गतिहीन जीवन शैली और शरीर के वजन में वृद्धि हमारी हड्डियों को सबसे अधिक प्रभावित करती है। यही आगे चलकर आर्थराइटिस का कारण बनता है। आर्थराइटिस (Arthritis) मुख्य रूप से शरीर के साइनोवियल जॉइंट (Synovial Joint) की सूजन है। इसके कारण हड्डियां कमजोर (Week Bone) हो जाती हैं, उनमें टूट-फूट शुरू हो जाती है। साथ ही जोड़ों में दर्द (Joint Pain), सूजन (Inflammation) भी हो सकती है। समस्या गंभीर होने पर जोड़ों में लाली होना और कोई भी काम करने में परेशानी महसूस हो सकती है। अगर आपके एजिंग पेरेंट्स में सर्दियों में जोड़ों में दर्द यानी आर्थराइटिस की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो एक्सपर्ट बता रहे हैं इससे बचने के कुछ प्रभावी (how to prevent joint pain arthritis) उपाय।
फीजियोथेरेपिस्ट और योग थेरेपिस्ट डॉ. अमित खन्ना बताते हैं, ‘ यह आनुवंशिक कारणों, इम्यून सिस्टम कमजोर होने, मेटाबोलिक रेट में परिवर्तन से भी हो सकता है। गठिया (Arthritis) आमतौर पर बड़े और वजन वहन करने वाले जोड़ों को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए कूल्हे के जोड़, घुटने के जोड़ और टखने के जोड़। हाथों के छोटे जोड़ और उंगलियां भी इससे प्रभावित हो सकती हैं।
डॉ. अमित खन्ना बताते हैं, ‘सामान्य तौर पर साइनोवियल जोड़ (Synovial Joint) एक ऑटोमेटिक लुब्रिकेटिंग संरचना है। हड्डियों के सिरे कार्टिलेज टिश्यू (Cartilage Tissue) से ढके होते हैं। ये लिगामेंट से जुड़े होते हैं। हड्डियों के बीच की जगह जॉइंट केविटी के रूप में जानी जाती है। इस केविटी में साइनोवियल फ्लूइड होता है, जो जोड़ को चिकना करने के लिए स्रावित किया जाता है। सभी जॉइंट को अपने कामकाज के लिए ब्लड की आवश्यकता होती है।”
जब वाइटल फ़ोर्स जॉइंट में अवरुद्ध हो जाता है, तो ब्लड की आपूर्ति सुस्त हो जाती है और जॉइंट फ्लूइड स्थिर हो जाता है। इस ठहराव के कारण टॉक्सिक एलिमेंट इसमें जमा होने लगते हैं। यह नर्व फाइबर को परेशान करता है। इसके कारण जॉइंट स्टिफ हो जाते हैं और दर्द होता है। इसके कारण चलने-फिरने में दिक्कत होती है।
डॉ. अमित खन्ना बताते हैं, आवश्यकता से अधिक खाना और तले हुए खाद्य पदार्थ, प्रोसेस्ड और सिंथेटिक खाद्य पदार्थ, एनिमल फैट गठिया के लक्षणों को बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी बजाए हल्के पके हुए साग और साबुत अनाज की रोटी, चावल, बाजरा और जौ को अपने आहार में शामिल करें। उबली या बेक की हुई सब्जियां लें, खासकर हरी सब्ज़ियां, लेकिन प्याज़ नहीं लें। हरी पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, चुकंदर, गाजर, खीरा, अंकुरित दालें। केले को छोड़कर ताजे फल, कम मात्रा में ड्राई फ्रूट भी लें।
चीनी (Sugar) के स्थान पर शहद (Honey) का प्रयोग किया जा सकता है। दूध और डेयरी उत्पादों (Dairy Product)जैसे पनीर और अत्यधिक रिफाइंड का सेवन कम करें। मौसमी फल और सब्जियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यदि जरूरी हो, तो थोड़ी मात्रा में कभी-कभी वाइट मीट, चिकन और मछली ली जा सकती है।तली-भुनी चीजों से परहेज करें और तरल पदार्थ का सेवन बढायें। गाउट होने पर मछली, अंडे, मटर, मसूर, सूखी बीन्स, मांस और प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों से बचें।
कैफीन का सेवन कम करें, जो दर्द और सूजन को बढ़ाता है।
नियमित व्यायाम करें और जोड़ों पर तनाव न डालें। दौड़ना और वेट लिफ्टिंग जैसे व्यायाम बिल्कुल न करें।
मांसपेशी को टोन रखें। मांसपेशियां जोड़ों को सहारा देने में मदद करती हैं, इसलिए जोड़ों को मजबूत रखने के लिए मांसपेशियों को मजबूत बनाना जरूरी है।
वजन अधिक होने से भार वहन करने वाले जोड़ विशेष रूप से घुटने और कूल्हे अधिक प्रभावित होते हैं। अधिक वजन का अर्थ है हाथों में भी अधिक दर्द होना। यदि आपका वजन अधिक है, तो अभी से धीरे-धीरे वजन घटाना शुरू कर दें।
बहुत बड़े गोल सेट न करें, धीरे-धीरे और लगातार प्रयास करें।
अपना पोस्चर हमेशा सही (Right Posture) रखने का प्रयास करें। लंबे समय तक एक स्थिति में रहने से बचें। यदि डेस्क पर काम कर रही हैं, तो सुनिश्चित करें कि कुर्सी सही ऊंचाई पर हो। नियमित समय पर ब्रेक लेती रहें। बीच-बीच में टहलना आपके जोड़ों को रिलैक्स करने में मदद कर सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंजोड़ों पर अधिक तनाव देने से बचें। आराम और काम के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करें। खुद भी हल्के हाथों से मालिश करें। क्योंकि यह मांसपेशियों को आराम देने और रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करती है।
राहत पाने के लिए गर्म स्नान या गर्म पानी की सिंकाई या जोड़ों के आसपास हीटिंग पैड लें। विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सिडेंट ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) और इसके जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
गठिया के लिए टहलना आदर्श व्यायाम है। जोड़ों और मांसपेशियों को लचीला बनाए रखने के लिए स्ट्रेचिंग सबसे आसान तरीका है। यह तनाव को दूर करता है और दैनिक गतिविधियों को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
धूम्रपान(Smoking) से बचें जो जोड़ों के डीहाईड्रेशन (Dehydration) के कारण गठिया के खतरे को बढ़ा सकता है।
यदि समस्या हो रही है, तो तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। वे लक्षणों के आधार पर आपकी समस्या की गंभीरता आंक सकेंगे। ताकि तुरंत और सही उपचार शुरू किया जा सके।
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