ज्यादातर शहरों और महानगरों में अब मनोरंजन के लिए ट्रैम्पलीन पार्क (Trampoline Park) बनाए जाने लगे हैं। जहां बच्चे और किशोर मनोरंजन के लिए आते हैं। लेकिन हाल ही में ऐसी कई खबरें आईं, जब लोगों को ट्रैम्पलीन एक्टिविटीज के दौरान गंभीर चोटों का सामना करना पड़ा। आखिर क्यों हुई ये दुर्घटनाएं (Trampoline injuries) ? और क्या वाकई ट्रैम्पलीन एक्टिविटीज असुरक्षित (Trampoline health risk) हैं और चोटों का कारण बन सकती हैं? आइए जानते हैं विस्तार से।
एक कहानी से बात शुरू करते हैं।1930 में जॉर्ज निसन नाम के एक लड़के ने जो उस समय चाइल्ड जिम्नास्ट हुआ करता था, अपने कोच के साथ मिलकर एक नए तरह का उपक्रम तैयार किया। जो मुख्यतः कूदने के व्यायाम के लिए बनाया गया था। इसका नाम था- ट्रैम्पलीन। इंटरेस्टिंग यह था कि इसका सबसे पहले प्रयोग उसने एक कंगारू के साथ मिलकर किया था। बहरहाल, वक्त बदला और तबसे ट्रैम्पलीन ज्यादा मकबूल भी हुई है और इसका इस्तेमाल भी बढ़ा है।
1. फिटनेस (Fitness Factor)
फिटनेस के प्रति बढ़ती जागरूकता ने ट्रैम्पलीन को एक मजेदार एक्सरसाइज ऑप्शन बना दिया है। यह कार्डियो वर्कआउट, वजन कम करने और शरीर को सही तरीके से टोन करने के लिए अच्छा माना जाता है।
2. बच्चों के लिए मज़ेदार (Interesting for Children)
ज़ाहिर तौर पर इसपर कूदना बच्चों को अच्छा लगता है। माता-पिता की व्यस्त जिंदगी में ये एक तरह की राहत है जहां बच्चे आराम से उछल कूद करते हैं और पेरेंट्स को यह किसी हेल्दी ऑप्शन की तरह लगता है।
3. प्रमोशन (Ads and Promotion of Trampoline)
हम रील युग में प्रवेश कर ही चुके हैं। यहां पर अपनी छोटी से छोटी एक्टिविटी को सज़ा कर लोगों के लिए अपलोड की जा रही हैं। जिम से लेकर अन्य तरह की इंडस्ट्रीज में भी इसे प्रमोट किया जा रहा है। इस वजह से भी ये लोगों को अपनी तरफ खींच रहा है।
ट्रैम्पलीन की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि वो आसानी से उपलब्ध है,कम जगह घेरता है और कीमत भी कम है। इस वजह से भी यह अधिकतर लोगों की पसन्द बन चुका है।
1. गम्भीर बाहरी चोट
ट्रैम्पलीन पर कूदना बेशक़ स्वास्थ्य के लिए कुछ फायदे लिए आता हो लेकिन गम्भीर नुकसान (Trampoline health risk) भी लेकर आता है। कूदने के दौरान गिरने या किसी और से टकराने पर हड्डियों के टूटने का का ख़तरा होता है। बच्चों के लिए तो और सावधानी बरतनी होगी क्योंकि उनकी हड्डियां नाजुक होती हैं। हाल ही में एक उदयपुर की शिवानी राजौरा को गंभीर चोटों का सामना करना पड़ा। उदयपुर के एक ट्रैम्पोलीन पार्क (Trampoline injury) में जंप के दौरान उनके हाथ की हड्डी टूट गई।
शिवानी ने इस आशय की पोस्ट भी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की।
ट्रैम्पोलीन पार्क एक्टिविटीज के दौरान मांसपेशियों में होने वाला खिंचाव भी कॉमन हैं। सबसे ज़्यादा मामले सिर और गर्दन की चोटों के आते हैं। जो अक्सर सिर के बल गिरने से लग जाती हैं। ऐसी चोटें सिर और दिमाग को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती हैं और कई मामलों में विकलांग भी बना सकती हैं
ट्रैम्पलीन पर गिरने या अचानक झटके लगने से आंतरिक चोट (Trampoline injury) पहुंचने का खतरा रहता है। खास कर रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) पर चोट लगने की घटनाएं काफी आम हैं जो बैलेंस बिगड़ने से गिरने के कारण होती हैं। तेज़ गति से कूदने और फिर गिरने से बच्चों के शारीरिक विकास पर भी असर पड़ सकता है। यही कारण है कि बच्चों में कई समस्याएं उम्र भर के लिए दिक्कतें हो सकती हैं।
अक्सर बच्चों के साथ ये होता है। बच्चे अक्सर अपनी शारिरिक क्षमता को समझ नहीं पाते और क्षमता से ज्यादा ट्रैम्पलीन पर कूदते रहते हैं। इससे उनके मांसपेशियों में थकान और उसकी वजह से चिड़चिड़ापन कॉमन हो जाता है।
ये खेल ऐसा है जो सामूहिक खेला जाता है। बच्चों के साथ और भी बच्चे होते हैं जिनसे कम्प्टीशन की भावना बनी रहती है। कई बार अबोध बच्चे प्रतिस्पर्धा करने को ऐसे स्टंट करने लगते हैं जिससे उनके शरीर को नुकसान पहुंचने का खतरा होता है। कई बार ये नुकसान इतने गम्भीर होते हैं जिसे बच्चे आजीवन भुगतते हैं।
ट्रैम्पलीन का इस्तेमाल करते समय अपनी सुरक्षा (Trampoline injury) को प्राइओरिटी पर रखें। सुरक्षा को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है। हमेशा सुरक्षा नेट और पैड्स पहन कर ही इसका हिस्सा बनें। छोटे बच्चों के लिए विशेष सावधानी बरतें, उन्हें अकेले कूदने ना दें।
अगर बच्चे कूद भी रहे हैं तो उनकी निगरानी ज़रूरी है। ध्यान यह भी रखना है कि कूदते वक्त किसी भी स्टंट या कम्प्टीशन का हिस्सा नहीं बनना है क्योंकि ट्रेम्प्लीन आपको फिट रखने के लिए है,चोटिल होने के लिए नहीं।
आप किसी ट्रैम्पोलीन पार्क में है या घर पर ट्रैम्पोलीन पर कूद रहे हैं, चोटों से बचने के लिए (Trampoline injury) आपको सेफ्टी का ख्याल रखना जरूरी है। ध्यान यह रखना है कि ट्रैम्पलीन कभी भी बंद जगह या छोटी जगह पर ना सेट हो। इसे खुले में और ज्यादा जगह वाले स्थान पर रखना है।
यदि आप ट्रैम्पलीन का इस्तेमाल व्यायाम के लिए करना चाहते हैं तो कोशिश करे कि फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह ले लें। प्रोफेशनल्स आपके शरीर की क्षमता का अंदाज़ा लगा कर आपको ट्रैम्पलीन के इस्तेमाल का सही तरीक़ा और ड्यूरेशन बता सकते हैं। इससे आप ट्रैम्पोलीन से होने वाली चोटों (Trampoline injury) से बच सकते हैं।
बच्चों को ट्रैम्पलीन पर कूदने के दौरान बड़ों की निगरानी में रहना ज़रूरी है। ताकि बच्चे अगर कोई स्टंट कर रहे हैं तो आप उन्हें रोक सकें। इसके साथ ही निगरानी से आप अपने बच्चों को चोट (Trampoline health risk) से भी बचा सकते हैं।
छोटे बच्चों और बहुत ज्यादा उम्र के लोगों को ट्रैम्पलीन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।जिनका वजन ज्यादा है, वो भी ट्रैम्प्लीन से परहेज़ करें तो बेहतर है। वरना हड्डियों को फ्रैक्चर का खतरा होगा।
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