किडनी शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो बॉडी के कई फंक्शंस को रेगुलेट करता है। ऐसे में यदि इसका ध्यान न रखा जाए, तो इसके प्रभावित होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। वहीं अगर आप पहले से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं तो इस स्थिति में किडनी का अधिक ध्यान रखें। अन्यथा कुछ समय बाद किडनी का फंक्शन धीमा हो जाता है और इसके फेलियर का जोखिम भी बढ़ जाता है। आपकी कुछ नियमित आदतें हैं, जो किडनी की बिगड़ती (Habits that ruin kidney health) सेहत का कारण हो सकती है।
ऐसे में किडनी की सेहत को बनाए रखने के लिए आपको केवल अपनी कुछ नियमित आदतों में बदलाव करने की आवश्यकता होती है। तो चलिए जानते हैं आखिर किन कारणों से किडनी पर पड़ता है बुरा असर।
यह भी पढ़ें : Kidney Transplant : जानिए कब होती है किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत और क्या होनी चाहिए सावधानियां
भरपूर मात्रा में पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखने से किडनी में मौजूद टॉक्सिंस और सोडियम को आसानी से बाहर निकाला जा सकता है। इसके साथ ही पानी का सेवन किडनी स्टोन की समस्या को भी दूर रखता है। यदि कोई व्यक्ति किडनी फेलियर और किडनी से जुड़ी अन्य समस्याओं से ग्रसित है तो उन्हें अपने ड्रिंकिंग डाइट को नियंत्रित रखने की जरूरत होती है।
प्रोसेस्ड फूड्स में सोडियम और फास्फोरस की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। ऐसे में जरूरत से ज्यादा फास्फोरस और प्रोसेस्ड फूड का सेवन किडनी और हड्डियों की सेहत के लिए काफी ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए एक सही डाइट लेना बहुत जरूरी है।
नींद एक बहुत महत्वपूर्ण समय है क्योंकि इस वक़्त किडनी डैमेज टिशू को रीजेनरेट कर रही होती है। ऐसे में कमजोर स्लीप साइकिल आपके किडनी को प्रभावित करने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है और आर्टरी के अंदर प्लाक जमा होने लगता है। जिस वजह से किडनी में ब्लड फ्लो कम हो जाता है और इससे किडनी की सेहत प्रभावित हो सकती है।
एनिमल प्रोटीन ब्लड में एसिड की मात्रा को बढ़ा देता है। जो किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है और एसिडोसिस का कारण बन सकता है। एसिडोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें किडनी धीमी गति से काम करने लगती है और एसिड को रिमूव नहीं कर पाती है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंयह भी पढ़ें : क्या वाकई कैंसर का जोखिम कम करता है पत्ता गोभी का रस? आइए जानते हैं इसके कुछ और फायदे
स्मोकिंग और अल्कोहल की लत समग्र सेहत के लिए नुकसानदेह होती है। खास कर यह किडनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। वहीं स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति के यूरिन में प्रोटीन जमा हो जाता है जो किडनी की बिगड़ती सेहत की निशानी है। इसके साथ ही स्मोकिंग किडनी में ब्लड फ्लो को धीमा कर देती है।
वहीं ड्रिंकिंग की आदत यूरिक एसिड के उत्पादन को बढ़ा देती है जिस वजह से किडनी के डैमेज होने की संभावना बनी रहती है। इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्मोकिंग और ड्रिंकिंग की आदत को जितनी जल्दी हो सके छोड़ दें।
बिना डॉक्टर की सलाह के पेन किलर और अन्य प्रकार की दवाइयों का सेवन आपके किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है। वहीं बात बात पर केमिकल युक्त दवाइयां लेने से किडनी कमजोर होती है और इसके फेलियर की संभावना भी बढ़ जाती है।
यह भी पढ़ें : इस आसान और स्वादिष्ट रेसिपी से जानिए हेल्दी स्टफ्ड टमाटर बनाने का तरीका