कोई भी दवा नींद की जगह नहीं ले सकती। बल्कि जब भी आप बीमार होती हैं, तो डॉक्टर दवा के साथ आपको गहरी नींद लेने की सलाह देते हैं। यही वजह है कि क्रोनिक बीमारियों से रिकवर होने के लिए कभी-कभी मरीज को नींद लाने वाली दवाएं भी देनी पड़ती हैं। नींद हम सभी के जीवन का अपरिहार्य हिस्सा है। पर जब आप बिस्तर पर जाने के बाद भी करवट बदलती रहती हैं और नींद नहीं ले पातीं, तो ये आपके लिए कई समस्याएं पैदा कर सकता है। यहां हम उन प्राचीन पद्धतियों ( how to sleep better at night) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको गहरी और मीठी नींद लेने में मदद करेंगी।
साउंड स्लीप से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। हार्मोन का सीक्रेरशन भी सही तरीके से हो पाता है।
“योग फॉर सुपर इम्युनिटी” की लेखिका और योग थेरेपिस्ट बिजोयलक्ष्मी होता बताती हैं, ‘योग में ऐसी कुछ तकनीक शामिल हैं, जिनकी मदद से आप बिना नींद टूटे 7-8 घंटे की नींद ले सकती हैं।’
बिजोयलक्ष्मी कहती हैं कि कई योग-आसन ऐसे हैं, जो आपकी मांसपेशियों को रिलैक्स करते हैं। आपका तनाव दूर भागता है और आप इन क्रियाओं को करते हुए शांति और सुकून महसूस करती हैं और फिर आप गहरी नींद में सो जाती हैं। आइए जानते हैं उन योग क्रियाओं को।
इस आसन को कभी -भी किया जा सकता है। इससे शरीर को आराम मिलता है और अच्छी नींद भी आती है। इसमें शवासन की मुद्रा में लेटकर गहरी सांस लेकर खुद से 10 बार रिलैक्स कहना पड़ता है। इसके बाद शरीर के प्रत्येक अंगों के लिए यह कल्पना की जाती है कि कोई ऊर्जा पुंज उन अंगों से गुजर रहा है। प्रत्येक अंगों के लिए यह प्रक्रिया करते हुए आप गहरी नींद में सो सकती हैं।
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यदि कोई व्यक्ति योग निद्रा अभ्यास के बावजूद नींद नहीं ले पा रहा है और जाग रहा है, तो उसे इस कंबाइंड तकनीक का अभ्यास करना चाहिए। अमूमून योग निद्रा के माइंड रोटेशन के एक राउंड बाद नींद आ जाती है। यदि आप प्राणिक विज़ुअलाइज़ेशन तकनीक अपनाएंगी, तो आपका पूरा शरीर गहरे तक रिलैक्स महसूस करेगा।
अपने होठों को अलग कर लें
इसके बाद इमेजिन करें कि प्रकाश की किरण आपके चेहरे पर पड़ रही है और यह आपके मुंह में प्रवेश कर रही है।
अपनी चेतना को अपने शरीर के अंदर ले जाएं। आप यह महसूस करने की कोशिश करें कि प्रकाश आपके मुंह में प्रवेश कर आपको ऊर्जा से भर रहा है।
एक या दो मिनट के लिए शरीर के प्रत्येक भाग पर ध्यान दें। कल्पना करें कि इससे टिश्यू का उपचार हो रहा है।
उपचार बाद होने वाले वाइब्रेशन और झुनझुनी (tingling) को महसूस करें।
आप मुंह से शुरुआत करें, फिर धीरे-धीरे गले, टॉन्सिल, थाइमस, विंडपाइप, दाएं फेफड़े और बाएं फेफड़े पर ध्यान केंद्रित करें। कल्पना करें कि सभी उपचारित भाग प्रकाश को अवशोषित कर रहे हैं और ग्लो करने लगे हैं।
अब कल्पना करें कि लाइट आपकी हड्डियों के आर-पार जा रही है। लाइट आपके पूरे स्केलेटल सिस्टम में फैल रही है। आपके बोन्स एनर्जेटिक हो गए हैं।
यदि आप इसे रात में कर रही हैं, तो इस बिंदु पर आकर आप सो सकती हैं। यदि आप इसे दिन में कर रही हैं, तो धीरे-धीरे आप अपने परिवेश के प्रति भी सचेत हो जाएं। अपने आस-पास की ध्वनियों के प्रति जागरूक हो जाएं
एक गहरी सांस लें। अपने आप को ठीक से स्ट्रेच करें और धीरे से अपनी आंखें खोलें
यह एक योगिक ध्यान साधना है। इसमें मोमबत्ती की लौ को देखा जाता है। एक सिंगल डेटा का निरंतर प्रवाह मस्तिष्क को बोर कर देता है। इससे मस्तिष्क को नींद-सी आने लगती है। फिर व्यक्ति को आसानी से नींद आ जाती है।
एक जलती हुई मोमबत्ती को अपने सामने हाथ की लंबाई और आंखों के स्तर पर रखें
आराम करें
अपनी आंखें बंद कर लें और मन को स्थिर रखें
आंखें खोलें और लौ के एक निश्चित बिंदु पर टकटकी लगाकर देखें
जब तक बहुत जरूरी न हो, पलक न झपकाएं।
जितनी देर हो सके अपनी आंखें खुली रखें। शुरुआत में कुछ सेकंड के लिए ही यह अभ्यास हो पाता है, क्योंकि आंखों से पानी आना शुरू हो जाता है।
यदि ऐसा हो, तो आंखें बंद करें। हालांकि लगातार अभ्यास से आप ज्यादा देर तक आंखें खुली रख सकती हैं।
2-3 मिनट के बाद, अपनी आंखें बंद कर लें।
आंखें बंद करने पर भी आप लौ की छवि स्पष्ट रूप से महसूस कर सकती हैं।
इस छवि पर ध्यान केंद्रित करें। इसे 2-3 मिनट तक या छवि के फीके पड़ने तक देखती रहें।
अपनी आंखें खोलें और इस प्रक्रिया को तीन बार दोहराएं।
महत्वपूर्ण नोट : मोमबत्ती की लौ पर त्राटक एक या दो महीने से अधिक नहीं करना चाहिए। इसके स्थान पर काले बिंदु या शिवलिंगम या ओम अक्षर देख सकती हैं।
अच्छी नींद के लिए आयुर्वेद रात में पांच मिनट तक सरसों के तेल से पैरों के तलवों की मालिश करने की सलाह देता है।
एक चम्मच खसखस को पानी के साथ पीसकर 5 मिनट तक पकाएं।
अब उसमें एक चुटकी जायफल पाउडर मिलाएं और रात को सोते समय इसका सेवन करें। यह आपकाे अच्छी नींद दिलाने में मदद करेगा।
सलाद, दूध और केला भी सीडेटिव का काम करते हैं। इनके अलावा कुछ ट्रिप्टोफैन से भरपूर खाद्य पदार्थ भी सेरोटोनिन के उत्पादन में वृद्धि करते हैं। यह मेलाटोनिन के स्राव को बढ़ाते हैं। जिससे आपके शरीर में नींद वाले हॉर्मोन का स्राव होता है। पर ध्यान रहे सूर्य का प्रकाश भी सेरोटोनिन के स्राव के लिए जरूरी है।
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