लिवर शरीर का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग है। आहार के रूप में हम जो भोजन लेते हैं, वह लिवर से होकर ही शरीर के अन्य अंगों तक पाेषक तत्व भेजता है। लिवर शरीर का सबसे बड़ा डायजेस्टिव ग्लैंड है, जो विभिन्न पदार्थों के मेटाबोलिज्म में प्रमुख भूमिका निभाता है। यह शरीर को डीटोक्स करने के साथ-साथ रेड ब्लड सेल्स के ब्रेक डाउन, प्रोटीन और हार्मोन सिनथेसिस, ग्लाइकोजन और ब्लड को भी स्टोर करता है। इसलिए लिवर के स्वास्थ्य के लिए बढ़िया भोजन का चुनाव आवश्यक है। कुछ माइक्रोन्यूट्रीएंटस लिवर को डीटॉक्स कर सकते हैं और उन्हें स्वस्थ भी रख सकते (micronutrients for liver detoxification) हैं। कौन से माइक्रोन्यूट्रीएंट्स इसमें मदद कर सकते हैं और यह काम कैसे संभव हो सकता है, आइये जानते हैं।
सामान्य लोगों में लीवर की बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 19 अप्रैल को वैश्विक स्तर पर यह दिवस मनाया जाता है।
पुर्तगीज जर्नल ऑफ़ गैसटेरोएंटेरोलॉजी के अनुसार, लिवर साइनसॉइड चैनलों के माध्यम से टॉक्सिन को फ़िल्टर करता है। यह कुफ़्फ़र सेल की इम्यून सेल्स के साथ लाइन में सजे होते हैं। ये टोक्सिंस को निगल (Engulf) लेते हैं, पचाते हैं और शरीर से बाहर निकाल देते हैं। इस प्रक्रिया को फैगोसाइटोसिस कहा जाता है।
माइक्रोन्यूट्रीएंट शरीर से टॉक्सिन को साफ करते हैं। यह शरीर को पोषण देकर बीमारी से बचाने में मदद कर सकता है। यह स्वास्थ्य बनाए रखने की क्षमता को रीन्यू कर सकता है। जिंक, मैग्नीशियम, कैल्शियम और सेलेनियम जैसे मिनरल्स के साथ विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी जैसे न्यूट्रीएंट्स डीटोक्सिफाइ करने और लिवर को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अल्टरनेटिव मेडिसिन जर्नल के अनुसार, कॉपर शरीर के लिए जरूरी ट्रेस एलिमेंट है। यह सेलुलर एनर्जी, एंटीऑक्सीडेंट सिक्यूरिटी, आयरन ट्रांसपोर्ट, फाइब्रोजेनेसिस में शामिल एंजाइमों के लिए को-फैक्टर के रूप में कार्य करता है। कॉपर की कमी से ये प्रक्रियाएं बाधित होती हैं और लिवर डिजीज के लिए जिम्मेदार बनती हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, शेल फिश, सीड्स, नटस, साबुत अनाज, डार्क चॉकलेट, मशरूम मआदि कॉपर से भरपूर आहार हैं।
एनल्स ऑफ़ ट्रांसलेशनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित शोध बताते हैं कि शरीर द्वारा स्वाभाविक रूप से उत्पादित सबसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट एंजाइमों में से एक है ग्लूटाथियोन। इसके उत्पादन के लिए मैग्नीशियम आवश्यक है। यह सेलुलर और लिवर डीटोक्सिफिकेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मैग्नीशियम का उचित मात्रा में सेवन करने से लिवर डिजीज के कारण मृत्यु दर के जोखिम में 49% की कमी हो सकती है। कद्दू के बीज (Pumpkin seeds), चिया बीज (Chia Seeds), बादाम(Almond), उबला हुआ पालक, काजू, मूंगफली, सोय मिल्क मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य स्रोत हैं, जो लिवर को डीटोक्स कर सकते हैं।
नेचर जर्नल के अनुसार, लिवर के कार्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है (micronutrients for liver detoxification) जिंक। क्रोनिक लिवर डिजीज (Chronic Liver Disease) वाले मरीजों में आमतौर पर जिंक की मात्रा कम होती है, जो लिवर फाइब्रोसिस के लिए जिम्मेदार होती है।
बीन्स, छोले (Chickpea), दाल, टोफू, अखरोट, काजू, चिया सीड्स, अलसी सीड्स, भांग के बीज, पम्पकिन सीड्स, क्विनोआ आदि जिंक से भरपूर आहार हैं। सुनिश्चित करें कि दैनिक आहार में 50 एमजी जिंक युक्त खाद्य पदार्थ हों।
न्यूट्रीएंट्स जर्नल के अनुसार, कैल्शियम लेवल लिवर मेटाबोलिज्म के नियंत्रण में योगदान देता है। इसके बदले में लिवर रीजेनरेशन के लिए यह एक आवश्यक कारक बनता है। कई खाद्य पदार्थों में विशिष्ट यौगिक या एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो लिवर के कार्य को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं। अंगूर, ब्लूबेरी, क्रैनबेरी, वसायुक्त मछली, ऑलिव आयल, ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स कैल्सियम से भरपूर होती हैं।
यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस के शोध के अनुसार विटामिन ए की कमी और अधिकता दोनों लिवर हेल्थ के लिए खतरनाक है। विटामिन ए सप्लीमेंट अधिक लेने से लीवर रोग का खतरा बढ़ सकता है। विटामिन ए की कमी से लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) का जोखिम बढ़ सकता है।
इससे एसाइटिस या लिवर एन्सेफैलोपैथी की संभावना बढ़ सकती है।पनीर, अंडे, तेल वाली मछली, फोर्टीफाइड लो फैट स्प्रेड, दूध, दही विटामिन ए से भरपूर हैं, जो लिवर को डीटोक्स कर सकते हैं।
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