फाइबर की कमी से हमारा पाचन तंत्र बहुत धीमी गति से चलने लगता है। हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ गति को लगभग एक-चौथाई तक बढ़ा देते हैं । भोजन में फाइबर बैक-अप की कमी होने के कारण कोलन की अच्छी तरह सफाई नहीं हो पाती है। यह धीमी गति से चलने वाला भोजन अतिरिक्त श्लेष्मा (mucous) पैदा करता है, जो आंतों की दीवारों से चिपक जाता है। इसके कारण न सिर्फ पाचन संबंधी समस्या होती है, बल्कि वजन भी बढ़ जाता है। इसलिए आंत की सफाई जरूरी है। लेकिन आंत की सफाई कैसे की जाए(clean colon by 5 foods)
? यह जानने से पहले जानते हैं कि आंत की सफाई क्यों जरूरी है।
अमेरिकन सोसाइटी फॉर न्यूट्रीशन जर्नल के अनुसार, जैसे ही कोलन साफ हो जाता है, यह बिना पचे हुए कचरे को शरीर से बाहर धकेलता है। पोषक तत्वों का अवशोषण हो जाता है। इससे वजन घटने में मदद मिलती है। यदि वेस्ट मटीरियल बहुत अधिक समय तक शरीर में रहता है, तो यह बैक्टीरिया और बीमारी के लिए प्रजनन स्थल बन जाता है।
न्यूट्रीशन जर्नल में उल्लेख है कि कोलन ब्लॉकेज के कारण पर्याप्त फाइबर के बिना हाई प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ एसिड बनाने लगते हैं। इससे कोलन के ऊतक सूजन और रोगग्रस्त हो जाते हैं, इससे कोलन के कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। यदि यीस्ट, फंगस, बैक्टीरिया या मल सामग्री ब्लड सर्कुलेशन से जुड़े ऊतकों में प्रवेश करती है, तो शरीर का पीएच पूरी तरह से असंतुलित हो जाता है। शरीर का पीएच संतुलन कई गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, सरकोपेनिया (मांसपेशियों की हानि), फ्रैक्चर, गुर्दे की पथरी, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, थायरॉयड जैसी समस्याओं को बुलावा देती है।
जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में शोधकर्ता मिशेल रॉकवेल बताते हैं, ‘पर्यावरण और खाद्य रसायनों, एंटीबायोटिक दवाओं, प्रोसेस्ड फ़ूड और अन्य कारकों के कारण आंत के लाभकारी बैक्टीरिया को होने वाले नुकसान की भरपाई में मदद करने के लिए फरमेंटेड फ़ूड, प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना जरूरी है। इनमें किम्ची, केफिर, ग्रीक योगर्ट, चिवरा, कोम्बुचा चाय प्रमुख हैं।’
जर्नल ऑफ़ माइक्रोबायोलोजी में शोधकर्ता गुओलिंग ली बताते हैं कि लहसुन न केवल खाने में स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह तीखा तत्व कोलन की सफाई के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें एंटीवायरल, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फन्ग्ल गुण होते हैं। ये पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों, रोग पैदा करने वाले परजीवियों को हटाने में मदद करते हैं।
लहसुन एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है। यह पाचन में सुधार, खाद्य पोषक तत्वों के अवशोषण और वेस्ट मैटीरियल और टोक्सिंस को खत्म कर सूजन को कम करने में मदद करता है।
मेडीसिन एंड साइंस जर्नल के अनुसार, एलोवेरा जूस का उपयोग असंख्य स्थितियों के इलाज के लिए किया जा सकता है, जिसमें पाचन में सुधार, शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करना और त्वचा की स्थिति का इलाज करना शामिल है। एलोवेरा जूस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसके कारण यह कई बीमारियों को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके फाइबर आंत की सफाई कर वेस्ट मैटीरियल को शरीर से बाहर निकाल देते हैं।
पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने वाले सेब में हाई फाइबर होता है। सेब पेक्टिन से भरपूर होते हैं, जो आंत में निर्मित विषाक्त पदार्थों को जड़ से खत्म करने और आंतों की परत को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं। पेक्टिन केले और खट्टे फलों के छिलके में भी पाया जाता है।
अलसी और चिया के बीज पोषण संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। दोनों में वसा और फाइबर होते हैं, जो स्वस्थ पाचन और स्वच्छ कोलन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। दोनों ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो सेल की दीवारों को स्थिर करने और सूजन को कम करने के लिए जाने जाते हैं।
फ्लैक्स और चिया में सोलयूबल फाइबर होता है, जो पाचन प्रक्रिया को सही करने के लिए भोजन के साथ जुड़ जाता है।
यह भी पढ़ें :- वेट लॉस के लिए ट्राई करें जापानी महिलाओं के ईटिंग टिप्स, जल्दी घटने लगेगी चर्बी