नींद सभी के दिनचर्या का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो शरीर को सही से कार्य करने के लिए उत्तेजित करता है। नींद के प्रति लापरवाही, मानसिक तथा शारीरिक दोनों ही रूपों में आपके शरीर को प्रभावित कर सकती है। आजकल रात को जागने या बहुत देर से सोने का प्रचलन चला हुआ है, हालांकि, आप अंदाजा भी नहीं लगा सकती की ये आपके शहरी को कितना नुकसान पहुंचा सकता है।
नींद पूरा न होने पर शरीर कई संकेत देती है, यदि इन्हे समय रहते समझा जाए और इनपर ध्यान दिया जाए तो समस्या को अधिक गंभर होने से रोका जा सकता है। आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ विपुल गुप्ता ने कुछ ऐसे शारीरिक संकेत बताएं हैं, जो बताते हैं की आपके शरीर को अधिक नींद की आवश्यकता है (Body signs of unhealthy sleep)। साथ ही उन्होंने हेल्दी स्लीप मेंटेन करने के सुझाव भी दिए हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से (how to improve sleep)।
2018 में स्लीप जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में, चाइना और यूनाइटेड स्टेट अमेरिका के 25,000 से अधिक वयस्कों के डेटा से पता चला कि जो लोग लगातार रात में छह घंटे या उससे कम सोते हैं, उनमें आठ घंटे सोने वालों की तुलना में हाइड्रेशन कम होता है।
रिसर्चर्स के अनुसार वैसोप्रेसिन नामक एक हार्मोन इसका कारण हो सकता है, क्योंकि नींद इस हार्मोन को शरीर में फ्लूइड के स्तर को रेग्यूलेट करने के लिए इस्तेमाल करती है।
बेड पर जाने के बाद लंबे समय तक जगे रहना अच्छा नहीं होता, ठीक इसी प्रकार यदि आप बेड पर जाते ही सो जाती हैं, तो यह शरीर के लिए एक नकारात्मक संकेत है। आदर्श रूप से, आपको अपनी आंखें बंद करने के 20 मिनट के भीतर सो जाना चाहिए।
इस समय सीमा के भीतर झपकी लेना एक संकेत है कि आपका शरीर और दिमाग नींद के लिए तैयार है, लेकिन पूरी तरह से थका हुआ नहीं है। यदि आप तकिए से सिर लगाने के 2 से 5 मिनट के अंदर सो जाती हैं, तो ये संकेत बताता है की आप नियमित रूप से कम नींद ले रही हैं।
सेक्स ड्राइव काफी हद तक हार्मोन द्वारा निर्धारित होती है, और अच्छी नींद इन हार्मोन को नियंत्रित रखने में मदद करती है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में एक अध्ययन में पाया गया कि टेस्टोस्टेरोन के स्वस्थ स्तर को बनाए रखने के लिए नींद महत्वपूर्ण है, एक सेक्स हार्मोन जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को उत्तेजित करते हैं। यदि सेक्स ड्राइव में कमी महसूस हो रही है, तो अपने नींद के समय की जांच करें।
जब हमें रात में अच्छी नींद नहीं आती है, तो अक्सर मूड खराब हो जाता है। क्लिनिकल साइकोलॉजिकल साइंस में एक छोटे से अध्ययन में पाया गया कि जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, उनमें 8 घंटों की उचित नींद लेने वाले व्यक्ति की तुलना में अगली सुबह नकारात्मक विचारों से घिरे रहने की संभावना 50% तक अधिक होती है। दूसरी ओर, पर्याप्त आराम करने से सकारात्मक मूड को बढ़ावा मिलता है, और माइंडफुलनेस के लिए हमारी क्षमता बढ़ जाती है।
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जब हम शरीर की आवश्यकता से कम नींद लेते हैं, तो यह कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों के लिए भूख को उत्तेजित कर सकती है। “खराब नींद आपके हाइपोथैलेमस को प्रभावित करती है, जो आपके मस्तिष्क में कोर्टिसोल, एपिनेफ्रीन और नॉरपेनेफ्रीन जैसे हार्मोन का मास्टर कंट्रोल सेंटर है। पर्याप्त नींद न लेने से खाने का पैटर्न बदल सकता है।” नींद पूरी होने से कैंडी बार, चिप्स, चॉकलेट और अन्य मिठाइयों जैसे उच्च कैलोरी, कम पोषक तत्वों वाले स्नैक्स की लालसा कम हो जाती है।
नींद पूरी न होने या प्रयाप्त समय तक न सोने से वर्कआउट करने में परेशानी हो सकती है। नींद वह समय होता है, जब हमारे शरीर के दिन भर की डिमांड को पूरा कर बॉडी खुदको रिपेयर करती है। इसलिए जब हमें पर्याप्त नींद नहीं मिलती है, तो हम शारीरिक रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। अगर आपका सामान्य वर्कआउट ज़्यादा कठिन लगने लगे, तो यह संकेत हो सकता है कि आपको ज़्यादा नींद की ज़रूरत है। “हर रात 30 मिनट अतिरिक्त सोने की कोशिश करें।”
डॉक्टर के अनुसार नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए स्लीप हाइजीन मेंटेन करना जरूरी है। कमरे को साफ सुथरा रखने के साथ ही कमरे की लाइटिंग डार्क होनी चाहिए और आसपास से आवाज न आए। इसके अलावा रात को उचित नींद लेना है, तो दोपहर की नैप लेने से बचें। पूरे दिन में अपनी बॉडी को एक्टिव रखने का प्रयास करें, जब बॉडी एक्टिव रहती हैं, तो उचित नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है।
इतना ही नहीं कैफीन और निकोटीन दोनों ही आपकी नींद में खलल डाल सकते हैं। इसलिए दोपहर के बाद कैफीन युक्त ड्रिंक, खासकर कॉफी के सेवन से परहेज करें। वहीं यदि धूम्रपान करती हैं, तो इसे छोड़ दें। खासकर शाम और रात के समय भूल कर भी ऐसा न करें।
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