नियमित खान पान, बाहरी प्रदूषण, दवाइयों का सेवन इत्यादि के माध्यम से हमारे शरीर में काफी अधिक टॉक्सिंस (toxins) जमा हो जाते हैं। शरीर में टॉक्सिंस के बढ़ने से समग्र सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता हैं। ब्लड में टॉक्सिन्स के बढ़ने से त्वचा संबंधी समस्या, हेयर फॉल, वॉमिटिंग, बैचेनी, पाचन संबंधी समस्या, आदि परेशान करने लगती हैं। इसलिए एक उचित समय के बाद शरीर को डिटॉक्सिफाई (body detox) करना बेहद महत्वपूर्ण है। जिसके लिए आपको अधिक मेहनत करने की आवश्यकता नहीं है, आप बॉडी को प्राकृतिक रूप से भी डिटॉक्सिफाई कर सकती हैं। कई ऐसे आयुर्वैदिक हर्ब्स हैं, जो बॉडी से टॉक्सिंस को बाहर निकलने में आपकी मदद कर सकते हैं।
न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ टोटल की फाउंडर अंजलि मुखर्जी ने बॉडी कोल्ड डिटॉक्सिफाई करने के लिए कुछ खास हर्ब्स (herbs to detox body) के नाम सुझाए हैं। तो चलिए जानते हैं, इन हर्ब्स के बारे में आखिर यह किस तरह से डिटॉक्सिफिकेशन में आपकी मदद कर सकते हैं।
गिलोय को गुडूची भी कहा जाता है। इसके सेवन से बॉडी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद मिलती है। गिलोय की एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबॉयल प्रॉपर्टीज बॉडी से टॉक्सिंस को बाहर निकलने में मदद करते हुए, शरीर को माइक्रोबॉयल डिजीज से प्रोटेक्ट करती हैं। इतना ही नहीं यह पेट, लीवर और किडनी के फंक्शंस को भी इंप्रूव करता है। जिससे बॉडी को टॉक्सिंस एलिमिनेट करने में आसानी होती है।
मुलेठी एक खास जड़ी बूटी है, जिसका इस्तेमाल सालों से आयुर्वेद में होता चला आ रहा है। इसका इस्तेमाल तरह-तरह के बीमारियों के उपचार के तौर पर किया जाता है। वहीं मुलेठी ब्लड टॉक्सिन्स को बाहर निकाल इसे प्यूरिफाई करते हैं, जिससे त्वचा संबंधी समस्या नहीं होती, साथ ही साथ बॉडी में इन्फ्लेमेशन नहीं होता और पाचन क्रिया भी स्वस्थ रहती है। मुलेठी को सर्दी-खांसी की स्थिति में बेहद कारगर माना जाता है। आप इसे ठंड में अपने शरीर को संक्रमण से बचाव के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।
नीम आपके अंदरूनी अंगों को डिटॉक्सिफाई करने के लिए एक बेहद प्रभावी प्राकृतिक एलिमेंट साबित हो सकती है। नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज आपके किडनी और लीवर मैं जमें टॉक्सिंस को बाहर निकलती है, साथ ही नियमित जीवन शैली से ग्रहण होने वाले ब्लड टॉक्सिंस को भी प्यूरिफाई करने में मदद करती हैं।
उचित परिणाम के लिए एक चम्मच नीम पाउडर को एक गिलास पानी के साथ घोलकर ले सकती हैं। इसके अलावा नीम की ताजी पत्तियों को पानी के साथ उबाल कर इसे चाय के रूप में लेना भी एक हेल्दी विकल्प है।
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कुटकी एक बेहद प्रचलित और पुरानी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जिसका इस्तेमाल सालों से तमाम प्रकार की बीमारियों के उपचार के तौर पर किया जा रहा है। यह शरीर में टॉक्सिंस को बनने से रोकती हैं, इसके अलावा शरीर में मौजूद टॉक्सिंस को डिटॉक्सिफाई करने में भी मदद करती हैं। इसका सेवन खास कर लीवर स्वास्थ्य के लिए बेहद कारगर होता है।
यह लीवर को प्रभावित करने वाले सभी टॉक्सिक सब्सटेंस को बाहर निकाल देती हैं, जिससे की लिवर स्वास्थ्य पूर्ण रूप से संतुलित रहता है। इतना ही नहीं यह अल्कोहल टाक्सीसिटी को भी कम करने में मदद करती हैं।
चित्रक को आयुर्वेद में इसके डाइजेस्टिव और डिटॉक्सिफाइंग प्रॉपर्टी के लिए जाना जाता है। यह एक बेहद प्रभावी हर्ब है, जिसे तमाम स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के तौर पर इस्तेमाल केया जाता है। यह बॉडी को डिटॉक्सिफाई करते हुए पाचन क्रिया को संतुलित रखती हैं, और भूख को बढ़ावा देती हैं। ऐसे में अपच, गैस, ब्लोटिंग जैसी समस्याएं नहीं होती। इसके अलावा इसे माइग्रेन, जौंडिस, त्वचा संबंधी समस्याएं, कमजोरी आदि जैसी स्थिति में भी कारगर माना जाता है।
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