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मानसिक तनाव भी दे सकता है खराब पाचन, बचना है तो डाइट में शामिल करें 6 गट फ्रेंडली सुपरफूड्स

जिस तरह खराब खानपान आपके पाचन तंत्र को डिस्टर्ब कर सकता है, उसी तरह कुछ फूड्स गट को बेहतर भी बना सकते हैं।
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इसमें पाई जाने वाले थाइमोल की मात्रा पाचन एंजाइम और पित्त अम्ल की गतिविधि को उत्तेजित करने में मदद करती है।चित्र: शटरस्टॉक
Published On: 2 Oct 2022, 11:00 am IST

एनवायरमेंटल फैक्टर्स, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, ऑयली फूड का बढ़ते कंजम्प्शन के कारण ज्यादातर लोगों की डाइजेस्टिव हेल्थ प्रभावित होने लगती है। जिसकी वजह से आपको गैस, कब्ज, अपच जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर इन सभी पर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो ये मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करने लगती हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपने आहार में कुछ ऐसे सुपरफूड्स (Foods for healthy digestion) शामिल करें, जो आपके पाचन तंत्र को बेहतर बना सकें।

इसमें मौजूद पोषक तत्व आपके शरीर में पोषण की कमी को पूरा करने के साथ, आपकी पाचन क्रिया को भी लंबे समय तक संतुलित रखेगा। वहीं इसके साथ ही खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखें और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर भी ध्यान दें। क्योंकि आपका मानसिक स्वास्थ्य भी पाचन क्रिया पर प्रभाव डालता है।

तो चलिए जानते हैं, आखिर क्या हैं, वह खाद्य पदार्थ जो आंतों की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

यहां हैं 6 गट फ्रेंडली फूड्स। चित्र शटरस्टॉक।

पहले जानें क्यों जरूरी है एक संतुलित पाचन क्रिया

यदि आपकी पाचन क्रिया संतुलित नहीं रहती है, तो आपको थकान, गैस, पेट फूलने जैसी समस्याओं से परेशान रह सकते हैं इसके साथ ही होना भी बिल्कुल आम है। वहीं इस वजह से नियमित दिनचर्या प्रभावित होती है जैसे कि किसी भी कार्य पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित न रख पाना और बेचैनी महसूस करते रहना।

अस्वस्थ पाचन क्रिया गैस, ब्लोटिंग का कारण होती है, ऐसे में फार्ट की समस्या के कारण आप कई जगहों पर कंफर्टेबल महसूस नहीं करती।

अस्वस्थ पाचन क्रिया त्वचा से जुड़ी समस्याएं जैसे एक्ने, पिंपल्स इत्यादि का कारण बन सकती हैं। वहीं आपको पूरे दिन ऊर्जा की कमी महसूस होती रहेगी। गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल कब्ज को जन्म देती हैं। जिस वजह से न केवल आपका पेट, बल्कि आपका मूड भी खराब रहता है। वहीं यदि लंबे समय तक डाइजेशन से संबंधित समस्याएं बनी रहें तो, यह आंतों से जुड़ी अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है। साथ ही आपके लीवर को भी अफेक्ट करती हैं।

यहां हैं 6 गट फ्रेंडली फूड्स

1. पपीता

न्यूट्रीफाई बाई पूनम डाइट एंड वैलनेस क्लिनिक एंड अकेडमी की डायरेक्टर पूनम दुनेजा के अनुसार पपीते में पपैन और काइमोपैपेन मौजूद होता है। यह एंजाइम प्रोटीन को आसानी से पचाने में मदद करते हैं।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

विटामिन मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर पपीता आपकी सेहत के लिए कई अन्य रूपों में भी फायदेमंद होता है वहीं कई डाइटिशियन भी पेट से जुड़ी समस्या जैसे की कब्ज अपच इत्यादि में पपीते का सेवन करने की सलाह देते हैं। यदि आप चाहें तो इसे खाली पेट ब्रेकफास्ट के तौर पर ले सकती हैं। यह आपके लिए काफी हेल्दी रहेगा। वहीं कोलेस्ट्रॉल लेबल को नियंत्रित रखने के साथ ब्लड फ्लो को बढ़ाता है और हार्ट डिजीज की संभावना को भी कम कर देता है।

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पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद है दही। चित्र: शटरस्‍टॉक

2. योगर्ट

रिसर्चगेट द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार योगर्ट प्रोबायोटिक का एक बेहतरीन स्रोत है। वहीं इसमें मौजूद गट फ्रेंडली बैक्टीरिया आपके पाचन क्रिया को लंबे समय तक संतुलित रखते हैं। योगर्ट को फर्मेंटेड मिल्क से तैयार किया जाता है। जिसमें कई ऐसे माइक्रोऑर्गेज्म मौजूद होते हैं, जो कि हमारे पाचन क्रिया के लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रोबायोटिक्स को लेकर किए गए अध्ययन में बताया गया है, कि प्रोबायोटिक्स से युक्त फूड का सेवन आपकी आतों को लंबे समय तक स्वस्थ रखता है। वहीं डाइजेस्टिव प्रोसेस को भी इंप्रूव करता है।

3. केफिर

दूध को फर्मेंट करके केफिर को बनाया जाता है। यह प्रोबायोटिक्स का एक बेहतरीन स्रोत है। आपको मालूम होगा की प्रोबायोटिक्स आपकी गट हेल्थ के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं होता। प्रोबायोटिक गट में मौजूद एक हेल्थी बैक्टीरिया है, जो आपके पाचन क्रिया को संतुलित रखता है। इसके साथ ही कैंसर से बचाव और इम्यून फंक्शन को रेगुलेट करने में भी मदद करता है।

केफिर का सेवन आपके आंतो में गुड बैक्टीरिया और यीस्ट के प्रोडक्शन को बढ़ाता है। आंतों में पर्याप्त मात्रा में प्रोबायोटिक्स होने से पाचन से जुड़ी सभी समस्याएं नियंत्रित रहती है। साथ ही यह इरिटेबल बाउल सिंड्रोम अल्सर जैसी समस्याओं की संभावनाओं को भी कम कर देता है।

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प्रोबायोटिक्स आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चित्र शटरस्टॉक।

इसमें मौजूद माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे कि प्रोटीन, विटामिन डी, मैग्निशियम, कैलशियम, विटामिन B2, विटामिन B12 इत्यादि कब्ज की समस्या नहीं होने देते, और वजन कम करने में भी आपकी मदद करते हैं।

4. कोम्बुचा

कोम्बुचा में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और प्रोबायोटिक मौजूद होते हैं, जो आंतों की सेहत को बूस्ट करते हैं और इम्यून फंक्शन को भी इंप्रूव करने में मदद करते हैं। वहीं कोम्बुचा कंज्यूम किए गए फूड्स को आसानी से और पूरी तरह डाइजेस्ट होने में मदद करता हैं। नियमित रूप से इसका सेवन पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे कि गैस, अपच, कब्ज इत्यादि जैसी समस्याओं से निजात पाने में आपकी मदद करेगा।

5. व्हाइट राइस

वाइट राइस ऊर्जा और प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है। वहीं अन्य ग्रेन्स जिसमें फाइबर की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जैसे कि ब्राउन राइस पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। ऐसे में यदि आप पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान रहती हैं तो व्हाइट राइस का ही सेवन करें।

विटामिन, मिनरल्स, फाइबर, प्रोटीन, आयरन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चावल आपकी सेहत के लिए भी उतनी ही फायदेमंद होती है। व्हाइट राइस को बनाने में यदि आप तेल और अन्य किसी भी अनहेल्दी खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल करती हैं, तो यह पहले की तरह हेल्दी नहीं रहता और पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसीलिए बॉयल प्लेन राइस का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

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बनाना शेक पोषण का खजाना है। चित्र: शटरस्‍टॉक

6. केला

कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, पोटैशियम और अन्य कई विटामिन और मिनरल से भरपूर केला आपके पाचन संबंधी समस्याओं में प्रभावी रूप से काम करता है। वहीं सालों से कॉन्स्टिपेशन और डायरिया जैसी समस्या में मां केले का इस्तेमाल करती आ रही हैं, और यह काफी असरदार भी होता है। हालांकि, डायबिटीज से पीड़ित लोग पके हुए केले से परहेज रखें। हालांकि, यदि करते भी हैं, तो अपने डेली शुगर इंटेक का ध्यान रखते हुए ही इसे खाएं।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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