सर्दी का कोहरा गर्मी की धूप की जगह लेने लगा है। मौसम सुहावना है, लोग स्वेटर उतार रहे हैं, ठंडी चीजों की तरफ स्विच कर रहे हैं। ये सब चीज़ें शुरुआत में अच्छी लगती हैं, मगर आगे चलकर आपकी ही परेशानी का कारण बन सकती हैं। मौसम की हल्की ठंडक अभी गई नहीं है, ऐसे में आपकी ये छोटी – छोटी गलतियां, बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
जहां सर्दियों की अपनी चुनौतियां हैं, वहीं गर्मी हमारे स्वास्थ्य और सेहत के लिए कई अलग समस्याएं लाती हैं। जिसके लिए हमें अपने शरीर को तैयार करना चाहिए। हमें अपने स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल करने के लिए बड़े बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है। बस कुछ छोटे कदम उठाकर ही हम इन नए परिवर्तनों से साथ अपने शरीर को ढाल सकते हैं।
गर्मी जहां मौज-मस्ती और खेल-कूद का समय है, वहीं यह वह समय भी है जब बीमारियां बहुत होती हैं।
आकाश हेल्थकेयर, द्वारका के इंटरनल मेडिसिन , सीनियर कंसल्टेंट तथा डिपार्टमेंट हेड डॉ राकेश पंडित बता रहे हैं कुछ महत्वपूर्ण तरीके, जो न केवल हमें मौसम में आने वाले बदलाव के लिए तैयार करेंगे बल्कि उनमें से कुछ हमें लंबे समय में भी मदद करेंगे।
मानव शरीर लगभग 60% पानी से बना है। गर्मी के महीनों में गर्मी और पसीना आपके शरीर को डिहाइड्रेटेड छोड़ सकता है, जिससे आपको ठंड लग सकती है और बुखार आ सकता है। वास्तव में, पानी की कमी भी आपके शरीर के लिए हानिकारक है और भूख न होने पर भी आपको भोजन के लिए तरसा सकती है। प्रतिदिन कम से कम आठ से नौ गिलास पानी पीकर अपने आप को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें।
पानी हमारे शरीर को पेशाब, पसीने और मल त्याग के माध्यम से जहरीले कचरे से छुटकारा पाने में भी मदद करता है। यह न सिर्फ आपको हाइड्रेट रखेगा बल्कि आपको ज्यादा खाने से भी बचाएगा।
डॉ राकेश के अनुसार – ”पानी से इस दौरान बीमारी फैलने का खतरा रहता है। इसलिए इस दौरान पानी उबाल कर पीना चाहिए। बाहर खाना खाने से भी इस दौरान बचना चाहिए।”
इन दिनों अधिकांश सब्जियां और फल साल भर उपलब्ध रहते हैं। हालांकि, मौसमी खाद्य पदार्थों का सेवन करने के अपने फायदे होते हैं। सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करने के लिए हमेशा ताजे कटे हुए खाद्य पदार्थों का चयन करें। आम, आलूबुखारा, टमाटर, खीरा, योंगचक, जामुन, तरबूज, संतरा आदि का सेवन करें।
संतरे और तरबूज जैसे फल न केवल हमें आवश्यक पोषक तत्व और खनिज प्रदान करते हैं, बल्कि हमारे शरीर को हाइड्रेट भी करते हैं और हमारे शरीर को आंतरिक रूप से ठंडा करते हैं जिससे हमें मदद मिलती है।
जैसे-जैसे हम सर्दियों से गर्मी की ओर बढ़ते हैं, तो अच्छी स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। गर्मी और उमस के कारण रोगाणु पनपते हैं, जिससे मौसमी फ्लू, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, पीलिया, टाइफाइड, त्वचा पर चकत्ते और फूड पॉइजनिंग जैसी बीमारियां होती हैं। स्वच्छता अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। अच्छी बात यह है कि अच्छी स्वच्छता बनाए रखना वाकई आसान है।
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कस्टमाइज़ करेंसाधारण चीजें जैसे दिन में दो बार स्नान करना, खाने से पहले हाथ धोना, त्वचा पर रैशेज से बचने के लिए मॉइश्चराइजर का उपयोग करना, बाहर खाने से परहेज करना, या कम से कम साफ-सफाई बनाए रखने वाली जगह पर खाना खाने से बुनियादी स्वच्छता बनाए रखने में काफी मदद मिलती है।
मौसमी बीमारियों से बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका है एक्टिव रहना। इसके लिए दौड़ने, तैराकी, जिम आदि जैसे कोई विशिष्ट व्यायाम करने की आवश्यकता नहीं है। यह कोई भी खेल हो सकता है जिसका आप आनंद लेते हैं जैसे – फुटबॉल, वॉलीबॉल, क्रिकेट आदि।
प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट एरोबिक व्यायाम करने की सिफारिश की जाती है, जो सप्ताह में 5 दिन प्रति दिन 30 मिनट के बराबर है। व्यायाम करने का सबसे अच्छा समय सुबह है, इसलिए नहीं कि यह कोई अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है, बल्कि इसलिए कि आप इसे दिनभर ऊर्जावान महसूस करेंगी।
जिनको भी पॉलेन (पराग) सम्बंधित एलर्जी या समस्याएं है उन्हें भी इस दौरान सावधानी बरतनी चाहिए। इस मौसम में ब्रोंकाइटिस होने का भी खतरा होता है – कहते हैं डॉ. राकेश।
इस वर्ष बहुत सारे लोगों को फ्लू के शॉट मिल रहे हैं, विशेष रूप से इस बात के बढ़ते प्रमाण के साथ कि वैक्सीन कोरोनवायरस के खिलाफ भी कुछ हद तक प्रतिरक्षा प्रदान कर सकती है। यदि आप इस तरह के संक्रमण के उच्च जोखिम में हैं, तो आप टीकाकरण कराने पर विचार कर सकते हैं।
नींद हर चीज़ का इलाज है, और बीमारियों के जोखिम को दूर रखने और अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आप पर्याप्त नींद या आराम नहीं करते हैं, तो आपका शरीर थका हुआ महसूस करेगा। फिर यह किसी भी बीमारी से लड़ने में असमर्थ हो सकता है।
अंत में डॉ राकेश पंडित का कहना है कि ”भले ही कोविड के केसेस कम हो गए हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोविड ख़त्म हो गया इसलिए आप अभी भी कोविड अनुरूप नियमों का पालन करते रहे हैं और मास्क तथा जरूरी सावधानी अमल में लाते रहें।”
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