बरसात के मौसम में कई तरह के कीड़े मकोड़े पनपने लगते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है खुली जगहों पर बरसात का पानी जमा हो जाना। ज्यादातर ऐसे जीव गंदगी में ही पैदा होते हैं। हालांकि, बरसात के मौसम में ह्यूमिडिटी भी कीड़े मकोड़ों के पनपने का एक कारण हो सकती है। कभी-कभी कीड़े मकोड़ो के काटने से हुआ इंफेक्शन खासा परेशान कर देता है। खासतौर से छोटे बच्चों को, जो बाहर मैदान में या पार्क में खेलते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इनका तत्काल उपचार किया जाए। यहां केमिकल फ्री 5 प्राकृतिक उपचार दिए गए हैं, जो आपको कीड़े-मकोड़ों के काटने (insect bite home remedies) पर तत्काल राहत दे सकते हैं।
छोटे बच्चों को खुले मैदान या पार्क में खेलना बहुत पसंद होता है। पर इस मौसम में ये दोनों ही जगहें कीड़े-मकोड़ों के हॉट स्पॉट हो सकती हैं। जब बच्चे वहां खेलने जाते हैं, उन्हें इंसेक्ट बाइट होना बहुत कॉमन है। बरसात के मौसम में नमी बढ़ने के कारण भी ऐसे मामले ज्यादा होने लगते हैं। इसकी वजह जगह-जगह ठहरा पानी और पेड़-पौधों के आसपास मौजूद नमी है। इसलिए सबसे पहले अपने आसपास की जगह को साफ-सुथरा रखने का प्रयास करें। अगर बच्चों या किसी को भी इंसेक्ट बाइट हो जाता है तो ये घरेलू उपाय आपकी मदद कर सकते हैं।
ठंडी बर्फ कीड़े मकोड़ो के काटने से हुए इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद करती हैं। ठंडी चीज से सिकाई करने से आपको तुरंत राहत मिलती है। परंतु यह सीमित समय के लिए ही राहत देता है। वही बर्फ को लगातार स्किन पर रख कर न छोड़ें। अन्यथा आपकी स्किन डैमेज हो सकती है। ऐसे में बर्फ को किसी कपड़े में लपेटकर सिकाई करें। तो आप इसे लंबे समय तक स्किन पर रख सकती हैं।
एलोवेरा में मौजूद प्रॉपर्टीज सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकते हैं। इसका प्रयोग हेल्दी स्किन, हेयर ऑयल, पेट की समस्याओं के लिए किया जाता है। परंतु इसके फायदे यहीं तक सीमित नहीं है। पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित एक शोध में एलोवेरा की एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज का जिक्र किया गया है, जो इन्सेक्ट के काटने पर हुए इंफेक्शन को कम करने में मदद करता है।
हालांकि, कीड़े-मकोड़े या मच्छर के काटने पर एलोवेरा जेल का इस्तेमाल फ़ायदेमंद रहेगा। एलोवेरा जेल को उस जगह पर लगाएं जहां आपको इरिटेशन या इचिंग हो रही हो, यह ठंडक देने के साथ ही उसे जल्द से जल्द हील होने में मदद करेगा।
बेकिंग सोडा का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों से लेकर कपड़े साफ करने तक में किया जाता है। इसे सोडियम बाईकार्बोनेट भी कहते हैं। बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कीड़े-मकोड़ों के काटने पर किया जा सकता है।
इसके लिए बेकिंग सोडा में पानी मिलाकर इसका एक पेस्ट तैयार करें। अब इस पेस्ट को इनफेक्टेड स्किन पर लगाकर कुछ देर छोड़ दें। उसके बाद ठंडे पानी में कॉटन के कपड़े को भिगो कर बेकिंग सोडा को हल्के हाथों से रब करते हुए साफ करें। यह तरीका आपको कीड़े मकोड़ों के काटने से हुए इन्फेक्शन को हील करने में मदद करेगा।
पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित डाटा के अनुसार सालों से विनेगर का प्रयोग प्राकृतिक उपचार के तौर पर इंफेक्शन को नियंत्रित करने के साथ ही ब्लड ग्लूकोज से जुड़ी समस्याओं में भी किया जा रहा है। यदि आपको किसी प्रकार के इंसेक्ट के काटने से खुजली या फिर जलन जैसी समस्या हो रही है तो विनेगर की एक-दो बूंद इनफेक्टेड स्किन पर लगाएं।
यह आपके बर्निंग सेंसेशन को कम करने में मदद करेगा। साथ ही इंफेक्शन को और ज्यादा बढ़ने से भी रोकता है। यदि आप चाहे तो ठंडे पानी में विनेगर मिलाकर कॉटन के कपड़े को भिगोकर अपने इनफेक्टेड एरियाज पर लगा सकती हैं।
सालों से लहसुन का प्रयोग प्राकृतिक उपचार के तौर पर किया जाता रहा है। कई समस्याएं जैसे हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में भी लहसुन काम आता है। परंतु इसके साथ ही यह इंसेक्ट्स के काटने से हुई इचिंग और इंफेक्शन से राहत दिलाने में भी मददगार साबित हो सकता है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंइंफेक्टेड एरिया पर लहसुन की कालियों को रगड़ने से राहत मिलेगी। परंतु इसे लगाने के तुरंत बाद जलन महसूस हो सकती है। तो ऐसे में यदि आप चाहें, तो लहसुन को कूट कर थोड़े से कोकोनट ऑयल में मिलाकर प्रभावित त्वचा पर लगा सकती है। गार्लिक में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल इफेक्ट ऐसी समस्याओं में काफी ज्यादा मदद करते हैं।
यह भी पढ़ें : अगर आपका हीमोग्लोबिन भी कम है, तो ये 6 तरीके करेंगे आपकी मदद