आज के समय में हृदय संबंधी समस्याएं बिल्कुल हम हो चुकी हैं। बेहद कम उम्र में ही लोग इसके शिकार हो रहे हैं। वहीं हार्ट अटैक से होने वाले मृत्यु दर भी दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। इन सभी को ध्यान में रखते हुए हमें हृदय संबंधी समस्याओं के प्रति अधिक सचेत होने की आवश्यकता है। कई बार हमारी छाती में भारीपन (chest heaviness) महसूस होता है, साथ ही साथ हार्टबीट भी कभी-कभी बढ़ जाती है। हालांकि, यह समस्या लंबे समय तक नहीं रहता, इसलिए हम सभी इसे नजरअंदाज कर देते हैं। पर यही छोटी मोटी समस्याएं आगे चलकर हार्ट अटैक (heart attack), स्ट्रोक और आर्टिरीज ब्लॉकेज (blockage) जैसी बीमारियों का संकेत बनती है। इसलिए समय रहते इन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
हेल्थ शॉट्स ने छाती में भारीपन महसूस होने के कारणों को समझने के लिए प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में सीनियर कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. विकास चोपड़ा से बात की। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं, आखिर चेस्ट हेवीनेस का क्या कारण है (causes of chest heaviness)। साथ ही जानेंगे इस परेशानी से कैसे निपटा जा सकता है।
एनजाइना (angina): हृदय की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह कम होने से छाती में भारीपन, दर्द और बेचैनी महसूस हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को छाती में अधिक दबाव का अनुभव होता है। इस स्वास्थ्य स्थिति को नजरअंदाज न करें, इसे फौरन चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता होती है।
हार्ट अटैक (heart attack): हार्ट अटैक की स्थिति में कोरोनरी आर्टिरीज ब्लॉक हो जाती हैं, इसमें रुकावट के कारण छाती में भारीपन, दर्द या दबाव महसूस हो सकता है। यह एक आपातकालीन स्थिति है, जिस पर व्यक्ति को फौरन ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
नोट: इन समस्याओं के अलावा कई लोगों में हार्टबीट और सामान्य रूप से चलती है, जिसकी वजह से भी छाती में भारीपन और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसके अलावा जब हृदय की मांसपेशियों से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या आपको परेशान कर रही होती है, तो उस दौरान भी छाती में भारीपन महसूस हो सकता है। यदि आपको लगातार ऐसा महसूस हो रहा है, तो फौरन कार्डियोलॉजिस्ट से मिल कर सलाह लें।
अस्थमा (asthma): एयरवेज में सूजन और कसावट के कारण छाती में भारीपन, घरघराहट या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। यह अक्सर एलर्जी, एक्सरसाइज या तनाव के कारण होता है।
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD): फेफड़ों के डैमेज होने के कारण छाती में भारीपन, खांसी या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। यह अक्सर धूम्रपान या फेफड़ों को परेशान करने वाले अन्य पदार्थों के लंबे इस्तेमाल से होता है।
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निमोनिया (pneumonia): फेफड़ों की सूजन के कारण छाती में भारीपन, खांसी या सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है। ऐसा बैक्टीरिया, वायरल या फंगल संक्रमण के कारण होता है।
गैस्ट्रोसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी): पेट का एसिड वापस एसोफैगस में बहने से सीने में भारीपन या उल्टी हो सकती है। यह अक्सर मसालेदार भोजन, खट्टे फल या खाने के बाद लेटने से शुरू होता है।
पित्ताशय की पथरी (gallstones): बाईल डक्ट में रुकावट सीने में भारीपन, पेट में दर्द या मतली का कारण बन सकता है। यह अक्सर पित्ताशय की पथरी या पित्ताशय की सूजन के कारण होता है।
छाती की मांसपेशियों का अत्यधिक उपयोग या चोट के कारण छाती में भारीपन या दर्द हो सकता है। यह अक्सर भारी वजन उठाने, झुकने या अचानक से किसी प्रकार का हरकत करने के कारण होता है।
1. चिंता या पैनिक अटैक (anxiety or panic attack): तनाव और चिंता के कारण छाती में भारीपन, घबराहट या सांस फूलने की समस्या हो सकती है। इसके साथ अक्सर डर, चिंता और आशंका की भावनाएं भी बनी रहती हैं।
2. हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism): कम सक्रिय थायरॉयड ग्लैंड छाती में भारीपन, थकान या सांस फूलने का कारण बन सकती है। यह अक्सर ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, रेडिएशन थेरेपी या सर्जिकल मेथड से थायराइड ग्लैंड को निकालने के कारण होता है।
3. दवा के साइड इफ़ेक्ट (side effects of medication): बीटा-ब्लॉकर्स या एंटीडिप्रेसेंट जैसी कुछ दवाएं साइड इफ़ेक्ट के रूप में छाती में भारीपन पैदा कर सकती हैं। यह अक्सर हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर या सांस लेने के पैटर्न में बदलाव के कारण होता है।
नोट: छाती में भारीपन के कई कारण हो सकते हैं, इन सभी समस्याओं का समाधान अलग-अलग है, इसलिए छाती के भारीपन को रोकने का कोई एक सुझाव नहीं दिया जा सकता। भारीपन महसूस होने पर आराम से बैठ जाएं और पानी पिएं। रिलैक्स रहने की कोशिश करें, साथ ही साथ डॉक्टर के पास जाकर उनसे उचित सलाह लें। वे अंतर्निहित कारण को निर्धारित करने और उचित उपचार योजना विकसित करने में मदद करेंगे।
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