गर्मी के मौसम में मटके का पानी मन खुश कर देता है। मटके का शीतल जल शरीर को ठंडक प्रदान करता है, और तरोताजा महसूस करने में मदद करता है। इसके अलावा मटके में मौजूद मिनरल्स की गुणवत्ता भी पानी में ऐड हो जाती है, जो शरीर के लिए फायदेमंद होती है। पर कई बार हम पिछली गर्मी में इस्तेमाल किए गए मटके को संभाल कर रख लेते हैं, और अगले साल गर्मी में उन्हें इस्तेमाल करते हैं। क्या ऐसा करना उचित है? कई लोगों ने पुराने मटके का पानी पीने के बाद सर्दी-खांसी जैसे संक्रामक की शिकायत की है (how to clean matka)। अब सवाल यह है कि ऐसा कैसे मुमकिन है? तो आज इस लेख के माध्यम से जानेंगे पुराने मटके में पानी पीने के नुकसान, साथ ही जानेंगे गर्मी में मटके का पानी पीते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए (how to clean matka)।
1. बैक्टिरियल ग्रोथ: धोने के बाद भी, पुराने मटकों में बैक्टीरिया हो सकते हैं, खासकर अगर उन्हें स्टोरेज से पहले ठीक से न सुखाया गया हो। गिव बैक्टीरिया पानी के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर आपको संक्रमित कर सकते हैं।
2. मिनरल्स का जमा होना: समय के साथ, पानी के मिनरल मटके की सतह पर जमा हो सकते हैं, और दुबारा इस्तेमाल करने पर संभावित रूप से पानी में घुल जाते हैं। इस प्रकार ये आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
3. काई लगना: पुराने मटकों में हरे शैवाल यानी कि काई के बढ़ने के लिए अनुकूल वातावरण होता है, खासकर अगर उन्हें धूप में रखा जाए या अच्छी तरह से साफ न किया जाए तो। काई तमाम तरह की कीटाणुओं का घर हो सकती है। जब यह पानी के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश करते हैं तो आपको परेशान कर देते हैं।
मटके में बैक्टीरियल ग्रोथ और मिनरल के जमाव को रोकने के लिए हर मौसम आपको मटका बदलने की आवश्यकता होती है। यदि आपने इस गर्मी कोई मटका लिया है, तो उसे दूसरे साल गर्मी में इस्तेमाल न करें। तब नया मटका खरीदें, इस प्रकार आप समस्याओं से बची रहती हैं और इसकी गुणवत्ताओं का पूर्णता आनंद प्राप्त कर सकती हैं।
अगर आप कभी अपने मटके को साफ कर रही हैं, तो ध्यान रखें कि इन्हें इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह से सूखने दें। विशेष रूप से इन्हें धूप की जगह पर रखकर सुखाएं ताकि यह पूरी तरह से ड्राई हो जाए और इसमें कोई भी नमी न रहे। अन्यथा काई लगने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं मटके को एक उचित अंतराल पर साफ करते रहना भी बहुत जरूरी है।
यदि आप नए मटके का इस्तेमाल कर रही हैं, तो सबसे पहले इन्हें घर लाने के बाद पानी में भिगोकर छोड़ दें। यह प्रारंभिक भिगोना बर्तन को तैयार करने में मदद करता है, यह सुनिश्चित करता है कि इसमें रखा पानी ठीक से ठंडा हो जाए। भिगोने के बाद, इसे अच्छी तरह से साफ कर लें, उसके बाद ही इसमें पीने का पानी डालें।
मटके को रोजाना साफ करना महत्वपूर्ण है। हर दिन जग या बर्तन से पानी पूरी तरह से निकाल दें और इसे गर्म पानी से साफ करें। यह अभ्यास बर्तन के अंदर पनप रहे किसी भी कीटाणु को नष्ट करने में मदद करता है, जिससे आपका मटका साफ रहता है।
सिरका अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है। सिरके के साथ पानी मिलाकर बर्तन को साफ करने से कीटाणु प्रभावी रूप से खत्म हो सकते हैं। महीने में कम से कम एक या दो बार बर्तन को सिरके के पानी से साफ करने की सलाह दी जाती है। यह विधि समय के साथ विकसित होने वाली किसी भी अप्रिय गंध को दूर करने में भी मदद करती है।
बर्तन के अंतर के सतह की सफाई बहुत जरूरी है, इसके लिए लंबे हैंडल वाले ब्रश का उपयोग करें। यह उपकरण सभी आंतरिक सतहों तक पहुंचते हैं, जिससे आपके घड़े की सफाई आसान हो जाती है। नियमित ब्रशिंग गंदगी और काई के निर्माण को रोकती है, जिससे बर्तन की स्वच्छता बनी रहती है।
अच्छी तरह से सफाई के लिए, एक कटोरी में एक चम्मच बेकिंग सोडा, एक चम्मच सफेद सिरका और थोड़ा नमक ऐड करें। इस मिश्रण का उपयोग बर्तन या घड़े को साफ़ करने के लिए करें। यह मिश्रण बैक्टीरिया को खत्म करने में प्रभावी साबित हो सकता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपका पीने का पानी सुरक्षित और ताज़ा है।
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