गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं को पौष्टिक आहार खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि मां का शरीर शिशु को पालने की तैयारी करता है। मगर डिलीवरी के बाद ज्यादातर नई मां बच्चे की देखरेख में ऐसी मसरूफ हो जाती हैं कि उन्हें अपनी सेहत का ख्याल ही नहीं रहता। फिर मांसपेशियों में दर्द, आंखों को कमजोर होना और बालों के झड़ने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि आप इन 5 सुपरफूड्स को आज ही से अपने आहार में शामिल करें।
शिशु के जन्म के दौरान मां के शरीर से ज्यादा रक्त स्त्राव होता है और मांसपेशियां कमज़ोर पड़ जाती हैं। जन्म के उपरान्त शिशु को स्तनपान कराना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसकी वजह से प्रसूता के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इन सब की वजह से कमज़ोरी आ जाती है जिससे दूर करना बहुत ज़रूरी है।
किसी भी तरह के नट्स एक बेहतरीन एनर्जी बूस्टर का काम कर सकते हैं। इनमें गुड फैट और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो इन्हें डिलीवरी के बाद खाने के लिए एक सही विकल्प बनाती है। नट्स आपके मस्तिष्क, मांसपेशियों और हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इनमें कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है। तो, शाम की चाय के साथ एक मुट्ठी बादाम, काजू, अखरोट, किशमिश, पिस्ता आदि ज़रूर खाइए।
ये फल 12 महीने बाज़ार में उपलब्ध रहता है। ऐसे में अगर आप बहुत कमज़ोरी महसूस कर रही हैं, तो आपको तुरंत सेब खाना चाहिए। सेब खाने से शरीर में तुरंत ऊर्जा आती है। इसके अलावा, इसमें पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं। जो आपको कई और बीमारियों से बचाने का काम भी करता है। इसके साथ ही, यह आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
मशरूम ऊर्जा का एक स्रोत है। वे प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं और आवश्यक पोषक तत्वों जैसे फोलेट और बी विटामिन जैसे राइबोफ्लेविन, नियासिन, पैंटोथेनिक एसिड आदि की भरपाई करते हैं। वे माइटोकॉन्ड्रिया को नुकसान से बचाते हैं, जो कोशिकाओं के पावरहाउस हैं।
मशरुम एड्रेनल ग्लैंड को सहायता प्रदान करके थकान को दूर करती हैं। आप उन्हें सलाद के रूप में, या सैंडविच में लगाकर खा सकती हैं।
केला खाने से भी तुरंत एनर्जी मिलती है। केला ज्यादातर लोगों को पसंद होता है और यह बहुत महंगे भी नहीं आते। यानी यह हर इंसान की पहुंच के भीतर है। केले में विटामिन, कैल्शियम, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इन सभी गुणों से शरीर की थकान दूर होती है और कमजोरी भी दूर रहती है।
शकरकंद, आलू का एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प है, जो शारीरिक क्रियाओं को बनाए रखने में मदद करता है। ये फाइबर में उच्च और पोटेशियम में समृद्ध होता है। साथ ही, पोटेशियम इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखता है और ब्लड प्रेशर को कम करके शरीर की मदद करता है। जब शरीर को आराम मिलता है, तो शकरकंद तनाव और थकान के लिए बेहतर प्रतिक्रिया करता है।
फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से भरपूर बीन्स, थकान से लड़ने में सबसे ज्यादा कारगर हैं। वे फाइबर में समृद्ध होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में मदद करते हैं और शुगर लेवल में अचानक स्पाइक्स या डिप को रोकते हैं, जो कि डिलीवरी के बाद काफी आम समस्या है। आप उन्हें स्नैक के रूप में या करी में डालकर खा सकती हैं।
हालांकि, जब किसी फूड का आप पर या आपके शिशु पर नेगेटिव प्रभाव पड़े, तब ब्रेस्टफीडिंग मदर्स को उन फूड का सेवन बिल्कुल बंद कर देना चाहिए।
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