पेल्विक मसल्स सभी पेल्विक पार्ट्स यानी यूट्रस, वजाइना, ब्लैडर और बाउल की जगह में रहता है और इसके साथ ही उन्हें सही तरीके से काम करने में सहायता करता है। कुछ स्थितियां आपकी पेल्विक मसल्स को कमजोर बना सकती हैं। जैसे मोटापा, पेल्विक क्षेत्र की सर्जरी, उम्र बढ़ना, पुरानी कब्ज या खांसी। गर्भावस्था और प्रसव के कारण महिलाओं को पेल्विक मसल्स से संबंधित कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पेल्विक एरिया को मजबूत बनाने के लिए आप योगाभ्यास का सहारा ले सकती हैं। आइए जानते हैं कि वो कौन से योगासन हैं, जो पेल्विक फ्लोर की मसल्स को मजबूत बनाने में सहायता कर सकते हैं।
आपकी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां आपके कोर को सही रखने में सहायता करती हैं। ये पेल्विक फ्लोर प्यूबिक बोन से लेकर टेलबोन तक फैला होता है, जो मूत्राशय, मूत्रमार्ग, आंत्र, मलाशय और गुदा सहित पेल्विक अंगों को सहारा देने का काम करता है। यह चोट लगने और उम्र बढ़ने के कारण कमजोर हो सकती है, जिस वजह से पेल्विक ऑर्गन में प्रोलैप्स जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं। इसे व्यायाम की सहायता से सही किया जा सकता है।
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल जयपुर के कंसलटेंट ऑर्थोपेडिक डॉ. मिहिर थानवी बताते हैं कि, पैल्विक मांसपेशियों के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए कई तरीके अपनाए जा सकते हैं। सबसे पहले, नियमित व्यायाम करना जरूरी है, जैसे कि पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज, जो पैल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
योग और पिलेट्स जैसे व्यायाम भी पैल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद (how to strengthen pelvic muscles) कर सकते हैं। इसके अलावा, स्वस्थ आहार लेना भी जरूरी है, जिसमें पर्याप्त फाइबर, विटामिन और मिनरल्स हों। इसके अलावा, पर्याप्त पानी पीना और तनाव कम करने के लिए ध्यान और अन्य तकनीकों का उपयोग करना भी जरूरी है। इसके अलावा, अगर आपको पैल्विक मांसपेशियों से संबंधित कोई समस्या है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। वे आपको उचित उपचार और सलाह दे सकते हैं।
सेतुबंधासन इसे ब्रिज पोज भी कहा जाता हैं, ये योग आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है और शरीर को पुल की तरह ऊपर उठाया जाता है।
मलासन पेट की मांसपेशियों को टोन करने, कमर दर्द और जोड़ों के दर्द में आराम दिलाने, कब्ज से राहत दिलाने और शरीर को लचीला बनाने में मदद मिलती है।
हनुमानासन, जिसे बंदर मुद्रा या फ्रंट स्प्लिट्स का योग कहा जाता है। ये योग आसन हैमस्ट्रिंग और कूल्हों का लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है।
वीरभद्रासन को वॉरियर पोज के नाम से भी जानते हैं। वीरभद्रासन करने से कई फायदे होते हैं। यह पेल्विक फ्लोर मसल्स (how to strengthen pelvic muscles) को मजबूत करने में सहायता करता है।
इस योगासन को कीट की मुद्रा में किया जाता है। इसे लोकस्ट पोज भी कहते है। पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत (how to strengthen pelvic muscles) करने में मदद करता है।
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