हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। बढ़ती उम्र के साथ ये समस्या नॉर्मल है, परंतु आजकल बेहद छोटी उम्र में ही लोग इसके शिकार हो रहे हैं। बढ़ता ब्लड प्रेशर (hypertension) हृदय संबंधी समस्याओं (heart disease) के खतरे को बढ़ा देता है। इतना ही नहीं यह किडनी पर भी नकारात्मक असर डालता है, और किडनी फेलियर (kidney failure) सहित लिवर डैमेज का कारण बन सकता है। ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण है, अपने खानपान पर ध्यान देना। सही डाइट हाइपरटेंशन के खतरे को कम कर देती है (hypertension diet), खासकर अचानक से ब्लड प्रेशर को बढ़ने से रोकती हैं।
हाइपरटेंशन के सभी मरीज को अपनी डाइट में सोडियम (sodium intake in hypertension) की मात्रा को घटाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा कई ऐसे खास पोषक तत्वों से भरपूर ड्रिंक्स हैं, जिन्हें सुबह ब्रेकफास्ट में लेने से पूरे दिन ब्लड प्रेशर मेंटेन रहता है। न्यूट्रीफाई बाई पूनम डायट एंड वैलनेस क्लीनिक की डायरेक्टर, डाइटिशियन और न्यूट्रीशनिस्ट पूनम दुनेजा ने हेल्दी और पौष्टिक बीटरूट से बनी जूस (beetroot juice for hypertension) को हाइपरटेंशन के मरीजों का साथी बताते हुए कुछ अन्य ड्रिंक के नाम सुझाए हैं, जिन्हें आप अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं।
चुकंदर के जूस में नाइट्रेट होता है, जो शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बना सकता है। वहीं एक क्लिनिकल ट्रायल से पता चला है कि जब कोई व्यक्ति दिन में एक बार 2 कप से ज़्यादा चुकंदर का जूस पीता है, तो उसका ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। चुकंदर के जूस में मौजूद नाइट्रेट सूजन को काम करती है और ब्लड वेसल्स को खोल देती हैं, इस प्रकार ये हाई ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने में आपकी मदद कर सकती है।
चुकंदर का जूस फौरन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकता है। इसे पीने के 30 मिनट बाद ही गिरावट देखने को मिलेगा और यह प्रभाव लगभग 24 घंटे तक रह सकता है।
हिबिस्कस टी में एंटीऑक्सीडेंट एंथोसायनिन होता है। हिबिस्कस टी सूजन को कम करके, ब्लड वेसल्स के कार्य में सुधार करती है और आपको प्रयाप्त एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करती है, जिससे ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर मिलती है। शोध से पता चलता है कि कम से कम 2 सप्ताह तक हर दिन 2 कप हिबिस्कस चाय पीने से ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिल सकती है।
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पानी के बाद चाय दूसरा सबसे आम ड्रिंक है। काली चाय हरी चाय से इस मायने में अलग है कि इसकी पत्तियों को फर्मेन्ट किया जाता है। ग्रीन टी में कैमेलिया साइनेंसिस पौधे की ताजी, सूखी पत्तियों का उपयोग किया जाता है।
ग्रीन टी की तरह ब्लैक टी भी ब्लड प्रेशर को कम करने में कारगर होती हैं। चाय में मौजूद एक्टिव केमिकल कंपाउंड ब्लड वेसल्स और मांसपेशियों को आराम पहुंचाते हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाले हार्मोन के स्तर को संतुलित रखती हैं, वहीं नाइट्रिक ऑक्साइड (जो रक्त वाहिकाओं को खोलता है) उसे बढ़ा देती हैं।
हिबिस्कस की तरह, अनार के जूस में भी एंथोसायनिन होता है। यह एक ऐसे एंजाइम के साथ प्रतिक्रिया करता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने कम से कम 2 सप्ताह तक रोजाना अनार का जूस पिया था, उनके ब्लड प्रेशर में गिरावट देखने को मिली। यह स्पष्ट नहीं है कि ब्लड प्रेशर कम करने के लिए कितने जूस की आवश्यकता होती है। हालांकि, एक्सपर्ट लगभग एक गिलास जूस पीने की सलाह देते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंग्रीन टी को सेहत संबंधी कई समस्याओं में बेहद कारगर माना जाता है, खासकर वजन कम करने के लिए लोग इसे रोजाना पीते हैं। इसका उपयोग औषधीय उद्देश्यों के लिए भी किया जाता रहा है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में ब्लड प्रेशर पर ग्रीन टी के प्रभाव को देखा गया।
इसमें पाया गया कि रोजाना ग्रीन टी पीने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों ब्लड प्रेशर (ऊपरी और निचली संख्या) कम हो जाते हैं। ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट का एक बेहतरीन स्रोत है, जो इन्फ्लेमेशन को कम करते हुए ब्लड वेसल्स के फंक्शन को इंप्रूव करते हैं और इसे स्वस्थ रखते है, जिससे कि हाइपरटेंशन को कंट्रोल करना आसान हो जाता है।