प्रेगनेंसी एक चुनौतीपूर्ण समय होता है। आप बहुत सारे बदलावों से गुजर रही होती हैं, और इसी के साथ आप पर एक नन्हीं जान को संभालने की भी जिम्मेदारी होती है। पर इन बदलावों की आदत डलने में बहुत समय लग जाता है। कभी-कभी गर्भवती महिलाएं उसी तरह व्यवहार करती रहती हैं, जैसा वह पहले करती थीं। फिर चाहें वह आहार के बारे में हों या दैनिक गतिविधियों के बारे में। पर कुछ सामान्य आदतें गर्भावस्था के दौरान आपके लिए जोखिम पैदा कर सकती हैं। यहां हम ऐसी ही 5 गलतियों (mistakes to avoid during pregnancy) के बारे में बात कर रहे हैं, जो गर्भावस्था में गर्भपात का जोखिम बढ़ा देती हैं।
गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाएं अपनी नियमित आदतों को साथ लेकर चलती हैं। ऐसे में छोटी सी भूल बच्चे के साथ-साथ आपकी सेहत के लिए भी जोखिम कारक हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर आम दिनों की तुलना में अलग तरीके से काम करता है। ऐसे में कुछ चीजें आपके कंट्रोल से बाहर होती हैं, जैसे कि मिसकैरेज और प्रीमेच्योर बर्थ।
वहीं आपकी कुछ नियमित आदतें जन्म लेने से पहले ही बच्चे के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान कुछ आदतों पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होती है और प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस से बचने के लिए बताई गई इन 5 गलतियों को भूलकर भी न दोहराएं।
द नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ ने प्रेगनेंसी के दौरान वेटलिफ्टिंग से परहेज रखने की सलाह देते हुए बताया कि भारी वजन उठाने से मिसकैरेज के साथ प्रीमेच्योर बर्थ होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं हर्निया और कम वजन के बच्चे का जन्म हो सकता है।
इन दिनों में स्मोकिंग मिसकैरेज की संभावना को बढ़ा देती है। वहीं कई रिसर्च में बताया गया कि प्रेगनेंसी के दौरान यदि पार्टनर भी आपके आसपास स्मोकिंग करते हैं, तो ऐसे में गर्भपात होने की संभावना बनी रहती है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन द्वारा प्रकाशित एक डेटा के अनुसार प्रीमेच्योर बर्थ, सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम और ब्लड क्लॉट्स होने का खतरा बढ़ जाता है।
पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया कि प्रेगनेंसी के दौरान ऑर्गन मीट, रॉ एग और रॉ स्प्राउट्स से परहेज रखना बहुत जरूरी। इसके साथ ही रिसर्च में बताया गया कि प्रोसेस्ड जंक फूड्स भी प्रेगनेंसी के दौरान हानिकारक हो सकते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान कुछ खास खाद्य पदार्थों से पूरी तरह परहेज रखना जरूरी है। क्योंकि इन खाद्य पदार्थों का सेवन इंफेक्शन का कारण बन सकता है। वहीं मिसकैरेज होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
एनर्जी ड्रिंक, कॉफी और टी जैसे बेवरेज में कैफीन की मात्रा पाई जाती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस का कारण बन सकता है जैसे कि मिसकैरेज और लो बर्थ वेट। यदि आप कंसीव करने के बारे में सोच रहीं हैं, तो अपनी कैफीन की मात्रा को सीमित कर लें। हालांकि, इस दौरान कैफीन से पूरी तरह परहेज रखने की जरूरत नहीं है, इसे एक सीमित मात्रा में अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रेगनेंसी और कैफीन को लेकर किये गए एक अध्ययन में बताया गया है कि प्रेगनेंट लेडीज हर रोज 300 मिलीग्राम कैफीन ले सकती हैं।
जब एक गर्भवती महिला शराब का सेवन करती है तो यह उनके प्लेसेंटा से होकर गुजरता है, जोकि भ्रूण को नुकसान पहुंचाता है। वहीं प्रेगनेंसी के दौरान अल्कोहल का सेवन फीटल एल्कोहल सिंड्रोम का कारण बन सकता है।
जिस कारण बच्चे में फिजिकल असामान्यता, इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी, बिहेवियरल प्रॉब्लम्स, डेवलपमेंटल डिले वही स्किल्स की कमी देखने को मिल सकता है। डॉक्टरों की मानें तो लगभग सभी डॉक्टर प्रेगनेंसी के दौरान दारू से दूरी बनाए रखने की सलाह देते हैं।
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