बैठे-बैठे तलवों में होने लगती है ऐंठन, तो ये हो सकती है आपके शरीर की मदद की पुकार

कई बार अचानक से पैर की नस खिंच जाना या ऐंठन होना सामान्य है। लेकिन अगर ये बार-बार होने लगे तो चिंता का विषय भी हो सकता है।
foot dryness
पैर हो सकते हैं ड्राई। चित्र: शटरस्‍टॉक
विदुषी शुक्‍ला Published: 29 Dec 2020, 09:00 am IST
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क्या आपको पता है कि आपके स्वास्थ्य का परिचायक होता है आपका शरीर। कोई भी अंदरूनी समस्या हो तो लक्षण बाहर महसूस होने लगते हैं। लेकिन हम ही अनजाने में शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर के समस्या को बढ़ने देते हैं। ऐसा ही एक लक्षण है पैरों में, खासकर तलवे में ऐंठन होना जो आपकी कई अंदरूनी समस्याओं का संकेत हो सकती है।

क्या होती है तलवे में ऐंठन

फुट क्रैम्प या तलवे में ऐंठन एक असहज स्थिति है, जिसमें आपके पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव आने लगता है। इससे तलवे के कटाव में तेज दर्द होता है। कई बार ये दर्द पैर की उंगलियों तक भी फैल जाता है। ये क्रैम्प अलग-अलग तीव्रता के हो सकते हैं। कभी-कभी ये इतना गंभीर हो सकता है कि पैर हिलाना भी मुश्किल हो जाये।

हालांकि कुछ मिनट में ये अपने आप सही हो जाता है, जिसके कारण हम इस समस्या को बहुत गंभीरता से नहीं लेते, ये खतरे की घण्टी हो सकते हैं। अगर आपको अक्सर पैरों में ऐंठन होती है तो ये इन समस्याओं का संकेत हो सकता है-

1. शरीर में पानी की कमी

अगर आप डिहाइड्रेटेड हैं, तो आपके पैर की मांसपेशियां ऐंठने लगती हैं। जब आपके शरीर मे पानी की कमी होती है, तो मांसपेशियों और अंगों को काम करने के लिए फ्लूइड नहीं मिल पाता। ऐसे में दर्द और क्रैम्प होते हैं।
सर्दियों में हम पानी पीने में आना कानी कर जाते हैं। इससे आपके शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी की कमी कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। किडनी इन्फेक्शन से लेकर चक्कर, कमजोरी जैसी कई समस्याएं हैं, जो पानी की कमी से हो सकती हैं।

सर्दियों के मौसम में भी आपके शरीर को पानी की जरूरत होती है। चित्र: शटरस्टॉक
सर्दियों के मौसम में भी आपके शरीर को पानी की जरूरत होती है। चित्र: शटरस्टॉक

2. पोटेशियम का स्तर कम होना

पोटेशियम एक इलेक्ट्रोलाइट है, जो मसल्स सेल्स और नसों की कार्य प्रणाली को मुख्य रूप से नियंत्रित करता है। मांसपेशियों के कॉन्ट्रेक्शन- एक्सपैंशन और नसों से दिमाग में सिग्नल पहुंचने की क्रिया में पोटेशियम का महत्वपूर्ण स्थान है।
अगर शरीर में पोटेशियम की कमी होती है, तो मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है। इस स्थिति को ‘हाइपोकलेमिया’ कहा जाता है। इसके अन्य लक्षणों में थकान, कब्ज, कमजोरी, दिल की धड़कन बढ़ जाना भी शामिल हैं।

3. नसों में डैमेज

इस समस्या का वैज्ञानिक नाम पेरीफेरल न्यूरोपैथी है जिसमें पैर में नर्व डैमेज हो जाता है। टाइट जूते पहनना इसका सबसे बड़ा कारण है। नर्व डैमेज , इन्फेक्शन, चोट या मेटाबॉलिक कारणों से भी हो सकता है।
इसमें आपके पैर में लगातार ऐंठन होती है, पैर हमेशा ठंडे रहते हैं, चुभन महसूस होती रहती है और पैर आपके अनुसार काम नहीं करता।

4. दवाओं का साइड इफेक्ट

कई ऐसी दवाएं हैं जिनके साइड इफेक्ट के रूप में मांसपेशियों में ऐंठन होती है। कोलेस्ट्रॉल की दवा जैसे परावकोल, क्रेस्टर, जोकोर, लिपिटर इत्यादि ये साइड इफेक्ट दिखाती हैं। स्टैटिन्स ड्रग्स, डियूरेक्टिक और लाडिक्स जैसे दवाओं के कोर्स के दौरान भी पैरों में ऐंठन हो सकती है।
अगर ऐसा है तो इसकी शिकायत अपने डॉक्टर से जरूर करें।

क्रैम्प होने पर तलवों की मसाज करें। चित्र- शटरस्टॉक।
क्रैम्प होने पर तलवों की मसाज करें। चित्र- शटरस्टॉक।

5. पार्किन्सन डिसीस

अगर आपके पैरों के साथ-साथ अन्य मांसपेशियों में भी अक्सर ऐंठन रहती है, तो ये पार्किन्सन बीमारी का शुरुआती लक्षण हो सकता है। अगर आपको ये शिकायत है, तो बिना देर किए अपने डॉक्टर से मिलें।
गलत साइज का जूता या चप्पल पहनने और पैर में खून का प्रवाह न होने से भी ऐंठन हो सकती है। पैर ऐंठने पर तुरंत पैर की मसाज करें जब तक राहत न मिल जाये। अगर ऐसा बार-बार हो रहा है तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें।

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पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते। ...और पढ़ें

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