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इन 5 समस्याओं का संकेत हो सकता है नाखूनों का टेढ़ा-मेढ़ा या खराब होना

नाखूनों का पीला पड़ना, पपड़ीदार नाखून, नाखूनों में दरार नजर आना यह सभी आपकी शारीरिक समस्याओं को दर्शाते हैं। यदि आपके नाखून भी सामान्य से बदले नजर आते हैं तो आपको इसपर ध्यान देना चाहिए।
Published On: 3 Oct 2024, 09:55 am IST
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nakhoon ke swasthya de sakte hain beemari ka sanket.
कुछ नाखून संबंधी चिंता स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत दे सकती हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

हम सभी अपने बाल, त्वचा, पाचन क्रिया आदि की देखभाल को लेकर अक्सर चिंतित रहते हैं। पर ज्यादातर लोग अपने नाखूनों पर ध्यान नहीं देते। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है, की आपके नाखून आपकी सेहत का हाल बता सकते हैं। जी हां! नाखूनों का पीला पड़ना, पपड़ीदार नाखून, नाखूनों में दरार नजर आना यह सभी आपकी शारीरिक समस्याओं को दर्शाते हैं। यदि आपके नाखून भी सामान्य से बदले नजर आते हैं तो आपको इसपर ध्यान देना चाहिए (warning signs on the nail)।

आज हेल्थ शॉट्स आप सभी के लिए नाखून पर नजर आने वाले बदलाव से जुड़ी जरूरी जानकारी लेकर आया है। साथ ही इस लेख में यह बताया गया है, की आखिर नाखून में नजर आने वाले बदलाव कौन सी शारीरिक समस्याओं का संकेत हो सकते हैं (warning signs on the nail)।

शारीरिक समस्यायों का संकेत हो सकते हैं नाख़ून में नज़र आने वाले ये 5 संकेत (warning signs on the nail)

1. चम्मच के आकार के नाखून

इसे कोइलोनीचिया भी कहा जाता है, इस स्थिति में नरम नाखून किनारों के आसपास से मुड़ जाते हैं। यह आपके कई शारीरिक स्थितियों को दर्शाता है। आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया या हेमोक्रोमैटोसिस, लीवर की समस्या के लक्षण हो सकते हैं।

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! नाखूनों का पीला पड़ना, पपड़ीदार नाखून, नाखूनों में दरार नजर आना यह सभी आपकी शारीरिक समस्याओं को दर्शाते हैं। चित्र : अडॉबीस्टॉक

2. नाखूनों में गड्ढे आना

इस स्थति में नाखूनों में छोटे गोल गड्ढे या निशान नज़र आना शुरू हो जाते हैं। यह उन लोगों में आम है जिन्हें सोरायसिस और एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी समस्या होती हैं। नाखून में गड्ढे एलोपेसिया एरीटा से संबंधित हो सकते हैं। एक ऑटोइम्यून बीमारी जो हेयर फॉल का कारण बनती है।

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3. येलो नेल सिंड्रोम

पीले नाखून सिंड्रोम में, नाखून मोटे हो जाते हैं और धीमी गति से बढ़ते हैं। इसके परिणामस्वरूप नाखून पीले रंग के नज़र आने लगते हैं। पीले नाखून सिंड्रोम से प्रभावित नाखूनों में क्यूटिकल की कमी हो सकती है और वे जगह जगह से नेल बेड से अलग हो जाते हैं। इस तरह के नेल सिंड्रोम फेफड़ों की बीमारी का लक्षण हो सकता है, जैसे कि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस। पीले नाखून सिंड्रोम का संबंध हाथ, बांह, पैर और टांगों की सूजन से भी हो सकता है, यह एक प्रकार की स्थिति है, जिसे लिम्फेडेमा कहा जाता है।

4. नाखूनों का अलग होना

ओनिकोलिसिस नामक स्थिति में, नाखून ढीले हो जाते हैं और नाखून के तल से अलग हो सकते हैं। नाखून का अलग हुआ हिस्सा सफेद, पीले या हरे रंग के साथ धुंधला हो जाता है। कभी-कभी अलग हुए नाखून किसी चोट या संक्रमण के कारण होते हैं।

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अन्य मामलों में, नाखून का अलग होना किसी दवा या कुछ प्रकार के प्रोडक्ट, जैसे कि नाखून सख्त करने वाले या चिपकने वाले पदार्थ की प्रतिक्रिया के कारण होता है। थायरॉयड डिजीज और सोरायसिस, जैसे त्वचा रोग भी खुजली वाले, पपड़ीदार पैच के साथ दाने का कारण बनते हैं, यह नाखून के अलग होने का कारण बन सकते हैं।

warning signs on the nail
थायरॉयड डिजीज और सोरायसिस, जैसे त्वचा रोग भी खुजली वाले, पपड़ीदार पैच के साथ दाने का कारण बनते हैं. चित्र : अडॉबीस्टॉक

5. सफ़ेद धब्बे या रेखाएं

नाखूनों पर सफेद धब्बे और निशान नजर आना सबसे कॉमन है। सभी को कभी न कभी इसका अनुभव जरूर हुआ होगा। कुछ स्थितियों में, नाखूनों पर छोटे सफ़ेद धब्बे या रेखाएं फंगल संक्रमण, जिंक की कमी या अन्य पोषण असंतुलन का संकेत हो सकती हैं। नाखूनों पर छोटे सफ़ेद धब्बे या रेखाएं नाखून मैट्रिक्स या नाखून बेड पर चोट लगने के कारण भी हो सकती हैं।

नोट: शरीर के सभी अंग एक दूसरे से जुड़े होते हैं, यदि किसी एक पर प्रभाव पड़ता है तो दूसरा अंग खुद-ब-खुद प्रभावित हो जाता है। ठीक उसी प्रकार शारीरिक समस्याएं होने पर नाखून का आकार, रंग और बनावट में बदलाव आ सकता है। इसलिए इन बदलावों को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। हालांकि, नाखून पर नजर आने वाले बदलाव के आधार पर दवाइयां नहीं लेनी है, पहले डॉक्टर से संपर्क करें, उनका सुझाव पेन, उसके बाद ही किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचे।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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