मौसमी बदलाव (Weather Change) हर मां के लिए चुनौती का समय होता है। वह अपने सबसे बुरे सपने में भी नहीं चाहेगी कि उसके बच्चे बीमार पड़े। इस बात को मद्देनजर रखते हुए वह अपने बच्चों को बीमारी से दूर रखने की पूरी कोशिश करती है। बदलते मौसम का अनुभव बहुत सुहाना और खूबसूरत होता है। लेकिन एक मां के मन में यही चिंता लगी रहती है कि उसके बच्चे को कोई संक्रमण या सर्दी-जुकाम (Cold and flu) न हो।
सर्दियों के मौसम में प्रवेश करते समय आपको अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। कई लोगों का फेवरिट मौसम होने के बावजूद यह सर्दी-जुखाम, बुखार, खांसी और विभिन्न प्रकार के इन्फेक्शन को अपने साथ लाता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने बच्चों का बहुत ख्याल रखें। इसी बारे में हम बताने जा रहें हैं 5 ऐसी तरकीबें जिससे आपका बच्चा हेल्दी और हैप्पी रहेगा।
बदलते मौसम के कारण कई बच्चे बीमार पड़ते है। कभी आपने सोचा हैं ऐसा क्यों होता है? इसका कारण है मौसमी बदलाव के अनुसार शरीर का तापमान बदलना। जी हां, बदलता मौसम जितना सुकून देता है, उतनी ही बीमारियों का घर भी होता है।
ये सारी समस्याएं इसलिए पैदा होती है क्योंकि जैसे ही मौसम में बदलाव होने लगता है वैसे ही बॉडी का तापमान भी बदलने लगता है। इसके कारण मौसम के बदलाव के अनुसार बच्चों की बॉडी का तापमान अडैप्ट नहीं कर पाता है।
बीमार पड़ने का एक मुख्य कारण है इम्यूनिटी पावर। छोटे बच्चों की इम्यूनिटी कम होती है और बदलते मौसम के साथ यह और कमजोर होने लगती है। हमेशा से कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चे ज्यादा बीमार पड़ते हैं।
इतना ही नहीं मौसम के अनुसार डाइट न बदलने के कारण भी आपके बच्चे बीमार पड़ सकते है। हर मौसम में शरीर को कुछ विशेष पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। यदि बच्चों के शरीर की दैनिक तत्वों की जरूरत पूरी नहीं होती है, तो वे बीमार पड़ सकते हैं। इसके अलावा मौसम के हिसाब से बदलता लाइफस्टाइल भी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है।
अपने बच्चों एक लिए बनाया गया स्वस्थ से स्वस्थ और स्वादिष्ट खाना भी कीटाणुओं का एक प्रमुख स्रोत बन सकता है। यही कारण है कि इम्यूनिटी बहुत महत्वपूर्ण होती है। अच्छे पाचन और बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए उनकी डाइट में फ़ाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। यह उनकी पाचन क्रिया का समर्थन करेगा और वे बीमार नहीं पड़ेंगे।
बदलते मौसम की सबसे आम बीमारी सर्दी है। ठंड का मौसम आने पर ज्यादातर बच्चों को सर्दी-जुखाम पकड़ लेता हैं। सूखे मेवे न केवल आपको ऊर्जा देते हैं, बल्कि सर्दियों में गर्मी भी देते हैं। इसलिए, अपने बच्चे को ठंड के मौसम में बीमार होने से बचाने के लिए उन्हें सूखे मेवे खिलायें। सुनिश्चित करें कि वे बादाम, अखरोट, खजूर, किशमिश और सूखे अंजीर का सेवन करते रहें।
प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ शरीर में सभी दोषों को दूर रखने के लिए प्राकृतिक अवयवों के उपयोग के बारे में सुझाव देते हैं। आयुर्वेद मौसमी बीमारियों खासकर खांसी और जुकाम को दूर रखने के लिए हल्दी, अदरक और तुलसी का भरपूर इस्तेमाल करने की सलाह देता है।
इनका सेवन करने के कुछ सबसे आसान तरीके हैं हल्दी वाला दूध, तुलसी का पानी और अदरक कैंडी। जहां तक मसालों की बात है, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने दैनिक भोजन में किसी न किसी रूप में काली मिर्च, इलायची, दालचीनी को शामिल करें।
सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा भी व्यायाम या शारीरिक गतिविधियां करता है। बदलते मौसम के कारण अधिकांश मताएं अपने बच्चों को घर के अंदर रखना चाहती हैं। हालांकि, घर के अंदर रहने का मतलब यह नहीं है कि व्यायाम नहीं करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा घर के अंदर कम से कम 30 मिनट तक स्ट्रेचिंग और व्यायाम कर रहा है। यदि बाहर का मौसम अच्छा है, तो 40 मिनट की अच्छी पैदल दूरी या दौड़, या खेलने का समय पर्याप्त हो सकता है।
पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों (toxic substances) को बाहर निकालने में मदद करता है। लेकिन मौसम परिवर्तन के संबंध में, पानी का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है क्योंकि यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है।
जब आपके बच्चे पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड नहीं होते हैं, तो नाक का मार्ग और गला सूख जाता है। इससे कीटाणुओं का उनके शरीर में प्रवेश करना आसान हो जाता है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा दिन भर में खूब पानी पीता है।
तो डियर मॉम्स, इस बार एक्स्ट्रा केयर के साथ इन छोटी बातों का ख्याल रखने से आपके बच्चे हमेशा हेल्दी रहेंगे।
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