आजकल की बदलती लाइफस्टाइल से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं लोगों को अपना निशाना बना रही है। उन्हीं में से एक है “फैटी लीवर” (fatty liver) की समस्या। यह बीमारी कुछ और नहीं लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है। अस्वस्थ जीवनशैली, खानपान की गलत आदत, शारीरिक स्थिरता और वातावरण में बढ़ता प्रदूषण इस बीमारी का कारण बन रहा है।
यदि आप चाहें तो इस बीमारी को होने से पहले ही रोक सकती हैं। वहीं फैटी लीवर होने के बाद भी इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल नहीं है। परंतु इसके लिए सबसे जरूरी है आत्मानुशासन। यदि आप अपनी लाइफस्टाइल को लेकर अनुशासित नहीं रहती हैं तो आपको फैटी लीवर के साथ-साथ कई अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
फैटी लीवर के बढ़ते मामलों को देखते हुए आज हम आपके लिए लेकर आये हैं इस बीमारी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी। आइये जाने यह क्या है और इससे किस तरह बचना है।
रूबी हॉल क्लिनिक की जनरल मेडिसिन, जनरल फिजिशियन डॉ. नताशा कुमराह के अनुसार “स्टीटोसिस जिसे आमतौर पर फैटी लीवर के रूप में जाना जाता है, इन दिनों यह समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है। शराब का सेवन, खानपान की गलत आदत और खराब लाइफ़स्टाइल के कारण लीवर में सूजन और फैट जमा हो जाता है। विसरल फैट (शरीर के अंगों के आसपास की चर्बी) सब्क्यूटेनीअस फैट (त्वचा के नीचे जमा फैट) से बिल्कुल विपरीत काम करता है। यह ग्लैंड के रूप में काम करते हुए हॉर्मोन सीक्रिट करता है। वहीं न केवल लिपिड प्रोफाइल पैरामीटर बल्कि शुगर मेटाबोलिज्म और ब्लड प्रेशर को भी प्रभावित करता है। इस स्थिति में पाचन क्रिया प्रभावित होती है साथ ही ऊपरी पेट के दाहिने हिस्से में भी दर्द रहता है।
यह भी पढ़ें : हेल्दी डाइजेशन के लिए डाइट में शामिल करें प्रोबायोटिक से भरपूर ये 5 प्रकार के फर्मेंटेड फूड्स
अधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन लिवर से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बनता है। उन्हीं में से एक है फैटी लीवर की समस्या। इस समस्या में जरूरत से ज्यादा शराब का सेवन करने से लीवर में सूजन और फैट जमा हो जाता है। जिसे आमतौर पर हम फैटी लीवर कहते हैं।
फैटी लीवर की समस्या केवल शराब पीने वालों को नहीं बल्कि उन लोगों को भी होती है जो शराब नहीं पीते। खानपान की गलत आदत और खराब लाइफ़स्टाइल भी फैटी लीवर का कारण हो सकती है। इस स्थिति में भी लीवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा हो जाता है, और लीवर में सूजन आ जाती है।
पेट दर्द
भूख महसूस न होना
वजन कम होना
कमजोरी और थकान महसूस होना
जी मचलना और उलटी आना
त्वचा पर खुजली की समस्या
त्वचा और आंखों का पीला पड़ना
चोट लगने से तुरंत खून निकलना
गहरे पिले रंग का पेशाब
पीला और पतला मल
पैरो में सूजन आना
त्वचा के नीचे उभरे हुए ब्लड वेसल्स नजर आना
भ्रमित रहना
यह भी पढ़ें : क्या कुकिंग ऑयल बन सकता है खराब कोलेस्ट्रॉल का कारण? एक्सपर्ट जानते हैं इसका कारण
डॉ. नताशा कुमराह कहती हैं की “इससे छुटकारा पाने के लिए अपने आहार की गुणवत्ता, मात्रा और समय पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरुरत होती है। इसके लिए अपने डायटिशन से सलाह लेना जरुरी है। वहीं इस समस्या में शारीरिक सक्रियता भी बहुत मायने रखती है। कार्डियो और वेट लिफ्टिंग जैसी शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने से मेटाबोलिज्म बढ़ता है और जमे फैट को कम करने में मदद मिलती है।
फैटी लिवर की स्थिति में कम कार्ब लेना चाहिए साथ ही प्रोटीन युक्त आहार जरुरी है। इस दौरान पहले से मौजूद बिमारियों से राहत पाने में भी मदद मिलती है।”
1. अल्कोहल – फैटी लिवर का एक सबसे बड़ा कारण अल्कोहल होता है। इसके साथ ही अल्कोहल का सेवन लिवर से जुड़ी कई अन्य बीमारियों को भी जन्म दे सकता है। ऐसे में एक सीमित मात्रा में ही अल्कोहल का सेवन करें।
2. ऐडेड शुगर – ऐसे सभी खाद्य पदार्थों से दूरी बनाए रखें जिनमें एडेड शुगर होता है। जैसे कि कैंडी, कुकीज, सोडा और फल का जूस। शरीर में ब्लड शुगर की अधिक मात्रा लीवर में फैट बढ़ने का कारण बनती है।
3. फ्राइड फूड्स – फ्राइड फ़ूड में अधिक मात्रा में फैट और कैलरी मौजूद होती है। ऐसे में इसका सेवन लिवर की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। वहीं यह लिवर में फैट बढ़ने का कारण बनता है।
4. ऐडेड सॉल्ट – आवश्यकता से ज्यादा नमक का सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। शरीर में जरूरत से ज्यादा सोडियम होने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। साथ ही यह फैटी लीवर का कारण बन सकता है।
5. रेड मीट – रेड मीट में सैचुरेटेड फैट मौजूद होता है। ऐसे में इसके सेवन से लिवर में फैट जमा हो जाता है। और आप फैटी लिवर की समस्या से ग्रसित हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें : ये 5 मेकअप मिस्टेक्स बन सकती हैं स्किन इंफेक्शन का कारण, यहां जानिए मेकअप हाइजीन के बारे में सब कुछ