लंबे इंतजार के बाद आपको ऐसा समय मिला है जब आप पार्टनर के साथ भरपूर टाइम बिता रहीं हैं। आप चाहती हैं कि लॉकडाउन के इस पीरियड का इस्तेमाल फैमिली प्लान करने में किया जाए। पर यह हो नहीं पा रहा। इस समय कई महिलाएं इसी सवाल से जूझ रहीं हैं। तो आइए जानते हैं कि क्या होता है ऐसा, जो सब कुछ ठीक होने के बाद भी गर्भधारण में बाधा बनता है।
बेशक मां बनना आपकी अपनी निजी चॉइस है। इसके लिए उम्र और समय का फैसला आप स्वयं करती हैं। फिर भी 32 साल की उम्र से पहले गर्भधारण करने की योजना बनाना बेहतरीन विचार है, क्योंकि आप जितने युवा होंगे, गर्भधारण करना उतना ही आसान होगा और अंडे भी स्वस्थ गुणवत्ता के होंगे। 32 की उम्र के बाद प्रजनन क्षमता धीरे-धीरे और 35 के बाद तेजी से कम होती जाती है।
पर इससे भी ज्यादा जरूरी बात कि गर्भधारण की पूरी प्रक्रिया के बारे में ज़्यादा चिंता करने से भी इसमें परेशानी आती है। यदि आपका मन शांत है, तो आपकी आंतरिक स्थिति गर्भधारण के लिए अधिक अनुकूल होगी।
सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि गर्भधारण का प्रयास शुरू करने के बाद 90% जोड़ों को गर्भधारण करने में 1 साल तक का समय लग सकता है। जैसा कि माना जाता है, गर्भावस्था एक संयोग है, इसलिए स्त्री रोग विशेषज्ञ के तौर पर मैं उस संभावना को बढ़ाकर अपनेे मरीज़ों की मदद करती हूं।
जब आप गर्भधारण करने की कोशिश करते हैं, तो उस दौरान जीवन शैली से जुड़े कुछ बदलाव करने से बहुत फायदा मिलता है।
अगर युगल इस फर्टाइल अवधि के दौरान प्रत्येक दूसरे दिन यौन संबंध बनाएं तो इससे काफी फायदा मिलता है। मासिक धर्म का रिफरेंस पॉइंट पिछले मासिक धर्म के पहले दिन से शुरू होता है, जिसे मासिक धर्म चक्र का पहला दिन माना जाता है।
यदि कभी-कभी जोड़ों को गर्भाधारण में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, तो डॉक्टर ओवुलेशन को प्रेरित करने और गर्भाधारण की संभावना बढ़ाने के लिए महिला को फर्टिलिटी की गोलियां दे सकते हैं। इस बीच, इनफर्टिलिटी के मामले में पुरुषों से जुड़े कारण का पता लगाने के लिए पति के वीर्य की जांच की जा सकती है।
अपने डॉक्टर को सभी बातें सच्चाई से बताएं। पिछले गर्भपात, किसी तरह की दवाइयों के सेवन, किसी पुरानी बीमारी या एलर्जी से जुड़े इतिहास को डॉक्टर से ज़रूर शेयर करें।
इन सरल उपायों को अपनाने से अधिकांश महिलाएं 6-9 महीनों में गर्भधारण कर सकती हैं। जिनको इन उपायों से फायदा नहीं होता है, उन्हें आगे जांच और ट्यूबल पेटेंसी टेस्ट, हिस्टेरोस्कोपी, लैप्रोस्कोपी जैसे परीक्षण करवाने पड़ सकते हैं। सीरियल इंटरनल अल्ट्रासाउंड जैसे परीक्षण होते हैं जो उस दिन किए जाते हैं, जिस दिन आप ओवुलेट कर रहे होते हैं।
इससे आसान गर्भाधारण के लिए संभोग का सही समय जानने में मदद मिलती है। इन दिनों स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने में असफल रहने वाले जोड़ों के लिए सहायक प्रजनन तकनीकों की कोई कमी नहीं है।
अपने आप को पर्याप्त समय दें, चिंता न करें और सफल परिणाम के लिए गर्भावस्था की योजना बनाने से पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें।