हम अभी भी covid-19 महामारी के साथ ही हैं। संकट अब भी अपने चरम की ओर बढ़ रहा है। बचाव और परहेज ही है जो हमें अभी तक इस संकट से बचाए हुए है। इस संकट से बचाने के लिए हमारे शरीर में केवल एक ही योद्धा है। हमारे शरीर की वह प्रणाली है जिसमें लगभग पांच लीटर रक्त और लसीका नामक पारदर्शी तरल पदार्थ शामिल हैं। जी हां, आपने सही अंदाजा लगाया हम रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी प्रतिरक्षा प्रणाली की बात कर रहे हैं। जिसे अंग्रेजी में इम्यूनिटी सिस्टम कहा जाता है।
ऊपर वर्णित दो तरल पदार्थ हमारी सफेद रक्त कणिकाओं को आगे ले जाने का काम करते हैं जब बाहरी बैक्टीरिया और वायरस शरीर पर हमला करते हैं। उन बैक्टीरियाज और वायरस का सबसे बड़ा दुश्मन यानी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता, हो सकता है कि आपकी लापरवाही के कारण अब भी कमजोर हो।
आप हैरान हैं कि वे आदतें क्या हैं? तो आइए हम आपको बताते हैं:
अगर आप हर बात को लेकर बहुत ज्यादा तनाव ग्रस्त हो जाती हैं, फिर चाहें वह चेहरे पर उग आया नया पिंपल हो या काम की नजदीक आती डेडलाइन। रिश्तों का थोड़ा सा भी तनाव आपको परेशान कर देता है, तो बधाई हो आप अपनी इम्यूनिटी को बर्बाद करने की ओर बहुत तेजी से बढ़ रहीं।
ठीक है! हम पर विश्वास मत करो। लेकिन अप्रैल 2012 में किए गए एक इस अध्ययन के बारे में आपको जानना चाहिए। इसमें पाया गया कि जिन लोगों में लंबे समय से तनाव मौजूद था वे कमजोर प्रतिरक्षा के कारण ठंड लगने और फ्लू के शिकार होने के प्रति ज्यादा संवेदनशील थे। कोर्टिसोल हार्मोन का उत्पादन, जो शरीर की सुरक्षा करने वाली सफेद रक्त कोशिकाओं को मार कर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना देता है।
यदि आप हर रात कम से कम छह से आठ घंटे की गहरी नींद नहीं लेती हैं तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली बर्बाद हो सकती है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय में किया गया एक अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि अपर्याप्त नींद के परिणामस्वरूप आपके शरीर द्वारा एंटीजेन्स पर कार्रवाई कमजोर हो सकती है। इसलिए, यदि आप पूरी रात भर मूवीज देखती हैं या अपने सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालती रहती हैं, तो आप वास्तव में अपनी इम्यूनिटी को कमजोर कर रहीं हैं।
फिलहाल, ऐसा करना क्या सही हो सकता है? निश्चित रूप से, कोई भी आपको बाहर निकलने और लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग को भूलने की बात नहीं कह रहा है। आपको बस इतना करना है कि हर दिन सूरज की रोशनी यानी धूप में रहना है। यदि आप देर रात तक जागती हैं और सुबह की धूप बिल्कुल नहीं ले पातीं, तो आप अपनी इम्यूनिटी के साथ अन्याय कर रहीं हैं। धूप से मिलने वाला विटामिन डी आपकी इम्यूनिटी के लिए जरूरी खुराक है।
जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी, अमेरिका में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, सूरज की रोशनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। और शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओं के परिसंचरण को बढ़ावा देता है। जाहिर है, आपको लंबे समय तक सूरज की रोशनी में रहकर अपनी स्किन को टैन करने की जरूरत नहीं है। लेकिन सुबह के समय की धूप में अगर आप 15-30 मिनट भी रहती हैं तो यह आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो सकता है।
जी, यह सच है! आलस्य आजकल सभी पर हावी है। खासतौर से लॉकडाउन के इन दिनों में। यह न भी हो तो भी आपके पास वर्कआउट से बचने के ढेर सारे बहाने हैं। आप काम की व्यस्तता का हवाला देंगी या घर के पेंडिंग काम गिनाएंगी, बस किसी न किसी तरह से खुद को वर्कआउट से बचा लेंगी। असल में आप खुद ही अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहीं हैं।
इम्यूनोलॉजी के फ्रंटियर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नियमित रूप से वर्कआउट करने से एंटीबॉडी और सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है, जो आपके शरीर को संक्रमण को लक्षित करने और इससे प्रभावी ढंग से निपटने की ताकत प्रदान करता है।
यदि आप जंक-फूड प्रेमी हैं, जो पैकेज्ड, प्रीजर्व्ड और प्रोसेस्ड फूड के बिना जीवित नहीं रह सकतीं तो आपको बॉन विश्वविद्यालय अस्पताल में किए गए इस अध्ययन पर ध्यान देना होगा। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन जिनमें सोडियम उच्च मात्रा में होता है, आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना देता है।
अध्ययन में आगे कहा गया है कि जब आप उच्च सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो आपकी किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। जिससे शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों की कार्यप्रणाली पर एक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिससे इम्यूनिटी कमजोर होती है। अपनी सेहत के लिए आपको तत्काल नूडल्स, चिप्स, और जंक फूड पर रोक लगाने की जरूरत है।
रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी), अमेरिका, किसी अवसर पर महिलाओं द्वारा चार या उससे ज्यादा पैग लेने को अत्यधिक पीने के रूप में परिभाषित करता है, और पुरुषों के लिए यह संख्या पांच या अधिक है। अब, यदि आप इस मानदंड को पूरा कर रहीं हैं, तो आप बर्बाद खुद को बर्बाद कर रहीं हैं। या कम से कम आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली तो बर्बाद है ही। जर्नल अल्कोहल रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, यह व्यवहार आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करके आपका ज्यादा बीमार करता है।
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सिर्फ इतना ही नहीं ! यदि आप स्मोकिंग करती हैं, तो भी आप खुद को परेशानी में डाल रहीं हैं। सीडीसी के अनुसार, धूम्रपान आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया को बाधित करता है। और बीमारियों से लड़ने की आपकी क्षमता को कम कर सकता है।
वास्तव में, यह अस्थमा जैसी स्थितियों को बढ़ा सकता है और आपके शरीर को एक ऑटोम्यून्यून बीमारी विकसित करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। जिसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीजन (आपके शरीर में प्रवेश करने वाले बाहरी वायरस) से लड़ने की बजाय आपके शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को मारना शुरू कर देती है।
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