थायराइड की समस्या भले ही एक आम समस्या के रूप में देखी जाने लगी हो, लेकिन यह स्वास्थ्य से जुड़े कई अन्य जोखिम पैदा कर सकती है। शरीर में थायराइड हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाना कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की स्थिति को पैदा कर सकता है। जिसमें बाल झड़ना और मोटापा आम समस्याएं हैं। कई बार लोग थायराइड के लक्षण देखने के बाद भी जांच करवाने से बचते हैं। विज्ञान इतना आगे बढ़ जाने के बाद भी और हमारे हाथों में हर जानकारी के होने के बावजूद हम कुछ मिथ पर भरोसा कर लेते हैं।
हर साल जनवरी महीने को थायराइड अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को थायराइड की समस्या के बारे में जागरूक करना है।
अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन (ATA) के अनुसार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में थायराइड की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। वास्तव में, 8 में से 1 महिला हाइपोथायरायडिज्म विकसित करती हैं। मौजूदा डाटा के अनुसार हाइपोथायरायडिज्म के परिणामस्वरूप इनफर्टिलिटी या गर्भावस्था से संबंधित जटिलताएं भी हो सकती हैं जैसे कि प्रीक्लेम्पसिया।
ऐसे में थायराइड के लक्षण, गंभीरता, उपाय, इलाज व प्रकार के अलावा थायराइड के बारे में जुड़े मिथ के बारे में भी जागरूक होने की जरूरत है।
थायराइड एक ग्लैंड होती है। जो एंडोक्राइन सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। देखने में इसका आकार बिल्कुल तितली जैसा होता है। इस ग्लैंड से निकलने वाला हार्मोन का संतुलन बहुत आवश्यक है।
ग्लैंड से उत्पन्न होने वाले हार्मोन को थायरोक्सिन कहा जाता है। यह हार्मोन शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को विनियमित करने में मदद करता है। जब उसका संतुलन बिगड़ने लगता है, तो शरीर में समस्याएं होती है। हालांकि समय पर जांच कर इलाज कर लेना बेहतर विकल्प है।
हर प्रकार की चिकित्सा में इसका इलाज मौजूद है। यहां तक कि घरेलू नुस्खे भी इसके उपचार में काम आ सकते हैं। थायराइड दो प्रकार की होती हैं हाइपोथायरॉइड और हाइपरथायरॉइड।
यह मिथ काफी प्रचलित है। ज्यादातर महिलाएं खासकर भारत में यह सोचती हैं कि यदि उन्हें इस बीमारी से जूझना पड़ता है, तो वह कभी गर्भवती नहीं हो सकती। हालांकि ऐसा नहीं है। अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन (ATA) के अनुसार यदि आप इस बीमारी का सही उपचार करती हैं और हार्मोन के बैलेंस को बनाए रखती हैं, तो आप एक स्वस्थ प्रेग्नेसी की योजना बना सकती हैं।
ज्यादातर लोगों के मन में यह भ्रांति बैठ चुकी है। हालांकि ऐसा नहीं है, थायराइड की समस्याओं से जूझ रहे अधिकांश लोगों में गोइटर विकसित नहीं होता है। यह सिर्फ एक मिथ है। यदि किसी व्यक्ति को यह समस्या होती है, तो उसके पीछे कई और भी कारण हो सकते हैं।
आंखों का फड़कना थायरॉयड नेत्र रोग का सिर्फ एक लक्षण है, जो हाइपरथायरायडिज्म और ग्रेव्स रोग के साथ सबसे आम है। जिन लोगों को थायरॉइड की समस्या नहीं है, उनमें से एक छोटे प्रतिशत में थायरॉयड नेत्र रोग की उभरी हुई आंखें होती हैं। अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन (ATA) के अनुसार भी इस बात का समर्थन किया गया है, कि उचित देखभाल के साथ थायराइड के जोखिमों से बचा जा सकता है।
यह सिर्फ और सिर्फ मूर्खता है। यदि आप बिना डॉक्टर की सलाह लिए या बिना उपचार शुरू कराएं थायराइड की बीमारी को आयोडीन से उपचारित करती हैं, तो यह आपकी स्थिति को और खतरनाक बना सकता है। अपने डॉक्टर की सलाह के बिना आयोडीन की खुराक न लें।
ऐसा बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि यदि आपको थायराइड की समस्या है, तो आप को थायराइड कैंसर भी हो सकता है। इसकी संभावना बेहद कम है। हालांकि यदि आपके साथ ऐसा होता है, तो जल्दी पता लगने पर इसका इलाज संभव है। इसके उपचार के लिए सर्जरी और रेडियो आयोडीन उपचार का इस्तेमाल किया जाता है।
यह भी पढ़े : प्रेगनेंसी में भी रहना है हेल्दी और कूल, तो इन 2 योगासनों का जरूर करें अभ्यास
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।