जीवन को ठीक से चलाने के लिए बोन्स और जॉइंट का सही से काम करना बहुत जरूरी है। खासतौर से तब जब उम्र 50 के पार होने लगती है। आपने भी अकसर सर्दियों में अपने एजिंग पेरेंट्स को इस तरह की समस्याओं की शिकायत करते देखा होगा। असल में वे इस मौसम में पूरी तरह लाचार हो जाते हैं। फिर बचते हैं कुछ जैल और दवाएं। मगर ये सिर्फ इंस्टेंट रिलीफ देते हैं, समस्या का समाधान नहीं करते। इसलिए हम आपको बता रहे हैं ऐसी 5 आयुर्वेदिक हर्ब्स के बारे में जो उन्हें इस समस्या से राहत दिला सकती हैं।
इस खास भारतीय मसाले को अपनी प्राकृतिक औषधीय क्षमता के लिए जाना जाता है। इसके लिए मुख्य रूप से इसमें मौजूद कर्क्यूमिन की समृद्ध मात्रा को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। हल्दी सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करती है। अंततः जोड़ों का दर्द कम करने और जोड़ों की मूवमेंट को दुरुस्त करने में मदद करता है।
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इस अद्भुत जड़ी- बूटी के नियमित उपयोग का प्रभाव संपूर्ण हड्डियों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। साथ ही यह आने वाले वर्षों तक फिट और सक्रिय रहने में सक्षम बनाता है।
लाल तिपतिया घास या रेड क्लोवर में फार्मोनोनेटिन नामक एस्ट्रोजेन जैसे यौगिक हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं। ये बोन्स पर हार्मोनल असंतुलन के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। यह बोन मिनरल डेंसिटी (bone mineral density) में सुधार करने और ऑस्टियोपोरोसिस की प्रगति को बाधित करने में भी मदद कर सकता है।
काली मिर्च ने टूटने-फूटने के खिलाफ, हड्डियों और जोड़ों की रक्षा करने की अपार क्षमता को दर्शाया है। इस जड़ी बूटी के प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुण चिकित्सा को तेज करके आपकी हड्डियों को मजबूत रखने में मदद कर सकते हैं।
काली मिर्च अध: पतन (degeneration) की प्रक्रिया को धीमा कर सकती है। साथ ही सूजन, ऑक्सीडेटिव तनाव, हड्डियों और जोड़ों के टूटने-फूटने के जोखिम को कम कर सकती है।
शोध अध्ययनों से पता चला है कि ब्लैक कोहोश में हड्डी निर्माण प्रक्रिया को बढ़ावा देने की क्षमता होती है। साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया जैसे अन्य ज्वाइंट डिसऑर्डर के जोखिम को कम करने के लिए प्राकृतिक औषधीय क्षमता भी मौजूद होती है।
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यह एक प्राकृतिक हर्बल उपचार है जिसका उपयोग आमतौर पर हड्डियों की चोट, यहां तक कि फ्रैक्चर लिए भी किया जाता है। यह प्रभावित ऊतकों में नई कोशिकाओं के पुर्ननिर्माण को तेज करके हड्डियों की चिकित्सा को तेजी से बढ़ावा देने में मदद करता है। अर्निका बाजार में कई रूपों में उपलब्ध है। होम्योपैथिक उपचार के रूप में, क्रीम, जैल और बाम में एक अतिरिक्त अर्क के रूप में भी।
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