फिटनेस से लेकर स्किन केयर तक सभी इन चीजों पर अधिक ध्यान देते हैं। परंतु ओरल हेल्थ और हाइजीन को हल्के में ले लेते हैं। पूरे दिन में केवल एक बार ब्रश कर लेना काफी नहीं है। हम सभी दिन भर में कुछ न कुछ खाते रहते हैं। जिससे हमारा मुंह कई तरह के कीटाणुओं के संपर्क में आता है। जिसकी वजह से मसूड़ों में सूजन होना, मसूड़ों से खून आना, दांत में दर्द होना और इनेमल के हटने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जिसका त्वरित लक्षण है मसूड़ों एवं दांत में दर्द या सूजन। अगर आप भी इससे परेशान हैं, तो इंस्टेंट रिलीफ के लिए ट्राई करें ये प्राकृतिक (toothache home remedies) उपाय।
वास्तव में आपका मुंह कीटाणुओं का एंट्री गेट है। पर्यावरण में मौजूद प्रदूषकों, आपके गंदे हाथों या खाने के माध्यम से कई तरह के बैक्टीरिया आपके मुंह में प्रवेश करते हैं। इसके अलावा खाने के बचे हुए महीन कण भी दांतों के बीच में फंसकर आपकी ओरल हेल्थ को प्रभावित करते हैं। समस्या सिर्फ मुंह तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि ओरल हेल्थ आपकी गट हेल्थ को भी प्रभावित कर सकती है।
मुंह के खराब बैक्टीरिया खाने और सलाइवा के साथ पेट मे प्रवेश करते हैं, जो गट हेल्थ के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। इसलिए यह जरूरी है कि आप सही ओरल हाइजीन मेंटेन करें। इसके लिए दिन में दो बार ब्रश करने के अलावा फ्लॉस करना भी जरूरी है।
ऐसे में ब्रश के साथ साथ इन 5 हर्ब्स का इस्तेमाल ओरल हेल्थ को बनाये रखने में आपकी मदद कर सकता है। यह सभी हर्ब्स आपके किचन में जरूर मौजूद होंगे। तो चलिए जानते हैं ये किस तरह काम करते हैं। साथ ही जानेंगे इन्हें इस्तेमाल करने का सही तरीका।
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रिसर्च गेट के अनुसार हल्दी में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी फंगल और एंटीसेप्टिक प्रोपर्टी पाई जाती है। ऐसे में इसका इस्तेमाल संक्रमण फैलाने वाले विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया से बचाव में मदद करता है। साथ ही इसकी हीलिंग प्रोपर्टी मसूड़ों से जुड़ी समस्या को जल्द से जल्द हील कर देती हैं।
घी ओमेगा फैटी एसिड और विटामिन ए का एक बेहतरीन स्रोत है। यह डैमेज टिशू को हील करता है और मसूड़े की लाइनिंग को स्वस्थ रखता है। इसके साथ ही शहद में मौजूद एंटीबैक्टिरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी प्रोपर्टी मसूड़ो को जर्म से प्रोटेक्ट करती हैं, साथ ही इसे पर्याप्त पोषण प्रदान करती हैं। इतना ही नहीं यह माउथ अलसर का भी एक उचित इलाज है।
हल्दी, घी और शहद की एक उचित मात्रा को एक साथ मिला लें।
अब नियमित रूप से इस पेस्ट को अपने दांत एवं मसूड़ों पर एक बार जरूर अप्लाई करें।
इसकी मदद से 2 से 3 मिनट तक दांत एवं मसूड़ों को मसाज दें फिर गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें।
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कस्टमाइज़ करेंअलसर, मसूड़े की सूजन, दांत दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए इस पेस्ट को अप्पलाई कर सकती हैं।
पुदीने की चाय ओरल हेल्थ को बनाये रखने का एक बेहतरीन उपाय हो सकती हैं। पेपरमिंट में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टिरियल प्रोपर्टी पाई जाती है। जो संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया और जर्म के ग्रोथ को रोक देती हैं। इसके साथ ही इसमें मौजूद अन्य प्रोपर्टी दांत एवं जॉ की बोन डेंसिटी को मेन्टेन रखती है। इतना ही नहीं इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स इनेमल को बनाये रखते हैं और दांत एवं मसूड़ों को पर्याप्त मजबूती प्रदान करते हैं।
1 कप पानी में एक चम्मच सुखी पुदीना की पत्तियां डालें और इसमें लगभग 15 मिनट तक उबाल आने दें।
अब इस पानी को थोड़ा ठंडा कर लें और फिर उसकी मदद से गरारा करें।
यह जर्म्स और बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है और आपके सांसों को फ्रेश रखता है।
आमतौर पर लहसुन का इस्तेमाल व्यंजनों के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। वहीं लहसुन की कलियां सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होती हैं। साथ ही ये आपके ओरल हेल्थ को बनाये रखने में प्रभावी रूप से काम करती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार जब आप लहसुन को क्रश करती हैं, तो यह एलीसिन रिलीज करता है। एलीसिन एक प्रकार का एंटीबैक्टिरियल एजेंट है, जो मसूड़ों को जर्म से प्रोटेक्ट करता है साथ ही दांतों के दर्द से राहत पाने का एक उचित उपाय हो सकता है।
यदि आप दांत और मसूड़ों से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या से पीड़ित हैं, तो इससे राहत पाने के लिए रोजाना लहसुन की एक से दो कलियों को चवायें।
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पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार इसमें मौजूद एल्डिहाइड इसे एंटीमाइक्रोबायल और एंटीसेप्टिक बनाती हैं। वहीं टैनिन से युक्त होने के साथ ही यह कसैले प्रवृति का होता है जो ओरल हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद है। यह मसूड़ों के लिए एक प्रोटेक्टिव लेयर तैयार कर देता है जो उन्हें बैक्टीरिया और जर्म से प्रोटेक्ट करते हैं। इसके साथ ही इसे सूजन को कम करने के लिए असरदार माना जाता है।
दांतों के दर्द से राहत पाने के लिए दालचीनी के तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके साथ ही नारियल के तेल में मिलाकर इससे दांत एवं मसूड़ों को मसाज दें। दालचीनी का काढ़ा बनाए और इसे ठंडा करके इससे गरारा करें। यह दांत एवं मसूड़ों को प्रोटेक्ट करने के साथ साथ सांसो की बदबू से राहत पाने में मदद करेगा।
इसकी हीलिंग प्रोपर्टी के लिए इसे विभिन्न प्रकार की समस्या में उपयोग किया जाता है। इसे तेल और फूल के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं। इसका सुगंध बदबूदार सांसों को रोकने में कारगर होता है। इसके साथ ही पब मेड सेंट्रल के अनुसार इसकी एंटीसेप्टिक, एंटीमाइक्रोबायल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण प्राकृतिक रूप से दांत और मसूड़ों से जुडी समस्या का एक उचित समाधान हो सकती हैं।
1 कप पानी में 5 से 7 बूंद लैवेंडर ऑयल डालें और इसे अच्छी तरह मिला लें। अब इसे माउथ वाश की तरह इस्तेमाल करते हुए इससे कुल्ला करें। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल आपकी ओरल हेल्थ को लंबे समय तक बनाये रखने में मदद करेगा।
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