कोरोनाकाल के भयावह दौर में लोग ऑक्सीजन सप्लीमेंट पाने के लिए जूझ रहे हैं, ताकि उनके और उनके अपनों की जान बच सके। ऐसे में अगर आप कोरोना वायरस से बचे हुए हैं तो, अपने फेफड़ों और श्वसन तंत्र को हेल्दी रखना बेहद ज़रूरी है।
भले ही आप इस महामारी के दौरान स्वस्थ क्यों न हों, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप खुद की देखभाल करना छोड़ देंगी। हमेशा याद रखिये प्रिवेंशन इस बेटर देन क्योर (Prevention is better than cure)! यदि आप स्वस्थ रहेंगी तो अपने परिवार को भी सुरक्षित रख पाएंगी। जब खुद को स्वस्थ रखने की बात आती है, तो एक सही और पौष्टिक डाइट की भूमिका और भी बढ़ जाती है।
धूम्रपान न करने, व्यायाम को अपनाने और वायु प्रदूषण के जोखिम को कम करने जैसी आदतों को अपनाने के साथ-साथ आपका आहार भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जो आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अल्कोहल आपके फेफड़ों के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है, खासतौर से बियर। ये आपको डिहायड्रेट कर देती है और शरीर में एसिडिटी पैदा करती है। इसके साथ ही, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पीने से गैस और ब्लोटिंग जैसे समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिसकी वजह से फेफड़ों में कसाव बढ़ सकता है और अस्थमा अटैक की भी संभावना हो सकती है। इसलिए, अगर आप शराब पीती हैं, तो एक बार फिर सोच लें!
आपको शायद आइसक्रीम का नाम इस लिस्ट में पढ़कर अच्छा न लगे, लेकिन ये आपके रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित कर सकती है। डेरी प्रोडक्ट्स आपके शरीर में बलगम पैदा कर सकते हैं, खासकर तब जब इन्हें रात में ठंडा करके खाया जाता है।
दही भी इसी श्रेणी में शामिल है, जिसका रात में सेवन कभी नहीं करना चाहिए। इसलिए, कोरोना काल में आइसक्रीम का सेवन करने से बचें क्योंकि इससे खांसी-जुकाम हो सकता है।
ब्रोकोली, गोभी, बंद गोभी में नाइट्रेट्स नामक एडिटिव्स होते हैं, जो लंग्स के लिए ज्यादा अच्छे नहीं होते हैं। यूरोपीय रेस्पिरेटरी जर्नल के एक अध्ययन से पता चलता है कि नाइट्रेट्स क्रोनिक लंग डिजीज के जोखिम को बढ़ाते हैं।
हालांकि, ब्रोकोली आपके फेफड़ों के लिए अच्छी हो सकती है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। मगर इसकी गैस और ब्लोटिंग की प्रवृति आपको जोखिम में डाल सकती है।
नमक शरीर में पानी बनाए रख सकता है और अधिक पानी सांस लेने में समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए, नमक या नमक के विकल्प का उपयोग करने के बजाय, भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग करें।
तले हुए खाद्य पदार्थ डायाफ्राम पर धकेलने से सूजन और बेचैनी पैदा कर सकते हैं, जिससे सांस लेने में कठिनाई और असहजता होती है। समय के साथ अधिक तला हुआ भोजन वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है, जिससे फेफड़ों पर दबाव बढ़ता है।
तले हुए खाद्य पदार्थ वसा से भरे होते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं और हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं। इसलिए, अगली बार उन फ्रेंच फ्राइज़, तला हुआ चिकन या पकौड़े खाने के बजाय बॉयल्ड या बेक्ड चीजें खाएं।
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