इन दिनों नेवल पियर्सिंग या बेली पियर्सिंग काफी ट्रेंड (Navel Piercing in Trend) में है। यह स्लिम बेली (Navel Piercing or belly piercing) को बड़ी खूबसूरती के साथ दर्शाता है। पर इसके साथ कुछ हेल्थ रिस्क भी जुड़े हुए हैं। यदि कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखा जाये, तो नेवल पियर्सिंग (Navel piercing) कराई जा सकती है। सबसे पहले इसके बारे में जानते हैं।
डर्मेटोलॉजिस्ट और एमडी डॉ. कशिश कालरा कहते हैं, ‘नाभि की स्किन को छेद कर नेवल पियर्सिंग (Navel Piercing) कराई जाती है। इसमें रिंग या अन्य ज्वेलरी डाली जाती है। इसे करवाने में केवल कुछ मिनट लगते हैं। जबकि इसे ठीक होने में एक साल तक का समय लग सकता है। उस दौरान और उसके बाद भी इस क्षेत्र का अतिरिक्त ध्यान रखना होगा।’
डॉ. कशिश कहते हैं, ‘नेवल पियर्सिंग करने वाले का चयन सावधानी से करें। वह प्रशिक्षित और अनुभवी होना चाहिए। छेदने से संक्रमण और रक्त-जनित बीमारियां फैलने का जोखिम होता है।
किसी ऐसे सैलून में जाएं जिस पर आपको भरोसा हो। साफ-सुथरी, सैनिटरी दुकान की तलाश करें, जिसके पास एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल पियर्सिंग से लाइसेंस मिला हो।
स्वच्छ और कॉन्टेमिनेशन मुक्त नीडल होना चाहिए। उपकरण सीलबंद पाउच में होने चाहिए, ताकि वह बैक्टीरिया मुक्त हो। डिस्पोजेबल पियर्सर का उपयोग करें।
ज्वेलरी का चुनाव सावधानी से करें। मेडिकल-ग्रेड स्टेनलेस स्टील से एलर्जी की संभावना सबसे कम होती है। अन्य सुरक्षित विकल्पों में 14 कैरेट या अधिक सोना, टाइटेनियम शामिल हैं।
ऐसे आभूषण का चुनाव करें, जिससे स्किन पर किसी प्रकार की चोट नहीं लगे।
इसे छेदने वाली बंदूक से नहीं करवाना चाहिए, क्योंकि यह ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है और संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है।
कुछ लोग मानते हैं कि बरसात में नेवल पियर्सिंग नहीं करवाना चाहिए। यह एक मिथ है। कोई भी व्यक्ति वर्ष के किसी भी समय नेवल पियर्सिंग करा सकता है। इसे कराने के बाद उचित देखभाल के नियमों का पालन करना जरूरी है। यदि आप डायबिटीज की मरीज नहीं हैं और आपका इम्यून सिस्टम मजबूत है, तो आप साल के किसी भी समय नेवल पियर्सिंग करा सकती हैं।
डॉ. कशिश के अनुसार, नेवल पियर्सिंग को छूने से पहले हाथ धो लें। जब तक यह ठीक न हो जाए, किसी अन्य को उस क्षेत्र को छूने न दें।
इसे साफ रखने और संक्रमण से बचने के लिए सेलाइन सलूशन से स्वाब करें। दिन में कम से कम एक बार उस क्षेत्र को सेलाइन सलूशन में भिगोए कॉटन से पोछ लें। यदि पियर्सर सुझाव देता है, तो माइल्ड गंध रहित साबुन से अच्छी तरह से धो लें।
बहुत ज़्यादा सफ़ाई न करें, इससे ठीक होने में समय लग सकता है।
पपड़ी पड़ने पर सफेद या पीले रंग का तरल पदार्थ निकलना सामान्य है। इसमें खुजली हो सकती है या जकड़न महसूस हो सकता है। इसे काटने की कोशिश न करें। इससे खून बह सकता है। ठीक होने पर पपड़ी अपने आप निकल जाएगी।
जब तक कोई डॉक्टर न कहे तब तक नाभि पर लोशन, तेल और सेंट कुछ भी न लगाएं।
साफ, ढीले और मुलायम कपड़े पहनें। तंग कपड़े से रगड़ हो सकती है। इससे ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।
हॉट बाथ, स्वीमिंग पूल से दूर रहें। यह संक्रमण का कारण बन सकता है।
लटकती हुई ज्वेलरी नहीं पहनें। इससे स्किन फट सकती है।
कुछ स्वास्थ्य समस्याएं छिदवाने के बाद प्रतिक्रिया का कारण बन सकती हैं। यदि डायबिटीज, हीमोफीलिया, हार्ट डिजीज या किसी प्रकार के ऑटो इम्यून डिजीज की शिकार हैं, तो नेवल पिएर्सिंग नहीं करवाएं।
नाभि के आसपास की त्वचा पर दाने, खुले घाव होने पर यह नहीं कराएं। प्रेग्नेंट होने, अधिक वजन होने पर नहीं कराएं। इससे घाव हो सकते हैं।
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