समर हीट को बीट करने के लिए तरबूज एक बेहद फायदेमंद फल है। वॉटर कंटेट से भरपूर तरबूज का सेवन करने से न केवल शरीर हाइड्रेट रहता है बल्कि शरीर को फाइबर की भी उच्च मात्रा प्राप्त होती है। मगर बावजूद इसके कुछ स्वस्थ्य समस्याओं से ग्रस्त होने पर तरबूज का सेवन नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल स्वास्थ्य के साथ स्किन का भी ख्याल रखते हैं, तो वहीं कुछ बीमारियों से ग्रस्त लोगों में वॉटर रिटेंशन का खतरा भी बना रहता है।
तरबूज की गिनती लो कैलोरी डेंसिटी फूड्स में की जाती है। इसमें वेट मैनेजमेंट में मदद मिलती है। इसके अलावा इसके नियमित सेवन से विटामिन ए और विटामिन सी की प्राप्ति होती है। साथ ही मैगनीशियम, पोटेशियम और फाइबर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से शरीर को करोटीनॉइड्स, लाइकोपित और क्यूकरबाइटेसिन जैसी एंटीऑक्सीडेंटस भी मिलते हैं। इससे शरीर में बढ़ने वाली ऑक्सीडेंटिव तनाव से मुक्ति मिल जाती है।
इस बारे में बातचीत करते हुए डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि तरबूज में फाइबर, पोटेशियम और वॉटर कंटेंट की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर स्वस्थ बना रहता है। मगर वे लोग जो किडनी, डायबिटीज, लिवर और हार्ट संबधी समस्याओं से ग्रस्त हैं, उन्हें फलूइड रिस्टरीकशन होने पर तरबूज का सेवन करने से बचना चाहिए। अन्यथा इससे शरीर में वॉटर रिटेंशन और हृदय रोगियों को कार्डिएक लोड बढ़ने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा तरबूज में मौजूद विटामिन और मिनरल की मात्रा डायरिया के पेंशेंट के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
तरबूज का जीआई 72 होता है, जिसे उच्च माना जाता है। हालांकि तरबूज में पानी की अधिक मात्रा पाई जाती है। इसके चलते 120 ग्राम तरबूज में 5 का जीआई होता है, जो इसे एक स्वस्थ विकल्प बनाता है। वॉटमेलन में ग्लाइसेमिक इंडेक्ट ज्यादा पाए जाने से ये डायबिटीज़ के रोगियों के स्वास्थ्स पर प्रभाव डाल सकता है। इसे मॉडरेट ढ़ग से खाना फायदेमंद साबित होता है। मधुमेह के रोगी एक बार में तरबूज को ज्यादा मात्रा में खाने से बचें। इससे डायबिटीज़ का स्तर उचित बना रहता है।
शरीर में पानी की मात्रा को नियमित बनाए रखने और गर्मी से बचने के लिए तरबूज का सेवन फायदेमंद साबित होता है। वे लोग जो तरबूज को खाते वक्त इसकी मात्रा का ख्याल रखते हैं। उनके शरीर में वॉटर कंटेंट बढ़ने लगता है। दरअसल, तरबूज में 92 फीसदी फ्लूइड और थोड़ी मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है। एक कप तरबूज का सेवन करने से शरीर को लगभग 3 कप तरल पदार्थ प्राप्त होते है! इसकी ज्यादा मात्रा किडनी की समस्या को बढ़ा सकती है।
डॉ अदिति शर्मा के अनुसार डायरिया के दौरान हल्का खाना खाने की हिदायत दी जाती है। मगर वहीं तरबूज में विटामिन और मिनरल्स की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिससे चलते डायरिया के दौरान तरबूज शरीर को नुकसान पहुंचा सकता हैं। इसमें मौजूद नेचुरल शुगर की मात्रा डायरिया की समस्या को गंभीर बना सकती है। इसके अलावा वॉटर कंटेंट की अधिकता के चलते बार बार यूरिन पास करने की समस्या बढ़ने लगती है। इससे फ्लूइड लॉस का सामना करना पड़ता है।
तरबूज में विटामिन और मिनरल के साथ पेटेशियम की भी मात्रा पाई जाती है, जो इंफ्लामेशन का कारण सिद्ध होती है। लिवर के रोग के दौरान फलूइड रिस्टरीकशन होने पर तरबूज खाने से बचें। इसके अलावा तरबूज में मौजूद लाइकोपिन की मात्रा भी लिवर में सूजन बढ़ने का कारण बन जाती हे।
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