक, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीप्लेटलेट, हाइपोलिपिडेमिक, एंटीथ्रोजेनिक और एंटी हाइपरट्रॉफिक सहित कई औषधीय गुण हैं। यह आम तौर पर पाउडर के रूप में उपलब्ध है। बेहतर परिणामों के लिए इसे सुबह खाली पेट पीने की सलाह दी जाती है।
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इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में लाभकारी हैं। लेकिन इनका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना सबसे अच्छा है। जिससे कि वे आपको इसकी मात्रा और इस्तेमाल करने का बेहतर तरीका बता सकें।