हम सभी अपने बाल, त्वचा, पाचन क्रिया आदि की देखभाल को लेकर अक्सर चिंतित रहते हैं। पर ज्यादातर लोग अपने नाखूनों पर ध्यान नहीं देते। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है, की आपके नाखून आपकी सेहत का हाल बता सकते हैं। जी हां! नाखूनों का पीला पड़ना, पपड़ीदार नाखून, नाखूनों में दरार नजर आना यह सभी आपकी शारीरिक समस्याओं को दर्शाते हैं। यदि आपके नाखून भी सामान्य से बदले नजर आते हैं तो आपको इसपर ध्यान देना चाहिए (warning signs on the nail)।
आज हेल्थ शॉट्स आप सभी के लिए नाखून पर नजर आने वाले बदलाव से जुड़ी जरूरी जानकारी लेकर आया है। साथ ही इस लेख में यह बताया गया है, की आखिर नाखून में नजर आने वाले बदलाव कौन सी शारीरिक समस्याओं का संकेत हो सकते हैं (warning signs on the nail)।
इसे कोइलोनीचिया भी कहा जाता है, इस स्थिति में नरम नाखून किनारों के आसपास से मुड़ जाते हैं। यह आपके कई शारीरिक स्थितियों को दर्शाता है। आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया या हेमोक्रोमैटोसिस, लीवर की समस्या के लक्षण हो सकते हैं।
इस स्थति में नाखूनों में छोटे गोल गड्ढे या निशान नज़र आना शुरू हो जाते हैं। यह उन लोगों में आम है जिन्हें सोरायसिस और एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी समस्या होती हैं। नाखून में गड्ढे एलोपेसिया एरीटा से संबंधित हो सकते हैं। एक ऑटोइम्यून बीमारी जो हेयर फॉल का कारण बनती है।
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पीले नाखून सिंड्रोम में, नाखून मोटे हो जाते हैं और धीमी गति से बढ़ते हैं। इसके परिणामस्वरूप नाखून पीले रंग के नज़र आने लगते हैं। पीले नाखून सिंड्रोम से प्रभावित नाखूनों में क्यूटिकल की कमी हो सकती है और वे जगह जगह से नेल बेड से अलग हो जाते हैं। इस तरह के नेल सिंड्रोम फेफड़ों की बीमारी का लक्षण हो सकता है, जैसे कि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस। पीले नाखून सिंड्रोम का संबंध हाथ, बांह, पैर और टांगों की सूजन से भी हो सकता है, यह एक प्रकार की स्थिति है, जिसे लिम्फेडेमा कहा जाता है।
ओनिकोलिसिस नामक स्थिति में, नाखून ढीले हो जाते हैं और नाखून के तल से अलग हो सकते हैं। नाखून का अलग हुआ हिस्सा सफेद, पीले या हरे रंग के साथ धुंधला हो जाता है। कभी-कभी अलग हुए नाखून किसी चोट या संक्रमण के कारण होते हैं।
अन्य मामलों में, नाखून का अलग होना किसी दवा या कुछ प्रकार के प्रोडक्ट, जैसे कि नाखून सख्त करने वाले या चिपकने वाले पदार्थ की प्रतिक्रिया के कारण होता है। थायरॉयड डिजीज और सोरायसिस, जैसे त्वचा रोग भी खुजली वाले, पपड़ीदार पैच के साथ दाने का कारण बनते हैं, यह नाखून के अलग होने का कारण बन सकते हैं।
नाखूनों पर सफेद धब्बे और निशान नजर आना सबसे कॉमन है। सभी को कभी न कभी इसका अनुभव जरूर हुआ होगा। कुछ स्थितियों में, नाखूनों पर छोटे सफ़ेद धब्बे या रेखाएं फंगल संक्रमण, जिंक की कमी या अन्य पोषण असंतुलन का संकेत हो सकती हैं। नाखूनों पर छोटे सफ़ेद धब्बे या रेखाएं नाखून मैट्रिक्स या नाखून बेड पर चोट लगने के कारण भी हो सकती हैं।
नोट: शरीर के सभी अंग एक दूसरे से जुड़े होते हैं, यदि किसी एक पर प्रभाव पड़ता है तो दूसरा अंग खुद-ब-खुद प्रभावित हो जाता है। ठीक उसी प्रकार शारीरिक समस्याएं होने पर नाखून का आकार, रंग और बनावट में बदलाव आ सकता है। इसलिए इन बदलावों को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। हालांकि, नाखून पर नजर आने वाले बदलाव के आधार पर दवाइयां नहीं लेनी है, पहले डॉक्टर से संपर्क करें, उनका सुझाव पेन, उसके बाद ही किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचे।
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