आपकी नियमित दिनचर्या की आदतें जैसे कि गलत खानपान, धूम्रपान और तंबाकू दातों की प्राकृतिक रंगत को प्रभावित करते हैं। वहीं कई बार हम अपनी समग्र सेहत पर तो ध्यान देते हैं, परंतु ओरल हाइजीन को नजरंदाज कर देते हैं। इस वजह से दांतों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। वहीं कई लोग दांतो के पीलेपन को दूर करने के लिए तरह-तरह कि दवाएं और टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते हैं। परंतु आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए की ज्यादातर टूथपेस्ट केमिकल युक्त पदार्थो से बने होते हैं। यह न तो आपकी दांतों की रंगत को पूरी तरह बरकरार रख पाते हैं, साथ ही आपके मसूड़ों एवं ओरल हेल्थ के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं।
दिन-प्रतिदिन बढ़ती दातों की समस्या को देखते हुए आज हम लेकर आए हैं, बड़े बुजुर्गों द्वारा बताए गए कुछ प्राकृतिक उपाय जो दांतों की प्राकृतिक रंगत को बनाए रखने के साथ ही ओरल हेल्थ को भी बनाए रखने में आपकी मदद करेगा। तो चलिए जानते हैं आखिर क्या हैं वे तरीके जिनके साथ हम अपने दांतों पर पड़े दाग-धब्बों एवं पीलेपन से छुटकारा पा सकते हैं।
दांतो के पीलेपन के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं। उनमे से एक सबसे बड़ा कारण है, आपके टीथ इनेमल पर स्टेन आ जाना। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जो इनेमल पर दाग-धब्बे छोड़ जाते हैं। इसके साथ ही प्लाक बिल्डअप होने से भी दांत पीले दिखने लगते हैं। खास कर कॉफी का अधिक सेवन सफेद दातों की रंगत को फेड कर देता है।
इसके साथ ही डेंटल हाइजीन पर ध्यान न देना दातों के पीले पड़ने का एक सबसे बड़ा कारण होता है। जबकि कुछ दवाइयां और शुगरी ड्रिंक्स भी दांतों की सेहत को प्रभावित करते हैं। धूम्रपान, पान मसाला और तंबाकू का सेवन इनेमल को समय के साथ पीला बनाता है।
कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि दूध, चीज और ब्रोकली आपके दातों को इनेमल इरोजन से प्रोटेक्ट करती हैं। दांतों के पीला पड़ने का एक कारण इनेमल इरोजन भी हो सकता है। ऐसे में दांतों को सफेद और चमकीला बनाए रखने के लिए इनेमल इरोजन न होने दें।
नीम दातुन का इस्तेमाल पुराने समय से ब्रश की जगह पर होता चला रहा है। नीम के दातुन पर कई ऐसी मेडिसिनल प्रॉपर्टी पाई जाती हैं, जो ज्यादातर टूथपेस्ट में मौजूद नहीं होती। इसकी एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी दांतो से पीलेपन को दूर करने में मदद करती हैं। इसके साथ ही यह मसूड़ों को मजबूती देता है और सांसों की बदबू को भी रोकता है।
नीम के दातुन, दांतो एवं मसूड़ो को बैक्टीरिया से प्रोटेक्ट करके ओरल हेल्थ को लंबे समय तक बनाए रखते हैं। यदि आप भी दांतों के पीलेपन से परेशान हैं, तो ब्रश की जगह पतले और मुलायम नीम दातुन का इस्तेमाल कर सकती हैं।
फल और सब्जियों का सेवन आपके दांतों के साथ-साथ शरीर को भी स्वस्थ रखता है। वहीं स्ट्रौबरी और पाइनएप्पल दो ऐसे फल है, जो दातों को सफेद और चमकीला बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते हैं। स्ट्रॉबेरी और बेकिंग सोडा को एक साथ मिलाकर टूथपेस्ट की तरह इस्तेमाल करें। स्ट्रौबरी में पाई जाने वाली मेलिक एसिड दातों की रंगत को एक समान रखने में मदद करती है। वहीं बेकिंग सोडा दांतों पर लगे दाग-धब्बों को कम करता है।
कई स्टडी में देखा गया कि पाइनएप्पल दांतों की सफेदी के लिए एक प्रभावी उपाय हो सकता है। पाइनएप्पल में मौजूद ब्रोमलेन एंजाइम दातों पर लगे स्टेन को साफ करने में मदद करते हैं। ऐसे में पाइनएप्पल और स्ट्राबेरी को खाने के साथ-साथ इनका पेस्ट बनाकर टूथपेस्ट की तरह भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
एक स्टडी में देखा गया कि तुलसी से बने माउथवॉश में एंटीप्लाक और एंटीबैक्टीरियल इफेक्ट पाए जाते हैं, जो ओरल हेल्थ को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करते हैं।
तुलसी में टीथ व्हाइटनिंग और ब्लीचिंग प्रोपेर्टी होती है। इसलिए यदि आप दांतों के पीलेपन से परेशान रहती हैं, तो इसका इस्तेमाल आपकी समस्या को ठीक कर सकता है।
तुलसी की ताजी पत्तियां लें और इसका पेस्ट बना लें। अब यदि आप चाहें तो इसमें दो से चार बूंदे सरसों तेल की मिलाएं और इस पेस्ट को सुबह और रात टूथपेस्ट की जगह इस्तेमाल करें। यह आपकी दांतों के लिए काफी ज्यादा प्रभावी हो सकता है।
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