पीरियड से लेकर डिहाइड्रेशन तक, यहां हैं ब्लोटिंग या पेट फूलने के वे 6 कारण जिन्हें अभी तक आप इग्नोर कर रहीं थीं

क्या आपने कभी सोचा है सुबह उठते के साथ ब्लोटिंग होने के पीछे क्या कारण हो सकता है? इस समस्या को लंबे समय से नजरअंदाज करती चली आ रही हैं, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि यह एक गंभीर पाचन संबंधी समस्या है।
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जानें मॉर्निंग ब्लोटिंग को अवॉइड करने के कुछ प्रभावी टिप्स। चित्र: शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 11 Jul 2023, 20:01 pm IST
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कई बार सुबह उठते के साथ पेट काफी ज्यादा भारी और ब्लोटेड महसूस होता है। इसके साथ ही पेट फूलने के कारण कुछ लोगों को बेचैनी का एहसास भी होता है। क्या आपने कभी सोचा है इसके पीछे क्या कारण हो सकता है? इस समस्या को लंबे समय से नजरअंदाज करती चली आ रही हैं, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि यह एक गंभीर पाचन संबंधी समस्या है। ऐसा महसूस होने के कई कारण होते हैं। यदि उन पर नियंत्रण पा लिया जाए तो इसे नजरअंदाज करना बेहद आसान हो सकता है।

हेल्थशॉट्स ने इस विषय पर जरूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए कुछ शोध की मदद ली। यदि इस समस्या के कारणों का पता लग जाए तो इसे नियंत्रित करना बेहद आसान हो सकता है। साथ ही यदि यह समस्या आपको अधिक परेशान कर रही है, तो दिनचर्या में कुछ अहम बदलाव के साथ भी इसे नियंत्रित कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं इस परेशानी से जुड़ी कुछ जानकारी (causes of bloating)।

इन कारणों से सुबह उठते के साथ हो सकती है ब्लोटिंग की समस्या (causes of bloating)

1. डिहाईड्रेशन से बढ़ जाती है यह समस्या

हाइड्रेशन आपके शारीरिक क्रियाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना भी ब्लोटिंग का एक बहुत बड़ा कारण है। खासकर यदि आपको सुबह उठते के साथ ब्लोटिंग महसूस होता है, तो इसके लिए आपकी डिहाइड्रेटेड शरीर जिम्मेदार हो सकती है।

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डेली स्ट्रेस भी हो सकता है ब्लोटिंग का कारण। चित्र शटरस्टॉक

2. तनाव भी हो सकता है इसके लिए जिम्मेदार

हर व्यक्ति कभी न कभी तनाव से जरूर गुजरता है, वहीं यदि आप अधिक तनाव में रह रही हैं तो सुबह उठते के साथ आपको ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। खासकर रात को अधिक चिंतन करना और तनावग्रस्त रहना इसका एक बड़ा कारण हो सकता है।

3. असंतुलित डाइट

यदि आप रात को सोने से पहले डिनर में ओवरईटिंग कर रही हैं, तो इसके कारण भी आपको सुबह उठते के साथ ब्लोटिंग का एहसास हो सकता है। इसलिए रात को हमेशा सीमित मात्रा में भोजन करने की सलाह दी जाती है।

वहीं यदि आप खाना खाते वक्त बहुत जल्दी-जल्दी मुंह चलाती हैं और खाने को चंद मिनटों में खत्म कर देती हैं, तो इसकी वजह से भी पेट में एयर ट्रैप हो सकता है।

4. खाने के बाद फौरन सो जाना

रात को डिनर करने के बाद फौरन बेड पर चले जाना मॉर्निंग ब्लोटिंग का कारण बन सकता है। इसलिए खाने के बाद कुछ देर शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का प्रयास करें, ऐसा करने से आपका खाना पचता है, और आपको ब्लोटिंग तथा पाचन संबंधी अन्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।

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पीरियड में हो सकती है ब्लोटिंग की समस्या। चित्र : शटरस्टॉक

5. पीरियड भी हो सकते हैं इसके लिए जिम्मेदार

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पीरियड्स के दौरान गैस की समस्या होना बिल्कुल आम है। वहीं इस दौरान पेट काफी फूला-फूला महसूस होता है, जिसे हम ब्लोटिंग की समस्या कहते हैं। यदि आप चाहे तो कुछ उपाय अपनाकर इसे कंट्रोल कर सकती हैं।

6. ब्लोटिंग पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन

अधिक मात्रा में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन, इसके अलावा गैस और ब्लोटिंग का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि ब्रोकली, पत्ता गोभी, बीन्स इत्यादि के सेवन से सुबह उठकर ब्लोटिंग का एहसास हो सकता है। वहीं सोने से पहले अल्कोहल का सेवन भी इसके लिए जिम्मेदार है। साथ ही साथ सोडियम युक्त खाद्य पदार्थ एवं शुगर के अधिक सेवन से यह समस्या हो सकती है। आर्टिफिशियल स्वीटनर से भी परहेज रखने की सलाह दी जाती है।

यहां जानें मॉर्निंग ब्लोटिंग को अवॉइड करने के कुछ प्रभावी टिप्स

1. डाइट में लाएं बदलाव

रात को सोने से पहले ब्लोटिंग पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों से जितना हो सके उतना परहेज रखने का प्रयास करें, इसके अलावा बेड पर जानें से पहले ओवरईटिंग करने से बचें। साथ ही नाईट क्रेविंग्स को कंट्रोल रखें जो मॉर्निंग ब्लोटिंग का एक सबसे बड़ा कारण है। यदि आपको किसी मेडिकल कंडीशन के कारण ब्लोटिंग का एहसास होता है, तो इस विषय पर आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर चर्चा करनी चाहिए।

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2. हर्बल टी की मदद लें

सुबह उठकर और रात में नींद खुलने पर पानी पीने के अलावा नियमित रूप से हर्बल टी पियें। इनमें मौजूद प्रॉपर्टी ब्लोटिंग के लक्षण को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं। इसके लिए आप धनिया, सौंफ, तुलसी, पुदीना, हल्दी, अजवाइन इत्यादि से बने चाय को अपनी मॉर्निंग टी के रूप में ले सकती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार यह सभी सामग्री पाचन क्रिया के लिए बेहद फायदेमंद हैं और इनसे दिन की शुरुआत करने से आपकी समग्र सेहत को लाभ मिलते हैं।

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हर्बल चाय में जीरो कफीन होता है । चित्र- शटरस्टॉक।

3. नियमित रूप से करें एक्सरसाइज

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से एक्सरसाइज और अन्य शारीरिक गतिविधियों में भाग लेकर खुद को एक्टिव रखने से पाचन संबंधी समस्याएं आपको परेशान नहीं करती। साथ ही यह ब्लोटिंग को नियंत्रित रखने में भी प्रभावी रूप से कार्य करता है। यदि आप मॉर्निंग ब्लोटिंग को अवॉइड करना चाहती हैं, तो इसके लिए डिनर के बाद 10 से 15 मिनट तक वॉक करना बेहद महत्वपूर्ण है।

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4. पोटेशियम को डाइट में शामिल करने से मिलेगी राहत

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार आम, केला, पालक, टमाटर जैसे फल और सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम मौजूद होता है, जो पाचन क्रिया के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। वहीं यह सोडियम की अधिकता से होने वाले ब्लोटिंग की समस्याओं को कम करने में मदद करता है। यह शरीर में सोडियम के संतुलन को बनाए रखता है।

5. देर रात डिनर करने से बचें

कई बार हम रात को काफी लेट से डिनर करने बैठते हैं, जिसकी वजह से सुबह उठकर पेट में भारीपन और ब्लोटिंग का अनुभव होता है। ऐसे में बेड पर जाने के कम से कम डेढ़ से 2 घंटे पहले डिनर कर लेना चाहिए। ताकि डिनर को पचने में आसानी हो, क्योंकि सोने के बाद शरीर रेस्ट पोजीशन में होती है जिसकी वजह से खाना पूरी तरह से नहीं पक पाता।

Bistar par baithkar kar sakti hai yogasan
बिस्तर पर बैठकर कर सकती है योगासन। चित्र-शटरस्टॉक.

6. बेड पर करें बेली स्ट्रेचिंग

यदि आप पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान रहती हैं और अक्सर सुबह उठकर आपको पेट में भारीपन और ब्लोटिंग का एहसास होता है, तो ऐसे में सुबह उठते के साथ बेली स्ट्रेच एक्सरसाइज करने से मदद मिलेगी।

अपने दोनों घुटनों को अपने पेट के पास लाएं और दोनों हाथ से इन्हें जकड़ कर कुछ मिनट तक इसी पोजीशन में बनी रहें। इसके अलावा दोनों पैर को साइड में ट्विस्ट करके अपने बेली को स्ट्रेच कर सकती हैं। यह सभी स्ट्रेचेज पेट में भरे गैस को बाहर निकालने में मदद करेंगे।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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