डायबिटीज एक बेहद आम लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है, जिसके आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। इस स्थिति में खाना-पान पर नियंत्रण पाना बहुत जरूरी है, अन्यथा ब्लड शुगर को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। वहीं इस स्थिति में नमक की नियमित मात्रा का ध्यान रखना भी जरूरी है। नमक (salt) का अधिक सेवन डायबिटीज (diabetes) के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अगर आप डायबिटीज से ग्रसित हैं, तो नमक का सेवन न के बराबर करें। क्योंकि इसके सेवन से ब्लड प्रेशर (blood pressure) बढ़ जाता है।
डायबिटीज के मरीज पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे होते हैं, और इस कारण हृदय रोग व किडनी डैमेज जैसी गंभीर समस्या का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. साकेत कांत, प्रिंसिपल कंसलटेंट, एंडोक्राइनोलॉजी एंड ओबेसिटी मेडिसिन, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली ने डायबिटीज में नमक के अधिक सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में बताया है। साथ ही उन्होंने इसपर नियंत्रण पाने की सलाह दी है। तो चलिए जानते हैं, इस स्थिति में क्या करना चाहिए (salt effect on diabetics)।
डायबिटीज के मरीजों में किडनी की समस्याएं पहले से ही आम होती हैं। ऐसे में नमक का अधिक सेवन ब्लड प्रेशर बढ़ा देता है, जो किडनी के कार्य को और भी खराब कर सकता है, इससे इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं।
डायबिटीज के मरीजों में अधिक मात्रा में नमक खाने से, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। डायबिटीज के मरीज पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे होते हैं, ऐसे में जब नमक का सेवन बढ़ता है तो ब्लड प्रेशर अधिक बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर हृदय संबंधी समस्याओं के खतरे को बढ़ा देता है, खासकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
नमक के अधिक सेवन से वजन भी बढ़ सकता है, जिसका खतरा डायबिटीज के मरीजों में पहले से ही बहुत ज्यादा होता है। नमक का अधिक सेवन वॉटर रिटेंशन के खतरे को बढ़ा देता है, इस स्थिति में शरीर में पानी जमा हो जाता है और बॉडी वेट सामान्य से अधिक बढ़ जाता है। इसके साथ ही अधिक नमक लेने से ब्लड शुगर अनियंत्रित हो सकता है, जिससे वजह या तो अधिक बढ़ जाता है, या वजन कम हो जाता है। डायबिटीज में ब्लड ब्लड शुगर बढ़ने से बॉडी फैट बढ़ सकता है, और बढ़ते वजन के कारण भी ब्लड शुगर बढ़ सकता है।
कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि अधिक नमक का सेवन इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़ा है, जो एक ऐसी स्थिति है जिसमें बॉडी सेल्स इंसुलिन हार्मोन के प्रति प्रतिरोधी हो जाती हैं। इंसुलिन ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज करने में मदद करता है।
बहुत अधिक नमक का सेवन वॉटर रिटेंशन का कारण बन सकता है, जिससे पैरों में सूजन और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इस स्थिति में शरीर में पानी का जमाव बढ़ जाता है। जो डायबिटीज के मरीजों के लिए हानिकारक है।
मधुमेह रोगियों के लिए ब्लड शुगर को नियंत्रित करना बहुत जरूरी होता है, और अधिक नमक के सेवन से यह कठिनाई पैदा कर सकता है। इसलिए डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति को इसकी संभावना है, तो उन्हें नमक की मात्रा सीमित रखने का प्रयास करना चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिदिन आपको 5 ग्राम से अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, डायबिटीज मरीजों को अपने आहार में अधिक फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करना चाहिए।
डायबिटीज के मरीजों को अपनी नियमित डाइट में विभिन्न प्रकार के फल एवं बिना स्टार्च वाली सब्जियों को शामिल करने की सलाह दी जाती है। साबुत अनाज जैसे कि गेहूं, ब्राउन राइस, जौ, क्विनोआ और ओट्स खाएं। लीन मीट, चिकन, टर्की, मछली, अंडे, नट्स, बीन्स, दाल और टोफू का सेवन करें। दूध, दही और पनीर जैसे नॉनफैट या कम फैट वाले डेयरी उत्पाद खाएं।
ऑलिव ऑयल, वेजिटेबल ऑयल, रेपसीड ऑयल, इन तेलों से बने स्प्रेड और नट बटर जैसे हेल्दी फैट का सेवन करें। पानी या कम कैलोरी वाले ड्रिंक जैसे कि बिना चीनी वाली आइस्ड टी पिएं। नमक, चीनी और कुकीज़, क्रैकर्स और सोडा जैसे रिफाइंड कार्ब्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित रखें।
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