सर्दियों के मौसम में पाचन संबंधी समस्याओं होना बहुत आम है। इस मौसम में हम ज्यादातर समय अपने घर में बिताना पसंद करते हैं और इस दौरान चाय का सेवन बहुत अधिक करते हैं। सर्दी के कारण शारीरिक सक्रियता भी बहुत कम हो जाती है। इस सब के चलते आपके चयापचय का धीमा पड़ जाना स्वभाविक है। जिसकी वजह से पाचन संबंधी परेशानियां होने लगती हैं।
आपकी इस समस्या को दूर करने का उपाय भी आपके आहार में ही छिपा है। हम बता रहे पाचन दुरुस्त रखने वाले ऐसे ही 5 खाद्य पदार्थों के बारे में।
जब आप लगातार कम तापमान के संपर्क में होते हैं, तो आपका शरीर इसे ऊर्जा और गर्मी के संरक्षण के लिए एक संकेत के रूप में लेता है। इस प्रकार यह आपके चयापचय को धीमा कर देता है। जिससे आपका पाचन तंत्र भी सुचारू रूप कार्य नहीं करता है और आपको पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अपने पाचनतंत्र सुचारू रूप से कार्य करने और ठीक रखने के लिए सही तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन बहुत महत्वपूर्ण है।
हम यहां आपको 5 ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जो सर्दियों के दौरान होने वाली पाचन संबंधी समस्याओं से राहत पाने में मदद करेंगे, साथ ही आपको पाचनतंत्र को बू्स्ट करने में भी मदद करेंगे।
यह सबसे पहली और जरूरी चीज है, जिसका आपको सर्दियों के मौसम में पालन करना है। तापमान में गिरावट के साथ, तरल पदार्थों के सेवन में अचानक गिरावट होती है। जिसकी वजह से आंतें सख्त हो जाती हैं, जिससे भोजन का मार्ग कठिन हो जाता है। आंतों के माध्यम से सुचारु रूप से मूवमेंट और कचरे के उन्मूलन के लिए, हर समय हाइड्रेटेड रहना आवश्यक है।
अपने पाचन तंत्र को दुरुस्त कर बाउल मूवमेंट को भी सही बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप दिन भर पानी और कैफीन रहित तरल पदार्थों का सेवन करती रहें। अगर गर्म पानी पी सकती हैं, तो यह और भी बेहतर है। मूली, और टमाटर जैसी पानी आधारित सब्जियों का सेवन भी बहुत प्रभावी साबित हो सकता है।
सर्दियों के मौसम में हमारे आस-पास हरी पत्तेदार सब्जियां मौजूद होती हैं। जो कि हमारे पाचन के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे- सरसों, मेथी, पालक, चौलाई, बथुआ सभी फाइबर से भरपूर होती हैं। जो पाचन के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। फाइबर मल को शरीर से बाहर ले जाने के लिए उत्तेजित करता है।
नेचर केमिकल बायोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, हरी पत्तेदार सब्जियों में सल्फोक्विनोवोस भी होता है। यह एक तरह का शर्करा है, जो पेट में स्वास्थ्यवर्धक बैक्टीरिया को बनाए रखता है।
आयुर्वेद के अनुसार, घी खाना पकाने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे आसानी से पचने वाली वसा है। घी शरीर के ताप तत्व (पित्त) को संतुलित करने का एक प्राकृतिक उपचार है।
यह पाचन में सहायक होता है, कब्ज से बचाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। मूंग दाल खिचड़ी में आधा चम्मच घी डालकर उसका सेवन करना, शरीर को डिटॉक्स करने का एक शानदार तरीका है।
भोजन में जड़ी-बूटियां और मसाले न केवल शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं, बल्कि पाचन को भी बढ़ावा देते हैं। आपकी रसोई में मौजूद दालचीनी, हल्दी, अदरक, इलायची, कैयेने, जायफल, और लौंग सभी पाचक अग्नि को ट्रिगर करने के लिए जाने जाते हैं और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में भी एक अहम भूमिका निभाते हैं।
आप उन्हें चाय या काढ़ा जैसे गर्म पेय पदार्थ में शामिल कर सकती हैं या सूप और शोरबा में डाल सकती हैं। इसके अलावा आप उन्हें अपनी करी और डेज़र्ट में भी मिला सकती हैं।
उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ पाचन की गति को नियंत्रित करते हैं और मलत्याग को आसान बनाते हैं। वे आपके ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित रखते हैं। उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ स्ट्रोक और हाई बीपी के जोखिम को कम करके अच्छे हृदय-स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
फाइबर से भरपूर आहार आपको लंबे समय तक पूर्ण रखने और अवांछित क्रेविंग को रोकने में मदद करता है। जिससे आपको वजन कम करने में भी मदद मिलती है।
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